UP Budget Session: उर्दू-अंग्रेजी पर छिड़ी बहस, सीएम योगी बोले-समाजवादियों का चरित्र दोहरा
- सदन में उर्दू और अंग्रेजी पर बहस छिड़ गई। सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि समाजवादियों का चरित्र दोहरा है। ये अपने बच्चों को इंग्लिश मीडियम के स्कूलों में पढ़ाते हैं और दूसरों के बच्चों को बोलेंगे कि गांव के उस विद्यालय में पढ़ें जहां संसाधन ही न हों। ये उर्दू की वकालत करते हैं।
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UP Budget Session 2025: यूपी विधानसभा बजट सत्र का पहला दिन बेहद हंगामेदार रहा। सत्र की शुरुआत से पहले ही सुबह-सुबह तख्तियां और नैतिकता का अस्थि कलश लेकर पहुंचे विपक्ष के सदस्यों ने चौधरी चरण सिंह की प्रतिमा के सामने धरना शुरू कर दिया तो विधानसभा और विधानपरिषद के संयुक्त सदन में राज्यपाल के अभिभाषण के दोरान वे लगातार नारे लगाते रहे। अभिभाषण के बाद साढ़े 12 बजे तक के लिए सदन को स्थगित करना पड़ा। इसके बाद एक बार फिर सदन की कार्यवाही शुरू हुई तो उर्दू और अंग्रेजी पर पक्ष-विपक्ष में बहस छिड़ गई। सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि समाजवादियों का चरित्र दोहरा है। ये अपने बच्चों को इंग्लिश मीडियम के स्कूलों में पढ़ाते हैं और दूसरों के बच्चों को बोलेंगे कि गांव के उस विद्यालय में पढ़ें जहां संसाधन ही न हों। ये उर्दू की वकालत करते हैं।
सदन की कार्यवाही दोबारा शुरू होने पर स्पीकर द्वारा विधानसभा की कार्यवाही में फ्लोर लैंग्वेज हिन्दी के साथ अवधी, भोजपुरी, बृजभाषा, बुंदेलखंडी और अंग्रेजी के इस्तेमाल की जानकारी दिए जाने पर नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय ने कहा यह बड़ी बिडम्बना है कि अंग्रेजी का विधानसभा में प्रयोग किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हम बुंदेलखंडी, भोजपुर आदि अपनी भाषाओं का विरोध नहीं करते हैं लेकिन अंग्रेजी का इस विधानसभा में प्रयोग करना उचित नहीं है। बड़ी मुश्किल से अंग्रेजी हटाई गई थी। हिन्दी को विधानसभा की भाषा घोषित किया गया है। अंग्रेजी को लाकर हिन्दी को कमजोर करने प्रयास किया जा रहा है। अंग्रेजी को हटाने के लिए हम लोगों ने यातनाएं झेली हैं। दिल्ली, लखनऊ, गोरखपुर की जेलों में बंद रहे हैं। यहां कितने लोग हैं? यदि अंग्रेजी करते हैं तो उर्दू भी कर दें। अंग्रेजी का व्यक्तिगत रूप से मेरा विरोध दर्ज कर लें।
इस पर जवाब देते हुए सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि उत्तर प्रदेश की विभिन्न बोलियों भोजपुरी, अवधी, ब्रज और बुंदेलखंडी को इस सदन में सम्मान मिल रहा है। हमारी सरकार इन सभी भाषाओं की अलग-अलग एकेडमी के गठन की कार्यवाही को भी आगे बढ़ा रही है। ये सभी हिन्दी की उपभाषाएं हैं यानी कि हिन्दी की बेटियां हैं। हमें इसका स्वागत करना चाहिए। यह सदन विशुद्ध साहित्यिक साहित्यिक और व्याकरण के विद्वानों का ही नहीं है। सदन में अलग-अलग समाज से सदस्य हैं। यहां विभिन्न तबकों से सदस्य आए हैं। अंतिम पायदान के व्यक्ति की आवाज को भी सदन में मुखरता मिले, इसके लिए यदि वह हिंदी में असमर्थ है तो उसे अवधी, बुंदेलखंडी, भोजपुरी जिसमें भी वो समर्थ हो बोल सकता है। सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि यही ढोंग है। हर अच्छे काम का ये विरोध करते हैं। ये भोजपुरी, अवधी आदि का विरोध करते हैं। उन्होंने कहा ये अपने बच्चों को तो अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों में पढ़ाते हैं लेकिन दूसरे के बच्चों को यदि सरकार सुविधा देना चाहती है तो ये कह देंगे कि उर्दू पढ़ाओ उसको। क्या ये देश को कठमुल्लापन की ओर ले जाना चाहते हैं? यह नहीं चलने वाला है।
विपक्ष से सार्थक चर्चा की अपील
इसके पहले सुबह विधानसभा पहुंचने पर सीएम योगी ने विपक्ष से सार्थक चर्चा की अपील की। उन्होंने बताया कि 20 फरवरी को सदन में उत्तर प्रदेश का वर्ष 2025-26 का आम बजट पेश किया जाएगा। सत्र 18 फरवरी से 5 मार्च तक प्रस्तावित किया गया है। उत्तर प्रदेश के इतिहास में ऐसे बहुत कम अवसर आए हैं जब इतने लंबे समय तक सत्र आहूत किया गया हो। लेकिन सदन की कार्यवाही सुचारू रूप से संपन्न हो, यह केवल सत्ता पक्ष की जिम्मेदारी नहीं है, बल्कि विपक्ष की भी उतनी ही महत्वपूर्ण जिम्मेदारी है। सदन चर्चा परिचर्चा का एक मंच बने। सीएम योगी ने कहा कि पिछले करीब 8 वर्षों में डबल इंजन वाली भाजपा सरकार ने उत्तर प्रदेश के विकास के जो मानक स्थापित किए हैं, वे अभूतपूर्व हैं। इसकी झलक अभिभाषण के साथ-साथ सदन के अंदर चर्चाओं के जरिए भी देखने को मिलती है। उन्होंने कहा कि स्वाभाविक रूप से हताश और निराश विपक्ष इन मुद्दों पर चर्चा करने से भागने की कोशिश करता है और इसमें बाधाएं खड़ी करने की कोशिश करता है सदन की कार्यवाही में विपक्ष की भूमिका महत्वपूर्ण है। अगर विपक्ष सार्थक चर्चा को आगे बढ़ाने में मदद करता है, तो मेरा अनुमान है कि यह सत्र बहुत अच्छा हो सकता है।