Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़UP Ayodhya Ram Mandir Ground Floor 160 Pillars Carved with Idols first floor idol carving process continues

अयोध्या राम मंदिर के 160 स्तम्भों पर मूर्तियों बनकर तैयार, अभी इतना रह गया काम

अयोध्या राम मंदिर में भूतल के 160 स्तम्भों पर मूर्तियों का निर्माण पूरा हो गया है। प्रथम तल के स्तम्भों में मूर्तियों को उत्कीर्ण करने का काम जारी है और दूसरे तल में अभी स्तम्भों की स्थापना चल रही है। सप्त मंडपम के एक मंदिर में 70 प्रतिशत निर्माण हुआ।

Srishti Kunj हिन्दुस्तान, अयोध्याSat, 14 Sep 2024 01:27 AM
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अयोध्या में राम मंदिर के भूतल में अधिकांश निर्माण कार्य पहले पूरा हो गया था। यहां अब तक स्तम्भों पर आइकोनोग्राफी (प्रतिमा विज्ञान) के जरिए अलग-अलग तरह की मूर्तियां उत्कीर्ण की जा रही थी। हजारों की संख्या में मूर्तियों को उत्कीर्ण करने की योजना के कारण यह काम बहुत बड़ा है। फिलहाल भूतल में लगे 160 स्तम्भों में इन मूर्तियों को उत्कीर्ण करने का कार्य लगभग पूरा हो गया है जबकि प्रथम तल पर पर 132 स्तम्भों पर मूर्तियों को उत्कीर्ण करने का काम चल रहा है।

इसकी पुष्टि करते हुए श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के न्यासी डॉ.अनिल मिश्र ने बताया कि प्रत्येक स्तम्भ में 16-16 मूर्तियों का निर्माण होना था जिनकी संख्या बाद में बढ़कर 25-25 हो गयी। इसके अलावा हर मूर्ति एक ही मूर्तिकार के हाथ से तैयार की जानी थी क्योंकि यदि एक से अधिक मूर्तिकारों का हाथ लगने पर निर्माणाधीन मूर्ति के स्वरूप में बदलाव हो जाना स्वाभाविक होता है चूंकि सबकी बनावट अलग-अलग होती है। उन्होंने बताया कि इसके कारण काम में पर्याप्त समय की भी जरूरत थी। उन्होंने बताया कि भवन-निर्माण समिति की बैठक में समीक्षा में पाया गया कि दूसरे तल पर स्तम्भों को स्थापित किया जा रहा है।

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इसी तरह से बैठक में समीक्षा में यह रिपोर्ट आई की परकोटे के निर्माण में लगने वाले कुल पत्थरों की मात्रा के सापेक्ष 50 प्रतिशत पत्थरों का उपयोग हो गया है। बताया गया कि परकोटे में करीब नौ लाख घन फुट पत्थरों का प्रयोग होना है जबकि अब तक करीब साढ़े चार लाख घन फुट पत्थरों का इस्तेमाल कर लिया गया है। उन्होंने बताया कि इस तरह से सप्त मंडपम के निर्माण के बारे में जानकारी दी गई कि एक मंदिर में करीब 70 प्रतिशत तक कार्य हो गया है जबकि दो मंदिरों में करीब 50 प्रतिशत व दो अन्य में प्लिंथ का काम चल रहा है। इसी तरह से दो मंदिरों में शुरुआती दौर का काम किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि इन मंदिरों की लोकेशन के अनुसार अलग-अलग मंदिरों में मूर्तियों की स्थापना का विचार हो चुका है लेकिन इसके बारे में आगे समीक्षा के बाद रिपोर्ट सार्वजनिक की जाएगी।

तीर्थ क्षेत्र ने निर्माण पूरा करने के लिए 30 जून 2025 की नयी समयसीमा तय की
राम मंदिर निर्माण में मौसम की मार और श्रमिकों की समस्या के कारण दो माह पीछे चल रहे काम की गति को बढ़ाने का प्रयास किया है लेकिन अभी अपेक्षित सफलता नहीं मिली है। इसके कारण तीर्थ क्षेत्र ने राम मंदिर निर्माण पूरा करने के लिए 30 जून 2025 की नयी डेडलाइन तय की है। इसका खुलासा शुक्रवार को भवन-निर्माण समिति चेयरमैन नृपेन्द्र मिश्र ने करते हुए बताया कि राम मंदिर के शिखर के निर्माण में 120 दिवस का समय लगने का अनुमान है। उन्होंने बताया कि शिखर निर्माण भी नवम्बर के दूसरे सप्ताह में ही शुरू हो सकेगा। ऐसी स्थिति में दिसम्बर 2024 तक काम पूरा नहीं हो सकेगा। उन्होंने बताया कि शिखर का निर्माण 31 जनवरी से लेकर फरवरी 2025 के बीच ही संभव है।

लाइटिंग के ट्रायल के बाद तकनीकी बिड के लिए टेंडर निर्गत
भवन-निर्माण समिति चेयरमैन मिश्र के अनुसार राम मंदिर के पहाड़ लाइटिंग का ट्रायल हो चुका है। इसके तकनीकी बिड के लिए टेंडर निर्गत हो गया है। उन्होंने बताया कि यह टेंडर भी नवम्बर तक फाइनल हो सकेगा। उन्होंने कहा कि राम मंदिर के प्रकाश व्यवस्था के संयोजन में फसाड लाइटिंग केवल मंदिर तक सीमित है न कि शेष परिसर के लिए है। उन्होंने कहा मंदिर में प्रकाश व्यवस्था ऐसी होनी जरूरी है जिससे कि आने वाले श्रद्धालुओं के मन में भक्तिभाव का संचार हो।

उन्होंने बताया कि टेंडर डालने वाली कम्पनियां बताएंगी कि वह मंदिर पर कितनी दूरी से प्रकाश का प्रोजेक्शन करेंगी और प्रोजेक्टर की व्यवस्था कहां की जाएगी व कितनी संख्या में होंगी। बैठक में तीर्थ क्षेत्र के न्यासी डा अनिल मिश्र, मंदिर निर्माण प्रभारी गोपाल राव, सीबीआर आई के पूर्व चेयरमैन एके मित्तल, एलएंडटी के पीड़ी वीके मेहता, टीसीई के पीड़ी बीके शुक्ल व आर्किटेक्ट आशीष सोमपुराशामिलरहे।

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