बच्चे को निवाला बनाने वाला तेंदुआ 24 दिन बाद पकड़ा, वन विभाग के पिंजरे में हुआ कैद
पिछले एक महीने की कवायद के बाद लखीमपुर में वन विभाग के लगाए पिंजरे में मंगलवार की सुबह नर तेंदुआ कैद हो गया। इस क्षेत्र में पांच अक्तूबर की रात पिता के साथ जा रहे बच्चे को तेंदुए ने मार डाला था। तभी से उसे पकड़ने की कवायद चल रही थी।
पिछले एक महीने की कवायद के बाद लखीमपुर में वन विभाग के लगाए पिंजरे में मंगलवार की सुबह नर तेंदुआ कैद हो गया। इस क्षेत्र में पांच अक्तूबर की रात पिता के साथ जा रहे बच्चे को तेंदुए ने मार डाला था। तभी से उसे पकड़ने की कवायद चल रही थी। पिंजरे में कैद तेंदुआ परीक्षण में स्वस्थ पाया गया। उसे दुधवा के जंगल में छोड़े जाने का निर्णय लिया गया है। दक्षिण खीरी वन प्रभाग की शारदानगर वन रेंज में आबादी के आसपास घूम रहा तेंदुआ मंगलवार सुबह पिंजरे में कैद हो गया। शारदानगर वन क्षेत्र में मौजूदा समय में चार जगहों पर पिंजरा लगाकर उसे पकड़ने का अभियान चल रहा था।
डीएफओ संजय विश्वाल ने बताया कि पकड़ा गया तेंदुआ नर है और इसकी उम्र पांच साल पाई गई है। कर्तार्नया घाट के डॉ. दीपक ने तेंदुए का परीक्षण किया और शरीरिक तौर पर ठीक निकलने पर उसे दुधवा के जंगल में छोड़ने का निर्णय किया गया है। इस तेंदुए को पकड़ने के लिए चार जगह कैमरे लगाए गए थे। साथ ही आठ कैमरों से उसकी निगरानी की जा रही थी। पकड़ा गया तेंदुआ बेहद गुस्से में था।
वह पिंजरे के अंदर गुर्राता रहा और इस दौरान उसने पिंजरे पर मुंह मारकर खुद को चोट मार ली। हालांकि वह पूरी तरह स्वस्थ है। मंगलवार सुबह शारदानगर वन रेंज के मझरा फार्म के पास लगे पिंजरे में कैद कर लिया। पकड़े गये तेंदुए की उम्र पांच साल बताई जा रही है। तेंदुए का परीक्षण करने को कर्तनिया से विशेषज्ञ डॉ. दीपक कुमार को बुलाकर परीक्षण कराया गया।
तीन दिन से पिंजरे के पास घूम रहा था तेंदुआ
वन विभाग की टीम ने बताया कि मझरा फार्म के पास लगे पिंजरे के पास तीन दिन से तेंदुआ चक्कर काट रहा था। पर वह पिंजरे में बंधी बकरी को निवाला बनाने आगे नहीं आया। मंगलवार की सुबह करीब पांच बजे पिंजरे में कैद हो गया।
तेंदुआ की वजह से बंद चल रहा मनोरंजन पार्क
शारदानगर से थोड़ी दूर पर बना इंदिरा वन मनोरंजन पार्क तेंदुए की मौजूदगी की वजह से बंद चल रहा था। मंझरा फार्म में भी आएदिन इसे देखा जा रहा था। पर्यटकों पर खतरे को देखते हुए उसे दो साल पहले बंद किया गया था। यह पार्क अब भी बंद ही है।