Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़Three Vaishnav Akharas reached the Mahakumbh Mela Swami Ram Bhadracharya also participated in the procession

Mahakumbh 2025: सात शैव के बाद अब मेला पहुंचे तीन वैष्णव अखाड़े, स्वामी रामभद्राचार्य भी पेशवाई में हुए शामिल

वैष्णव संप्रदाय के तीन अखाड़े भी बुधवार को महाकुम्भ मेला क्षेत्र स्थित अपनी छावनी में पहुंच गए। इस संप्रदाय के तीनों अखाडों निर्मोही अनि, दिगंबर अनि, निर्वाणी अनि की पेशवाई बुधवार को एक साथ निकाली गई।

Pawan Kumar Sharma लाइव हिन्दुस्तानWed, 8 Jan 2025 08:43 PM
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Mahakumbh 2025: वैष्णव संप्रदाय के तीन अखाड़े भी बुधवार को महाकुम्भ मेला क्षेत्र स्थित अपनी छावनी में पहुंच गए। इस संप्रदाय के तीनों अखाडों निर्मोही अनि, दिगंबर अनि, निर्वाणी अनि की पेशवाई बुधवार को एक साथ निकाली गई। पूर्व में शैव संप्रदाय के सात अखाड़े मेला क्षेत्र पहुंच चुके हैं। इसके साथ ही मेला में अब अखाड़ों की संख्या दस हो गई है। उदासीन के दो और एक निर्मल अखाड़े की पेशवाई अभी होनी है।

तीनों अखाड़ों की पेशवाई दोपहर बाद केपी इंटर कॉलेज मैदान से निकली, जिसमें अचानक तुलसीपीठाधीश्वर स्वामी रामभद्राचार्य भी शामिल हुए। लगभग 70 ट्रैक्टरों पर सवार होकर तीनों अखाड़ों के महामंडलेश्वर, संत और महंत एमजी मार्ग से मधवापुर सब्जीमंडी की ओर बढ़े। तुलारामबाग स्थित श्रीरूप गौड़ीय मठ के सामने पेशवाई पहुंची तो तुलसीपीठाधीश्वर स्वामी रामभद्राचार्य भी इसमें शामिल हो गए, इसके बाद तो पेशवाई में अलग ही रंग दिखा। एक साथ इतने घंटे और नगाड़े बजने लगे मानों उत्सव आज ही और यहीं हैं।

स्वामी रामभद्राचार्य की एक झलक पाने के लिए लालायित श्रद्धालुओं ने मोबाइल निकाल उनकी तस्वीर कैमरे में कैद की। महिलाएं भीड़ को धक्का देकर आगे आईं और रथ के आगे जमीन पर लेटकर स्वामी को प्रणाम किया। पेशवाई में स्वामी रामभद्राचार्य के आगमन की सूचना मिलते ही पीछे संतों का हुजूम रुक गया। महामंडलेश्वर स्वामी संतोष दास ‘सतुआ बाबा’ आगे आए और स्वामी रामभद्राचार्य को प्रणाम कर पेशवाई में उनका स्वागत किया।

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विदेशी संत भी हुए शामिल

अनि अखाड़ों की पेशवाई में विदेशी महामंडलेश्वर आकर्षण का केंद्र रहे। साई मां के अनुयायियों में महामंडलेश्वर सासा कोका अमेरिका से आईं थीं। महामंडलेश्वर अनंत दास, महामंडलेश्वर रमेश्वरानंद भी पेशवाई में शामिल थे। दोनों अमेरिका से थे, जो वर्ष 2005 से काशी में आश्रम बनाकर रह रहे हैं। वहीं, अमेरिका के त्रिवेणी दास, महामंडलेश्वर दयानंद दास, जीवन दास आदि भी इस अखाड़े की पेशवाई में कदम दर कदम आगे चलते रहे। पेशवाई अलोपशंकरी मंदिर, दारागंज गल्ला बाजार, गंगा पथ मार्ग से त्रिवेणी पांटून पुल के रास्ते मेला पहुंची।

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अब तक ये दस अखाड़े पहुंचे हैं महाकुम्भ मेला क्षेत्र

जूना, आवाहन, अग्नि, महानिर्वाणी, अटल, निरंजनी, आनंद, निर्मोही अनि, दिगंबर अनि और निर्वाणी अनि।

आगे इनकी होनी है पेशवाई

नया उदासीन अखाड़ा (दस जनवरी), निर्मल अखाड़ा (11 जनवरी), बड़ा उदासीन अखाड़ा (12 जनवरी)

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