Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़The man from Bihar, whose murder sent his brother to jail, was found alive in Jhansi after 17 years

जिसकी हत्या में भाइयों को जेल काटनी पड़ी, बिहार का वह शख्स 17 साल बाद झांसी में जिंदा मिला

  • जिसकी हत्या में भाई जेल को जेल काटनी पड़ी। हत्या के बाद जमीन में गाड़ने का आरोप लगाया था। बिहार का वह शख्स 17 साल बाद यूपी के झांसी में जिंदा मिला। बिहार से आई पुलिस उससे पूछताछ कर रही है।

Deep Pandey लाइव हिन्दुस्तानWed, 8 Jan 2025 10:57 AM
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बिहार से 17 साल पहले अचानक लापता हुए जिस शख्स की हत्या के आरोप में उसके तीन चचेरे भाइयों को जेल काटनी पड़ी, वह शख्स सोमवार को झांसी के गांव धवारा में पुलिस को संदिग्ध हालत में मिला। जानकारी होने परिवारवालों के होश उड़ गए। बिहार से आई पुलिस उससे पूछताछ कर रही है।

बिहार के जिला रोहतास गांव देवरिया पोस्ट पलेजा थाना अकोड़ी गोला निवासी 50 वर्षीय नथुनी पाल झांसी के गांव घवारा निवासी किसान धर्मदास अहिरवार के यहां छह माह से शरण लिए हुए था। वह किसान का हाथ बंटाता था। सोमवार को बरुआसागर थाने की धमना चौकी प्रभारी नबाब सिंह गश्त पर थे। रास्ते में उन्हें संदिग्ध हालात में नथुनी पाल नजर आया।

पूछताछ के दौरान उसने अपने घर का पता दिया। चौकी प्रभारी ने बिहार के थाना अकोड़ी गोला से संपर्क किया तो उनके होश उड़ गए। वहां बताया गया कि नथुनी की 17 सितंबर 2008 को हत्या हो चुकी है। चाचा और चचेरे भाइयों पर हत्या का आरोप है। मामला संज्ञान में आते ही बिहार की पुलिस झांसी के लिए निकल गई।

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यह है नथुनी की पूरी कहानी

नथुनी पाल के पिता रामचंद्रपाल और मां की मौत के बाद चाचा रती पाल ने उसे पाला। रती के चार बेटे विमलेश पाल, भगवान, सतेंद्र, जितेंद्र हैं। 17 सितंबर 2008 को वह लापता हो गया तो नथुनी के मामा बाबूलाल ने चाचा रती और बेटों पर अपहरण कर जमीन के लिए नथुनी की हत्या कर जमीन में गाड़ने का आरोप लगाया। एफआईआर के बाद विमलेश पाल, भगवान, सतेंद्र को सात से आठ माह जेल काटनी पड़ी। मुकदमे के दौरान चाचा रती पाल की मौत हो गई। जितेंद्र पाल का नाम पुलिस में होने के कारण केस से बाहर रखा गया।

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