तीनों तल और शिखर मिलाकर 70 प्रतिशत पूरा हो गया अयोध्या राम मंदिर, एक साल पहले ये थे हालात
- श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के न्यासी डा अनिल मिश्र बताते हैं कि तीनों तल व शिखर को मिलाकर 70% कार्य पूरा हो चुका है। उर्ध्व गामी निर्माण में 161 फिट शिखर के आधार को शामिल कर करीब 15 लेयर का निर्माण हो चुका है।
रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा की पहली वर्षगांठ मनाने की तैयारियां हो रही है। इस एक वर्ष में राम मंदिर निर्माण की प्रगति दूसरी महत्वपूर्ण परियोजनाओं के सापेक्ष कई गुना अधिक रही। यह स्थिति तब है जबकि यहां देश-दुनिया के श्रद्धालुओं का तांता लगा है। श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के न्यासी डा अनिल मिश्र बताते हैं कि तीनों तल व शिखर को मिलाकर 70% कार्य पूरा हो चुका है। उर्ध्व गामी निर्माण में 161 फिट शिखर के आधार को शामिल कर करीब 15 लेयर का निर्माण हो चुका है। प्राण-प्रतिष्ठा तक राम मंदिर के भूतल का कार्य भी अधूरा था।
गर्भगृह व रंग मंडप को छोड़कर नृत्य मंडप, गूढ़ी मंडप, प्रार्थना व कीर्तन मंडप का निर्माण बाकी था। इसके अलावा भूतल में लगे 168 कालमों (स्तम्भों) में से 70 कालमों में आइकोनोग्राफी से मूर्तियों के निर्माण का काम भी अवशेष था। इसके अतिरिक्त प्रथम व द्वितीय तल सहित शिखर पर काम शुरू भी नहीं हो सका था। बावजूद इसके बीते एक साल में भूतल के साथ तीनों तलों का निर्माण हो गया।
इसके अलावा शेष पांचों मंडपों का निर्माण हो गया और शिखर का निर्माण दिखाई देने लगा। शिखर का आधार तैयार हो चुका है। साथ ही 161 फिट शिखर भी ऊंचाइयों की ओर अग्रसर है। प्रथम तल पर दरवाजों को लगाने का काम चल रहा है जबकि द्वितीय तल पर गर्भगृह का निर्माण हो चुका है और फर्श का निर्माण कार्य चल रहा है।
आइकोनोग्राफी से हर स्तम्भ पर बनाई जा रही है 25-25 मूर्तियां
नागर शैली में निर्माणाधीन राम मंदिर के प्रत्येक स्तम्भ (कालम) में यक्ष यक्षिणियों, द्वारपालों-दिग्पालों व अन्य देवी-देवताओं की अलग-अलग 25 25 मूर्तियां बनाई जानी है। एक मूर्ति के निर्माण का काम एक ही कारीगर के जिम्मे है जिससे निर्माण में किसी तरह का अंतर न रहे। पूरे राम मंदिर में 392 स्तम्भ लगाए गये है जिसमें भूतल में 168 स्तम्भ लगाए गए हैं और शेष प्रथम व द्वितीय तल पर है। दूसरे तल पर 74 स्तम्भ और 150 प्रथम तल पर है।
नल-नील और अंगद टीला हो रहा विकसित
श्रीरामजन्म भूमि परिसर में कुबेर नवरत्न टीला का सुदृढीकरण व सुंदरीकरण का काम पूरा हो गया है। यहां कुबेरेश्वर नाथ महादेव के मंदिर का जीर्णोद्धार कराने के साथ नियमित पूजन-अर्चन की व्यवस्था हो गई है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के अलावा राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू व उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ समेत पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविद एवं पूर्व उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू तथा सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ भी यहां पूजन कर चुके हैं। अंगद टीला के अलावा नल- -नील टीले का काम भी शुरू हो चुका है।
भूतल में 18 दरवाजे लगे, प्रथम पर 14 लगाने का चल रहा
राम मंदिर के भूतल में 18 दरवाजे लगाए जा चुके हैं जबकि प्रथम पर 14 दरवाजों को लगाने का चल रहा है। वीवीआईपी, दिव्यांगो और शारीरिक रूप से अशक्त एवं वृद्धों के लिए तीन अलग-अलग लिफ्ट भी लगाई जा रही हैं। परकोटे के छह मंदिरों व सप्त मंडपम को मिलाकर परिसर में 18 मंदिरों का निर्माण भी चल रहा है।