22 साल की नौकरी के बाद भी शिक्षक को नहीं मिला प्रमोशनल पे स्केल, हाईकोर्ट ने मांगा जवाब
- 20 दिसंबर 2001 के शासनादेश के मुताबिक सहायक अध्यापक की 10 वर्ष की सेवा पूर्ण होने पर चयन वेतनमान का लाभ मिलेगा और उसके 12 वर्ष बाद उसे प्रमोशनल पे स्केल का लाभ दिया जाएगा।
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सहायक अध्यापक को 22 वर्ष की नौकरी के बाद भी प्रमोशनल पे स्केल का लाभ न देने के मामले में बेसिक शिक्षा परिषद से वरिष्ठता सूची के संदर्भ में जवाब मांगा है। यह आदेश न्यायमूर्ति प्रकाश पाडिया ने विजय कुमार की याचिका पर उनके अधिवक्ता अनुराग त्रिपाठी और राहुल कुमार मिश्र को सुनकर दिया है।
दोनों अधिवक्ताओं ने कोर्ट को बताया कि याची की नियुक्ति प्रतापगढ़ जिले के प्राथमिक विद्यालय भावलपुर मानधाता में 15 फरवरी 2000 को बतौर सहायक अध्यापक हुई थी। उन्हें 16 फरवरी 2010 को नियुक्ति तिथि से 10 वर्ष की सेवा पूर्ण होने पर चयन वेतनमान का लाभ मिला। 20 दिसंबर 2001 के शासनादेश के अनुसार सहायक अध्यापक की 10 वर्ष की सेवा पूर्ण होने पर चयन वेतनमान का लाभ मिलेगा और उसके 12 वर्ष बाद उसे प्रमोशनल पे स्केल का लाभ दिया जाएगा। प्रमोशनल पे स्केल के संदर्भ में यह प्रावधान है कि प्रोन्नत वेतनमान स्वीकृत करने के लिए प्रत्येक वर्ष एक बार जिले के बेसिक शिक्षा अधिकारी की अध्यक्षता में चयन समिति का गठन किया जाएगा जो शिक्षक की उपयुक्तता पर विचार कर संस्तुति देगी। इसके आधार पर नियुक्ति अधिकारी प्रोन्नति वेतनमान स्वीकृत करेंगे।
याची ने शासनादेश के अनुसार बेसिक शिक्षा अधिकारी प्रयागराज को प्रत्यावेदन दिया लेकिन कोई कार्यवाही नहीं की गई। इस पर याचिका दाखिल की गई। हाईकोर्ट ने याची के प्रत्यावेदन पर यथाशीघ्र निर्णय लेने का निर्देश देते हुए याचिका निस्तारित कर दी। इसके क्रम में बीएसए ने याची का प्रत्यावेदन निस्तारित करते हुए कहा कि वरिष्ठता सूची बनाई जा रही है। वर्तमान में प्राइमरी स्कूल महीन बहादुरपुर में कार्यरत याची यदि उसके अनुसार आते हैं तो उन्हें प्रोन्नत वेतनमान का लाभ मिलेगा। याची का कहना है कि 2017 से अब तक कोई वरिष्ठता सूची नहीं तैयार की गई है जबकि यह कार्य हर वर्ष होना चाहिए।
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