एक फंदे से लटके मिले नाबालिग बुआ-भतीजी के शव, भाई ने बताया रिश्ते का सच
यूपी के बांदा में शनिवार दोपहर रिश्ते की बुआ-भतीजी ने एक ही रस्सी से फंदा लगाकर जान दे दी। दोनों नाबालिग थीं। पुलिस ने दोनों शव पोस्टमार्टम के लिए भेजे हैं। मामले में जांच जारी है।

यूपी में बांदा के जसपुरा में पैलानी थाना क्षेत्र के इच्छावर गांव के मजरा धरीखेड़ा में शनिवार दोपहर रिश्ते की बुआ-भतीजी ने एक ही रस्सी से फंदा लगाकर जान दे दी। दोनों नाबालिग थीं। उन्होंने यह कदम क्यों उठाया, इस बारे में परिजन कुछ भी नहीं बता सके। पुलिस ने दोनों शव पोस्टमार्टम के लिए भेजे हैं। गांव निवासी 15 वर्षीय जमीला पुत्री रत्तीदीन निषाद शनिवार दोपहर घर में थी। तभी पड़ोस में रहने वाली रिश्ते में उसकी भतीजी 17 वर्षीय प्रीति पुत्री स्वर्गीय सूरतलाल उसके घर आई। पानी पीने के बाद वह जमीला को लेकर अपने घर आ गई।
दोपहर करीब ढाई बजे गांव की सुनीता प्रीति के हैंडपंप से पानी लेकर घर पहुंचीं तो दोनों के शव धन्नी के सहारे एक ही रस्सी से बने फंदों पर लटक रहे थे। कुछ ही देर में पैलानी, जसपुरा, चिल्ला थाने की पुलिस और फील्ड यूनिट मौके पर पहुंची। छानबीन के बाद दोनों शव पोस्टमार्टम के लिए भिजवाए गए। घटना को लेकर ग्रामीणों में चर्चाएं रहीं कि छप्पर की ऊंचाई कम है। जिस धन्नी से दोनों लटकी थीं, वह टूटी है।
बताया जा रहा है कि दोनों के पैर जमीन को छू रहे थे। इसको देखते हुए जमीला के बड़े भाई सर्वेश ने हत्या की आशंका जताई है। सीओ राजवीर सिंह गौर ने बताया कि प्राथमिक जांच में आत्महत्या का मामला लग रहा है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही कुछ कहा जा सकता है। हालांकि सभी बिन्दुओं पर मामले की छानबीन की जा रही है।
हालांकि गांव में हर किसी जुबान पर घटना रही। किसी को यकीन ही नहीं हो रहा था कि कुछ ऐसा भी हुआ है। कई ग्रामीण यह कहते जरूर नजर आए कि जरूर कोई गंभीर बात होगी, जो किसी से कुछ कहे बगैर ऐसी घटना हुई। इतनी बड़ी घटना की वजह का सामने न आना भी कम चौंकाने वाला नहीं है।
प्रीति के पिता ने भी फांसी लगा दी थी जान
मृतका जमीला के भाई सर्वेश ने बताया कि प्रीति के पिता सूरतलाल निषाद अहमदाबाद में मजदूरी करते थे। उन्होंने घरेलू कारणों के चलते वर्ष 2013 में अहमदाबाद में फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली थी। सर्वेश ने बताया कि प्रीति और जमीला में बुआ-भतीजी का रिश्ता था, पर सहेली की तरह रहती थीं। सर्वेश ने कहा कि सुनीता का मोबाइल लेकर कॉल डिटेल निकाली जाए, तो स्थिति स्पष्ट हो सकती है।