अयोध्या में रामलला के दर्शन करेंगे कांग्रेस नेता, हनुमानगढ़ी जाकर लेंगे आशीर्वाद
कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव एवं यूपी प्रभारी अविनाश पांडेय बुधवार को सुबह 7.30 बजे पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष एवं पूर्व मंत्री अजय राय के साथ अयोध्या में रामजन्मभूमि मंदिर में भगवान श्री रामलला और हनुमानगढ़ी में संकटमोचन भगवान हनुमान के दर्शन करेंगे।
कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव एवं यूपी प्रभारी अविनाश पांडेय बुधवार को सुबह 7.30 बजे पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष एवं पूर्व मंत्री अजय राय के साथ अयोध्या में रामजन्मभूमि मंदिर में भगवान श्री रामलला और हनुमानगढ़ी में संकटमोचन भगवान हनुमान के दर्शन करेंगे। कांग्रेस नेता राम लला और हनुमान के दर्शन-पूजन कर आशीर्वाद लेंगे। इसके लिए पूरी तैयारी कर ली गई है। अयोध्या और मंदिर के प्रशासन को इसकी जानकारी दी गई है।
राम बारात की झांकी निकाली गई
शुजागंज बाजार में आयोजित रामलीला का शुभारंभ हो गया। अयोध्या के कलाकारों ने भव्य रामलीला का आयोजन रामलीला समिति शुजागंज द्वारा किया गया। आयोजन से पूर्व राम बारात की झांकी बाजार में निकाली गई। इसमें रूदौली पुलिस द्वारा सुरक्षा के व्यापक प्रबंध किए गए। चार दिवसीय रामलीला में अयोध्या के कलाकारों द्वारा प्रभु श्री राम के आदर्शो का मंचन होगा। समिति के उपाध्यक्ष राकेश गुप्त ने बताया कि यहां की रामलीला का आयोजन नवरात्रि व दशहरा के पश्चात होता है। यह परंपरा तीन पीढ़ियों से चली आ रही है। पूर्णिमा के दिन रावण बध को देखने हजारों की संख्या में लोग आते है। उसी दिन मेले का आयोजन मंदिर पक्का तालाब पर किया जाता है। राम बरात में रामू श्रीवास्तव, कैलाश गुप्त, राकेश गुप्त, आदर्श गुप्त, अजय यज्ञसैनी, सौरभ गुप्त व अन्य शामिल रहे।
राम राज्याभिषेक के साथ रामलीला संपन्न
रुदौली/रौजांगाव में श्रीराम विलास समिति की ओर से ख्वाजा हाल स्थित रंगमंच पर अंतिम दिवस भव्य राज्याभिषेक के साथ रामलीला का समापन हो गया। 14 वर्ष का वनवास पूर्ण कर अयोध्या आगमन के उत्सव संग पूरे उल्लास के साथ रामलीला का समापन हुआ।
रामराज बैठे त्रैलोका, हर्षित भये गये सब शोका
‘रामराज बैठे त्रैलोका, हरषित भए गए सब शोका..’ गोस्वामी तुलसीदास महाराज कृत श्रीरामचरितमानस के अनुसार 14 वर्षों के वनवास में लंका विजय कर लौटे प्रभु राम के राज्याभिषेक समारोह के साथ ही रामराज्य की स्थापना हो गयी। इस दिन की प्रतीक्षा कर रहे अवध वासियों ने जयघोष के साथ राजाधिराज का पुष्प वर्षा से स्वागत किया। उधर राज्याभिषेक समारोह में सबसे पहले कुलगुरु महर्षि वशिष्ठ ने उनका राजतिलक कर रामराज्य की घोषणा की थी। उसी परम्परा का अनुगमन करते हुए राजेन्द्र निवास पर आयोजित रामलीला में भी मुख्य अतिथि के रुप में संघ के प्रांत प्रचारक कौशल किशोर ने भगवान का राजतिलक किया।
इस अवसर पर बिंदुगद्याचार्य स्वामी देवेन्द्र प्रसादाचार्य ने कहा कि रामराज्य वह आदर्श राज्य है जिसमें ह्य बयरु न कर काहू सन कोई, रामप्रताप विषमता खोई ह्य अर्थात जहां परस्पर किसी में कोई बैर नहीं था और सभी परस्पर एक दूसरे से प्रेम करते थे। उन्होंने कहा कि रामराज्य की स्थापना के लिए अकेले प्रभुराम का ही त्याग नहीं था बल्कि उनके भाईयों ने भी एक से बढ़कर एक ने अपना योगदान दिया था। निवर्तमान सांसद लल्लू सिंह ने कहा कि रामराज्य की लोकतांत्रिक व्यवस्था का इससे बड़ा प्रमाण नहीं हो सकता जब भगवान राम ने स्वयं अपने सेवकों से कहा कि ह्य जौ अनीति कछु भाषौ भाई, तौ मोहि बरजहु भय बिसराई.. । रंगमहल महंत रामशरण दास, बावन मंदिर महंत वैदेही वल्लभ शरण, हनुमान गढ़ी के सरपंच महंत रामकुमार दास ने विचार व्यक्त किया।