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BJP से बदला चुकाने को मिल्‍कीपुर की पिच पर सपा ने बदला दांव, अब सारी लड़ाई का फोकस बूथ पर

  • भाजपा की जोरदार तैयारियों को देखते हुए इस सीट को जीतने के लिए सपा के सामने मुश्किलें बढ़ गईं हैं। चुनाव आयोग मिल्कीपुर विधानसभा उपचुनाव का ऐलान कभी भी कर सकता है। यह चुनाव भी ‘बटेंगे तो कटेंगे’ बनाम ‘पीडीए’ की पिच पर ही लड़ा जाना है। ऐसे में सपा के लिए पीडीए को एकजुट रखना सबसे मुश्किल काम है।

Ajay Singh हिन्दुस्तान, लखनऊ। विशेष संवाददाताMon, 2 Dec 2024 03:54 PM
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Milkipur Assembly by-election: हालिया उपचुनाव नौ में केवल दो सीटें जीतने वाली समाजवादी पार्टी ने अब मिल्कीपुर में बीजेपी से बदला चुकाने की बड़ी उम्मीदें बांध रखी हैं। यह सीट उसके लिए खास तौर पर प्रतिष्ठा की लड़ाई का गवाह बनेगी। पर भाजपा की जोरदार तैयारियों को देखते हुए इस सीट को जीतने के लिए सपा के सामने मुश्किलें बढ़ गईं हैं। चुनाव आयोग मिल्कीपुर विधानसभा उपचुनाव का ऐलान कभी भी कर सकता है। यह चुनाव भी अब ‘बटेंगे तो कटेंगे’ बनाम ‘पीडीए’ की पिच पर ही लड़ा जाना है। ऐसे में सपा के लिए पीडीए को एकजुट रखना सबसे मुश्किल काम है क्योंकि कटेहरी, कुंदरकी दोनों सीटों पर उसकी करारी हार हुई। नए प्‍लान के तहत अब सपा ने यहां बूथ मैनेजेंट पर खास जोर दिया है और कुंदरकी, कटेहरी, मीरापुर की हार से सबक लेते हुए सारी लड़ाई बूथ पर फोकस करने पर लगाने की तैयारी शुरू की है।

सपा प्रमुख अखिलेश यादव जल्द मिल्कीपुर का दौरा करेंगे। दो कारणों से सपा इस सीट को अपनी झोली में लाने की कोशिश में है। इस सीट से उसकी प्रतिष्ठा भी जुड़ी है। मिल्कीपुर में सपा ने अजित प्रसाद को पहले से ही प्रत्याशी घोषित कर रखा है, जो सपा के सांसद अवधेश प्रसाद के बेटे हैं। फैजाबाद से सांसद बनने से पहले अवधेश प्रसाद इसी सीट से विधायक थे। ऐसे में न केवल सपा बल्कि खुद अवधेश प्रसाद के लिए अपने बेटे को जिताना खासा अहम है। अखिलेश ने फैजाबाद लोकसभा सीट पर पार्टी की जीत को देशभर में खास तौर पर प्रचारित किया और अवधेश प्रसाद को पार्टी के पोस्टर ब्वॉय के रूप में पेश किया। लोकसभा में अवधेश प्रसाद को अपने बगल में बिठा कर खास संदेश देते हैं।

ब्राह्मण व दलित वोटर बाहुल्य वाली मिल्कीपुर सीट पर मुख्य मुकाबला भाजपा व सपा के बीच ही होना है। यहां माना जा रहा है कि वोटों का ध्रुवीकरण कराने की कोशिश दोनों दल करेंगे। इस कारण यहां दलित व ब्राह्मण वोट एक जुट होकर वोट कर सकते हैं। इस उपचुनाव में कांग्रेस सपा के साथ ही रहेगी जबकि बसपा ने उपचुनाव न लड़ने का ऐलान किया है। ऐसे में बसपा के दलित वोटर किधर जाएंगे। यह बड़ा सवाल भी है और दोनों दलों की निगाह भी इस पर है। वैसे सपा को यहां भाजपा प्रत्याशी का इंतजार है।

अवधेश प्रसाद-आनंदसेन में खाई पाटने की कवायद

अयोध्या में सपा के दो दिग्गज नेताओं के बीच बनी खाई पाटने की कवायद तेज हो गयी है। मिल्कीपुर उपचुनाव से पहले दोनों को फिर से एक मंच पर लाने के लिए कसरत हो रही है। रविवार को सांसद अवधेश प्रसाद और पूर्व मंत्री आनंदसेन गुपचुप तरीके से एक होटल में मनमुटाव को दूर करने का प्रयास करते नजर आए। मिल्कीपुर की राजनीति में गहरी पैठ बनाने वाले सेन परिवार पर उपचुनाव के लिहाज से डोरे डालने की सियासत सांसद अवधेश प्रसाद ने तेज कर दी है।

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