अयोध्या राम मंदिर परिसर में माता सीता भी होंगी विराजमान, सीएम योगी का आग्रह हुआ स्वीकार
अयोध्या के राम मंदिर परिसर में माता सीता भी विराजमान होंगी। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के बोर्ड आफ ट्रस्टीज की बैठक में इस प्रस्ताव को हरी झंडी मिलेगी। ट्रस्टीज जनकनंदिनी किशोरी महारानी के इस मंदिर के लिए नियत स्थान पर भी मुहर लगाएंगे।
राम मंदिर में जनकनंदिनी किशोरी महारानी (माता सीता) भी विराजमान होंगी। अभी तक यहां माता सीता के मंदिर निर्माण की कोई योजना नहीं थी। श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ने माता सीता की स्मृति में सीता रसोई का निर्माण जरूर कराने का निर्णय लिया था और स्थान भी नियत कर दिया है। फिर भी माता सीता के मंदिर के बजाय माता अन्नपूर्णा के मंदिर निर्माण की योजना ही नहीं बनाई बल्कि मंदिर निर्माण की आधारशिला रखी जा चुकी है। फिलहाल माता सीता के मंदिर बनाने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के विशेष आग्रह को तीर्थ क्षेत्र ने स्वीकार कर लिया है। इसके चलते गुरुवार को प्रस्तावित तीर्थ क्षेत्र के बोर्ड आफ ट्रस्टीज की बैठक के एजेंडे में इसका प्रस्ताव शामिल किया गया है।
बैठक में इस प्रस्ताव पर सैद्धांतिक सहमति के बाद स्थान का भी निर्धारण किया जाएगा। बोर्ड के अधिकृत सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार लोकसभा चुनाव के परिणामों की घोषणा के बाद पहली बार सात अगस्त 2024 को अयोध्या आए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रामलला के दर्शन के बाद तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चंपत राय व अन्य न्यासियों के साथ परिसर में ही बैठक कर राम मंदिर की सुरक्षा व्यवस्था एवं निर्माण सम्बन्धित विषयों पर विचार विमर्श किया था।
उस दौरान उन्होंने कहा था कि मुझे उच्च कोटि के की संतों ने सुझाव दिया है कि अयोध्या के वैभव को निखारने व श्रीवृद्धि के लिए माता सीता के आशीर्वाद की जरूरत है, इसलिए उनका मंदिर श्रीरामजन्म भूमि परिसर में बनाया जाना चाहिए। तीर्थ क्षेत्र महासचिव ने उनके इस प्रस्ताव को मान लिया। इस दौरान ऐतिहासिक तथ्य की भी विवेचना की गयी कि आक्रांताओं ने भी मंदिर तोड़ने के बाद अपनी इबादत गाह बनाने के लिए माता सीता को आधार बनाया था और प्रतीक रूप में सीता पाक का पत्थर लगाकर सीता रसोई स्थापित की गई थी।
तीर्थ क्षेत्र के कोषाध्यक्ष महंत गोविंद देव गिरि पहुंचे अयोध्या
उधर मणिराम छावनी में गुरुवार को अपराह्न तीन बजे से आयोजित इस बैठक का एजेंडा अब तक बोर्ड के न्यासियों को नहीं भेजा गया है। तीर्थ क्षेत्र महासचिव चंपत राय ने मोबाइल संदेश के जरिए बैठक की सूचना दी है। इसके चलते कोई न्यासी इस पर अपना कोई अभिमत देने को राजी नहीं है। 15 सदस्यीय बोर्ड की बैठक में सभी सदस्य भौतिक रूप से सम्मिलित होंगे, इसकी संभावना कम है लेकिन वर्चुअल रीति से सभी सदस्य शामिल रहेंगे।
इस बीच तीर्थ क्षेत्र के कोषाध्यक्ष महंत गोविंद देव गिरि यहां पहुंच गये है। वहीं पेजावर मठ पीठाधीश्वर जगद्गुरु माध्वाचार्य स्वामी विश्व प्रसन्न तीर्थ चेन्नई में आयोजित एक अनुष्ठान में व्यस्त हैं,। इसके कारण वह वर्चुअल रीति से बैठक में शामिल होंगे। वहीं भवन-निर्माण समिति चेयरमैन नृपेन्द्र मिश्र के अलावा केंद्र व प्रदेश सरकारों के प्रतिनिधि यहां गुरुवार को पहुंचेंगे। ज्योर्तिमठ पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती व युगपुरुष स्वामी परमानंद व रामलला के वयोवृद्ध अधिवक्ता केशव पारासरन की कोई सूचना नहीं मिली जबकि अध्यक्ष व महासचिव समेत छह न्यासी पहले यहां मौजूद हैं।
तीर्थ क्षेत्र के न्यासी कामेश्वर चौपाल अस्वस्थ
विश्व हिन्दू परिषद के बिहार इकाई के संगठन मंत्री एवं श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के न्यासी कामेश्वर चौपाल गंभीर रूप से अस्वस्थ हैं । बताया गया कि दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल में उनका इलाज चल रहा है। उनका गुर्दा (किडनी) ठीक से काम नहीं कर रहा है। बताया गया कि 23 अगस्त को उन्हें विशेष इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती करा दिया गया है। उनकी बेटी उनकी सेवामेंजुटीहै।
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