यूपी की हरियाली में इजाफा, 559 वर्ग किमी में फैला जंगल और वृक्ष आवरण, ISFR 2023 की रिपोर्ट में खुलासा
शनिवार को केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने भारत वन स्थिति रिपोर्ट 2023 जारी की। खुशी जताते हुए उन्होंने कहा कि देश के कुल वन और वृक्ष आवरण में 1445 वर्ग किलोमीटर की वृद्धि हुई है। साथ ही 559 वर्ग किलोमीटर के साथ यूपी दूसरे स्थान पर है
केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने शनिवार को उत्तराखंड के देहरादून में वन अनुसंधान संस्थान में "भारत वन स्थिति रिपोर्ट 2023" जारी की। इस दौरान उन्होंने पर खुशी जताते हुए कहा कि देश के कुल वन और वृक्ष आवरण में 1445 वर्ग किलोमीटर की वृद्धि हुई है। साथ ही 559 वर्ग किलोमीटर के साथ यूपी दूसरे स्थान पर है।
पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (एमओईएफसीसी) द्वारा जारी एक विज्ञप्ति में कहा गया है, 'देश का वन और वृक्ष आवरण 827357 वर्ग किलोमीटर है, जो देश के भौगोलिक क्षेत्र का 25.17 प्रतिशत है। जिसमें 715343 वर्ग किलोमीटर (21.76%) वन आवरण और 112014 वर्ग किलोमीटर (3.41%) वृक्ष आवरण है। साल 2021 के आकलन की तुलना में देश के वन एवं वृक्ष आवरण में 1445 वर्ग किलोमीटर की वृद्धि हुई है। जिसमें वन आवरण में 156 वर्ग किलोमीटर तथा वृक्ष आवरण में 1289 वर्ग किलोमीटर की वृद्धि शामिल है।
वन एवं वृक्ष आवरण में अधिकतम वृद्धि दर्शाने वाले शीर्ष चार राज्य छत्तीसगढ़ (684 वर्ग किलोमीटर) हैं। इसके बाद उत्तर प्रदेश (559 वर्ग किलोमीटर), ओडिशा (559 वर्ग किलोमीटर) और राजस्थान (394 वर्ग किलोमीटर) हैं। वन आवरण में अधिकतम वृद्धि दर्शाने वाले शीर्ष तीन राज्य मिजोरम (242 वर्ग किलोमीटर) हैं। इसके बाद गुजरात (180 वर्ग किलोमीटर) और ओडिशा (152 वर्ग किलोमीटर) हैं।
क्षेत्रफल के हिसाब से एमपी पहले नंबर पर
क्षेत्रफल के हिसाब से सबसे अधिक वन एवं वृक्ष आवरण वाले शीर्ष तीन राज्य मध्य प्रदेश (85724 वर्ग किलोमीटर) हैं। इसके बाद अरुणाचल प्रदेश (67083 वर्ग किलोमीटर) और महाराष्ट्र (65383 वर्ग किलोमीटर) हैं। वर्ष 1988 की राष्ट्रीय वन नीति के मुता्बिक पारिस्थितिकी स्थिरता बनाए रखने के लिए भौगोलिक क्षेत्र का कम से कम 33 प्रतिशत भाग वन के अंतर्गत होना चाहिए।
कुल भौगोलिक क्षेत्र के संबंध में वन क्षेत्र के प्रतिशत के संदर्भ में, लक्षद्वीप (91.33 प्रतिशत) में सबसे ज़्यादा वन क्षेत्र है। उसके बाद मिज़ोरम (85.34 प्रतिशत) और अंडमान और निकोबार द्वीप (81.62 प्रतिशत) हैं। वर्तमान आकलन से यह भी पता चलता है कि 19 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में 33 प्रतिशत से ज़्यादा भौगोलिक क्षेत्र वन क्षेत्र के अंतर्गत आता है। इनमें से आठ राज्य/केंद्र शासित प्रदेश अर्थात् मिज़ोरम, लक्षद्वीप, अंडमान और निकोबार द्वीप, अरुणाचल प्रदेश, नागालैंड, मेघालय, त्रिपुरा और मणिपुर में 75 प्रतिशत से ज़्यादा वन क्षेत्र है।
इस कार्यक्रम में पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह और मंत्रालय की सचिव लीना नंदन ने भी भाग लिया। इसके अलावा कार्यक्रम में पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ-साथ भारतीय वानिकी अनुसंधान और शिक्षा परिषद, भारतीय वन्यजीव संस्थान, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वन अकादमी, वन अनुसंधान संस्थान, केंद्रीय राज्य वन सेवा अकादमी, भारतीय सुदूर संवेदन संगठन, भारतीय वनस्पति सर्वेक्षण और भारतीय प्राणी सर्वेक्षण सहित संगठनों के प्रतिनिधि भी शामिल हुए।
1987 में प्रकाशित हुआ था पहला भारत वन स्थिति रिपोर्ट
भारत वन स्थिति रिपोर्ट, भारतीय वन सर्वेक्षण (एफएसआई) द्वारा द्विवार्षिक प्रकाशन है और 1987 से प्रकाशित हो रहा है। 2023 की रिपोर्ट इस श्रृंखला का 18वां संस्करण है। यह देश के वन और वृक्ष संसाधनों को समझने के लिए एक महत्वपूर्ण संसाधन के रूप में कार्य करता है। रिपोर्ट एफएसआई की दो प्रमुख गतिविधियों पर आधारित है, वन आवरण मानचित्रण (एफसीएम) और राष्ट्रीय वन सूची (एनएफआई)।