पुलिस वालों और डॉक्टरों को फंसाने वाले हनीट्रैप गिरोह की सरगना माधुरी ने का सरेंडर, भेजा जेल
- हनीट्रैप गिरोह की सरगना माधुरी पाल ने शनिवार को कोर्ट में आत्मसमर्पण कर दिया। वह काफी समय से फरार चल रही थी। पुलिस उसकी तलाश कर रही थी। पुलिस की घेराबंदी को चकमा देकर उसने कोर्ट में आत्मसमर्पण कर दिया।
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हनीट्रैप गिरोह की सरगना माधुरी पाल ने शनिवार को कोर्ट में आत्मसमर्पण कर दिया। वह काफी समय से फरार चल रही थी। पुलिस उसकी तलाश कर रही थी। पुलिस की घेराबंदी को चकमा देकर उसने कोर्ट में आत्मसमर्पण कर दिया। उसने पुलिस से लेकर डॉक्टर तक को हनी ट्रैप में फंसा कर मोटी रकम वसूली थी। कोर्ट ने उसे 14 दिन के न्यायिक हिरासत में भेज दिया।
बारादरी थाने में आरोपी महिला माधुरी पाल के खिलाफ हनी ट्रैप गिरोह चलाने और कई लोगों को फंसा कर रकम वसूलने का मुकदमा दर्ज हुआ था। नवाबगंज के शाहपुर के रहने वाले पीड़ित युवक ने बीते साल तीन अप्रैल को थाना बारादरी में तहरीर दी थी। उसका आरोप था कि ममता दिवाकर, माधुरी पाल, रीना उर्फ शीतल और सत्यवीर ने उसे हनी ट्रैप के जाल में फंसाया। ममता ने कॉल कर उसे रीना के कमरे पर बुलाया था।
वहां उसे कोल्डड्रिंक में नशीला पदार्थ देकर बेहोश कर दिया और निर्वख कर गिरोह की महिला के साथ उसके अश्लील फोटो व वीडियो बना लिए। इसके बाद उसे ब्लैकमेल किया। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर ली थी। पुलिस ने ममता दिवाकर उर्फ मधु को डोहरा रोड पुल से गिरफ्तार कर जेल भेजा था। पुलिस पूछताछ में उसने बताया था कि गैंग के साथ मिलकर शहर के कई लोगों को गिरोह ब्लैकमेल कर चुका है। अश्लील वीडियो बनाकर उनसे मोटी रकम वसूली। उसके जाल में फंसे एक डॉक्टर ने अपनी जान तक दे दी थी। इस मामले में ममता जेल भी जा चुकी है। जेल से बाहर आने पर उसने लोगों को फिर फंसाना शुरू कर दिया था। अप्रैल में उसने अपने गैंग के साथ मिलकर युवक से रुपये वसूले थे
पुलिसवालों को भी अपने जाल में फंसा चुका है गिरोह
माधुरी पाल के गिरोह ने कई पुलिस वालों को भी अपने जाल में फसाया है। हनी ट्रैप करने वाले गिरोह के साथ पुलिस की मिलीभगत भी सामने आ चुकी है। परसाखेड़ा के एक उद्यमी को हनीट्रैप में फंसाकर किला चौकी इंचार्ज ने वसूली की कोशिश की थी जिसके खिलाफ किला थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी। करगैना के एक रिटायर्ड दरोगा को फंसाकर हनी ट्रैप गिरोह ने खुद को सीबीआई अफसर बताते हुए रुपये ऐंठ लिए थे। मुरादाबाद के ट्रेनी दरोगा को भी जाल में फंसाकर 50 लाख रुपये मांगे गए थे। रुपये नहीं देने पर झूठे मुकदमे में फंसाने की धमकी दी गई। कोतवाली में दरोगा के पिता ने रिपोर्ट दर्ज कराई थी।