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अयोध्या में तैयार हो रहा अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस रामायण विश्वविद्यालय, राम पर शोध कर सकेंगे छात्र

अयोध्या में बन रहे रामायण विश्वविद्यालय में राम पर शोध होगा। महर्षि महेश योगी रामायण विश्वविद्यालय का अस्सी फीसदी काम पूरा हो गया है। छात्र बारहवीं के बाद प्रवेश ले सकेंगे। पीजी के बाद रामायण पर शोध कर सकेंगे।

Srishti Kunj हिन्दुस्तान, अयोध्या, स्वरमिल चंद्राThu, 17 Oct 2024 11:46 AM
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रामनगरी अयोध्या सनातन परपंरा की एक नई इबारत लिखने जा रहा है। नेशनल हाईवे 32 पर रामायण विश्वविद्यालय बनकर लगभग तैयार हो गया है। 500 करोड़ की लागत से बन रहे इस विश्वविद्यालय को महर्षि रामायण विद्यापीठ ट्रस्ट बना रहा है। नवंबर 2023 में महर्षि महेश योगी रामायण विश्वविद्यालय का 80% काम पूरा हो गया है। 21 एकड़ में विकसित किया जा रहा यह विश्वविद्यालय अंतर्राष्ट्रीय स्तर की शैक्षणिक सुविधाएं छात्रों को मिलेंगी। अगले वर्ष अप्रैल तक यह पूरी तरह से बनकर तैयार हो जाएगा। अपने आप में इस अनोखे विश्वविद्यालय में विशेष रूप से छात्र रामायण पर रिसर्च कर सकेंगे।

विश्वविद्यालय में कुल 12 चार मंजिला भवनों का निर्माण किया जा रहा है। ये भवन अत्याधुनिक शैक्षणिक सुविधाओं से लैस होंगे। प्रोजेक्ट मैनेजर मुकेश सक्सेना ने बताया कि यह विश्वविद्यालय एक अद्वितीय शैक्षणिक संस्थान होगा, जो भारतीय धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित करने और उसे आधुनिक संदर्भ में प्रस्तुत करने का कार्य करेगा। विश्वविद्यालय का मुख्य उद्देश्य छात्रों को भारतीय संस्कृति, विशेषकर रामायण की गहराइयों में उतरने का अवसर प्रदान करना है। यहां छात्र और शोधकर्ता रामायण के विभिन्न पहलुओं पर गहन अध्ययन कर सकेंगे। रामायण केवल एक धार्मिक ग्रंथ नहीं, बल्कि यह जीवन जीने की एक प्रणाली है, जो आने वाली पीढ़ियों के लिए लाभदायक होगी।

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इस विश्वविद्यालय में विभिन्न अंडर ग्रेजुएट, पोस्ट ग्रेजुएट व शोध पाठ्यक्रमों की पेशकश की जाएगी, जो छात्रों को बहुआयामी ज्ञान प्रदान करेंगे। विश्वविद्यालय में उच्च गुणवत्ता की शिक्षा देने के लिए अनुभवी शिक्षकों की नियुक्ति की जाएगी। इसके साथ ही, यह विश्वविद्यालय स्थानीय और राष्ट्रीय दोनों स्तर पर शोधकर्ताओं और विद्वानों के लिए एक आकर्षण का केंद्र बनेगा। यह विश्वविद्यालय न केवल छात्रों के लिए ज्ञान का एक केंद्र बनेगा, बल्कि रामायण जैसे प्राचीन ग्रंथों के अध्ययन के माध्यम से भारतीय संस्कृति को भी संरक्षित और प्रोत्साहित करेगा।

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