यूपी बजट में मिशन-2024 के संकेत, सांस्कृतिक राष्ट्रवाद के लिए पहली बार बड़ी सौगात
सुरेश खन्ना ने अपने बजट भाषण में विपक्षी दलों की पूर्व में रही सरकारों को निशाने पर लेते हुए भविष्य में मिशन-2024 के संकेत भी दे दिए। बजट में पहली बार सांस्कृतिक राष्ट्रवाद को प्रमुखता से स्थान दिया।
प्रदेश सरकार ने अपने बजट में पहली बार सांस्कृतिक राष्ट्रवाद को प्रमुखता से स्थान दिया है। सरकार ने 559 करोड़ रुपये से अधिक की न केवल व्यवस्था की है बल्कि वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने अपने बजट भाषण में विपक्षी दलों की पूर्व में रही सरकारों को निशाने पर लेते हुए भविष्य में मिशन-2024 के संकेत भी दे दिए। सरकार के पहले के बजटों में भी हालांकि धार्मिक स्थलों के विकास व वहां रोजगार मुहैया कराने के लिए बजट दिया जाता रहा है लेकिन इस बार इसे सियासी वर्ष के मद्देनज़र ज्यादा तवज्जो दी गई है।
उत्तर प्रदेश में पर्यटन की अपार सम्भावनाएं है और इसी के जरिये सरकार ने रोजगार मुहैया कराने का लक्ष्य साधा है। सुरेश खन्ना ने अपने भाषण में कहा कि हमारी सरकार के पहले की सरकारों का रवैया प्रदेश की धार्मिक व सांस्कृतिक धरोहरों के प्रति घोर उपेक्षा का रहा है। प्रदेश में एक ऐसा माहौल बना दिया गया था कि अपनी प्राचीन धार्मिक आस्था को प्रकट करना अपराध की श्रेणी में आ गया था। जब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्राचीन धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहरों के पुरुत्थान का अभियान प्रारंभ किया तो उनका विरोध किया गया। कर्मयोगी व पराक्रमी पुरुष विरोध और अपराध को पराभूत कर अपना मार्ग बनाना जानते हैं।
वैसे स्पिरिचुअल सर्किट योजना के तहत गोरखपुर- देवीपाटन डुमरियागंज का पर्यटन विकास, स्पिरिचुअल सर्किट योजना में जेवर दादरी सिकन्दराबाद नोएडा - खुर्जा बाँदा का समेकित पर्यटन विकास, मथुरा स्थित गोवर्धन के पर्यटन विकास हेतु स्वीकृत योजनाएं चालू हैं। वहीं अयोध्या, वाराणसी, चित्रकूट, विन्ध्याचल, प्रयागराज, नैमिषारण्य, गोरखपुर, मथुरा, बटेश्वर धाम एवं अन्य महत्वपूर्ण पर्यटन स्थलों का पर्यटन विकास एवं सौन्दर्यीकरण के कार्य कराये जा रहे हैं।
इस बार के बजट में भी बड़ी धनराशि का इंतजाम किया गया है। मुख्यमंत्री पर्यटन संवर्धन योजना में प्रदेश में स्थित पर्यटन स्थलों का विकास 300 करोड़ रुपये की धनराशि दी गई है। वहीं अब शक्ति पीठ मां शाकुम्भरी देवी मन्दिर के लिए पर्यटन विकास के लिए 50 करोड़ रुपये का इंतजाम किया गया है। प्रयागराज के विकास के लिए वर्तमान वित्तीय वर्ष में 40 करोड़ रुपये, पर्यटन इकाइयों को प्रोत्साहन के लिए 45 करोड़, बौद्ध परिपथ के विकास के लिए 40 करोड़ रुपये, बुन्देलखण्ड के लिए 40 करोड़, शुकतीर्थ धाम का समेकित पर्यटन विकास के लिए 10 करोड़ और प्रदेश में युवा पर्यटन को बढ़ावा देना के लिए दो करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है। इसी के साथ श्री नैमिषारण्य धाम तीर्थ विकास परिषद के लिए 2.50 करोड़ रुपये की बजट में व्यवस्था की गई है।