फरवरी में पेश होने वाला यूपी बजट आठ लाख करोड़ के करीब होगा, 7-14 फरवरी के बीच हो सकता सत्र
- फरवरी में पेश होने वाला यूपी बजट 2025-26 आठ लाख करोड़ के करीब होगा। बताया जा रहा है कि विधानमंडल का बजट सत्र फरवरी के दूसरे सप्ताह में 7-14 फरवरी के बीच हो सकता है।
प्रदेश सरकार द्वारा 2025-26 का बजट फरवरी के दूसरे सप्ताह में विधानसभा में पेश किए जाने की उम्मीद है। वित्त विभाग ने बजट तैयार करने का काम तेज कर दिया है। विभागों से आए प्रस्तावों पर मंथन शुरू कर दिया गया है। कुछ बड़ी परियोजनाओं को इस बजट में शामिल करने की तैयारी है। बजट का आकार करीब आठ लाख करोड़ रुपये के करीब होने का पूर्वानुमान है। बताया जा रहा है कि विधानमंडल का बजट सत्र फरवरी के दूसरे सप्ताह में 7-14 फरवरी के बीच हो सकता है।
एक्सप्रेस-वे की नई परियोजनाओं पर होगा फोकस
इस बजट में कुछ नई परियोजनाएं देखी जा सकेंगी। रोड नेटवर्क खासकर एक्सप्रेस-वे की नई परियोजनाओं के लिए बजट का खास इंतजाम होगा। इसके अलावा ऊर्जा, कृषि, नगर विकास, ग्रामीण विकास के साथ ही सामाजिक क्षेत्र की योजनाओं के लिए बजट में बहुत कुछ देखने को मिल सकता है। वित्त विभाग के पास पहुंचे विभागीय प्रस्तावों पर अब बैठकें शुरू कर दी गई हैं। विभागों द्वारा राजस्व व पूंजीगत मद में बताई गई बजटीय आवश्यक्ताओं पर विभागवार बैठकों का दौर शुरू किया गया है।
2.25 करोड़ रुपये अनुमानित है विकास व्यय के लिए
मध्यकालीन राजकोषीय पुन:संरचना नीति-2024 में आगामी वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए 8 लाख 10 हजार 984 करोड़ रुपये अनुमानित किया गया है। माना जा रहा है कि इस वर्ष के लिए तैयार किया जा रहा राज्य के बजट का आकार इसके आसपास ही होगा। नये वित्तीय वर्ष के बजट में विकास कार्यों के लिए (पूंजीगत व्यय) सरकार 2.25 लाख करोड़ रुपये का आवंटन कर सकती है। विकास कार्यों के मद में बजट का यह आवंटन चालू वित्तीय वर्ष के मुकाबले करीब 25 हजार करोड़ रुपये अधिक होगा।
चालू वित्तीय वर्ष के बजट को खर्च करने में जुटे हैं विभाग
प्रदेश सरकार ने चालू वित्तीय वर्ष 2024-25 का बजट वास्तविकता के करीब रखने के लिए मध्यकालीन राजकोषीय पुन: संरचना नीति में अनुमानित बजट से कुछ कम का बजट प्रस्तुत किया था। चालू वित्तीय वर्ष का मूल बजट सरकार ने 7 लाख 36 हजार 437 करोड़ रुपये का पेश किया था। इसके बाद से दो अनुपूरक बजट आ चुके हैं, जिसे जोड़ने के बाद चालू वित्तीय वर्ष का बजट करीब 7.66 लाख करोड़ के करीब पहुंच गया है। सरकार के निर्देशों के मुताबिक सभी विभाग बजट में प्राविधानित बजट को खर्च करने में तेजी से जुटे हुए हैं ताकि नए वित्तीय वर्ष के लिए वह विकास से जुड़ी योजनाओं के लिए और बजट हासिल कर सकें।