ऑपरेशन टाइगर: वन विभाग को चकमा देकर चंपत हुआ बाघ, दिल्ली से बुलाए गए विशेषज्ञ
दक्षिणी खीरी के महेशपुर वन रेंज में लोगों पर हमलावर बाघ ने फिर वन विभाग को चकमा दे दिया। उसके पकड़ने के लिए बांधे गए पड्डे को मारकर बाघ चंपत हो गया। बाघ के कैद न होने से ग्रामीणों में दहशत है तो वहीं वन विभाग का दावा है कि बाघ अभी भी वहीं है जहां उसने दो दिन पहले युवक की जान ली थी।
दक्षिणी खीरी के महेशपुर वन रेंज में लोगों पर हमलावर बाघ ने फिर वन विभाग को चकमा दे दिया। उसके पकड़ने के लिए बांधे गए पड्डे को मारकर बाघ चंपत हो गया। बाघ के कैद न होने से ग्रामीणों में दहशत है तो वहीं वन विभाग का दावा है कि बाघ अभी भी वहीं है जहां उसने दो दिन पहले युवक की जान ली थी। अब बाघ को पकड़ने के लिए दिल्ली से भी विशेषज्ञ बुलाए गए हैं। महेशपुर रेंज के बिलहरी बीट में दो ह़फ्तों में हुई बाघ ने दो लोगों को हमला कर मार डाला था। इसके चलते वन क्षेत्र में ऑपरेशन टाइगर चला रहा है। इसके लिए विभाग ने उस जगह के आसपास तीन पड्डे और बकरियां बांधी हैं, जहां दो दिन पहले बाघ ने जाकिर नाम के युवक को मार दिया था।
विभाग यह पता लगाने की कोशिश में था कि बाघ आसपास है या दूर निकल गया। शुक्रवार की सुबह बाघ ने पड्डे पर हमला कर उसे मार दिया। इसके बाद विभाग की उम्मीद बढ़ गई है कि बाघ यहीं पर है और उसे आसानी से घेरा जा सकता है। उधर, भीखमपुर के आंवला जंगल से सटे कस्ता भीखमपुर मार्ग पर बाघ की चहलकदमी लगातार एक सप्ताह से देखीं जा रही है। सीतापुर ब्रांच नहर से निकले आंवला जंगल की नहर पटरी पर शुक्रवार सुबह 5 बजे दो बाघों को राहगीरों ने देखा।
लगातार चकमा दे रहे बाघ को पकड़ने के लिए वन विभाग को अब एक्सपर्ट का सहारा है। पीलीभीत टाइगर रिजर्व, कानपुर प्राणि उद्यान के बाद गोरखपुर से विशेषज्ञ डॉक्टर बुलाए गए हैं। यही नहीं, डीएफओ ने डब्ल्यूडब्लयूएफ दिल्ली को पत्र लिखकर दक्षिण खीरी में एक्सपर्ट भेजने की मांग की है। उधर दुधवा की टीम भी मिशन में लग गई है।
बाघ को दबोचने को लगे हैं विशेषज्ञ
वन टीम अब नए तरीके से काम्बिंग और बाघ को ट्रैंकुलाइज करने के लिए एक्सपर्ट और डॉक्टरों के निर्देशन में काम कर रही है, लेकिन नतीजा कुछ नही निकल रहा है। बाघ को पकड़ने के लिये पिंजरे भी लगे और ट्रैंकुलाइज करने के लिए पीलीभीत से एक्सपर्ट दक्ष गंगवार भी आए। लेकिन सफलता हाथ नहीं लगी। उधर, पीलीभीत में भी ऑपरेशन टाइगर चलने के कारण डॉ. दक्ष वहां चले गए। तब विभाग ने कानपुर प्राणि उद्यान से एक्सपर्ट डॉ. नीतेश कटियार को बुलाया। गोरखपुर से एक्सपर्ट डॉ. दया को भी बुलाया गया। इसके अलावा सीनियर आईएफएस के साथ ट्रेनी आईएफएस भी अभियान में लगाए गए हैं। डब्ल्यूडब्ल्यूएफ के परियोजना निदेशक दबीर हसन ने भी कमान संभाल ली है। डीएफओ संजय विश्वाल का कहना है कि अभियान महत्वपूर्ण है इसलिए दिल्ली से विशेषज्ञों का मार्गदर्शनमांगागयाहै।
भीखमपुर मार्ग पर बाघ की चहलकदमी
आंवला जंगल से सटे कस्ता भीखमपुर मार्ग पर बाघ की चहलकदमी लगातार एक सप्ताह से देखीं जा रही है। सीतापुर ब्रांच नहर से निकले आंवला जंगल की नहर पटरी पर शुक्रवार सुबह 5 बजे दो बाघ एक साथ बैठे कार चालक और राहगीरों ने देखे। वहीं नहर माइनर किनारे झाला बनाकर रहने वाले सरदार अमरीक सिंह परिवार के साथ 5.30 बजे कार से मोहम्मदी जा रहे थे। कार के कस्ता भीखमपुर मार्ग के माइनर पटरी पुल पर पहुंचने पर सामने बाघ देखकर रुक गए।
बैदा खेड़ा में बाघ ने गाय को बनाया निवाला
महेशपुर रेंज में बाघ ने एक गाय को निवाला बना दिया। वन विभाग ऑपरेशन टाइगर चला रहा है, पर हकीकत है कि बाघ के इर्द-गिर्द भी कोई नहीं पहुंच रहा है। शुक्रवार की अल सुबह बाघ ने मूड़ा अस्सी इलाके के ग्राम बैदाखेड़ा में एक गाय को निवाला बना दिया। बाघ हर रोज इलाके में देखा जा रहा है। वन विभाग के कर्मचारी सिर्फ किसानों को सतर्क रहने की सलाह दे रहे हैं। किसानों का कहना है कि अगर सतर्क ही रहेंगे तो खेती किसानी कैसे होगी।