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Weather Update in UP: यूपी के कई जिलों में भारी बारिश, जानें कल कैसा रहेगा मौसम का हाल 

पूर्वी उत्तर प्रदेश में बुधवार को अधिकांश स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश हुई जबकि कुछ स्थानों पर भारी बारिश दर्ज की गई। मौसम विभाग ने बुधवार को बताया कि पश्चिमी उप्र के अलग अलग स्थानों पर हल्की...

Amit Gupta भाषा, लखनऊWed, 11 Aug 2021 04:36 PM
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पूर्वी उत्तर प्रदेश में बुधवार को अधिकांश स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश हुई जबकि कुछ स्थानों पर भारी बारिश दर्ज की गई। मौसम विभाग ने बुधवार को बताया कि पश्चिमी उप्र के अलग अलग स्थानों पर हल्की बारिश/गरज के साथ छींटे पड़े। वहीं, प्रयागराज, चित्रकूट, प्रतापगढ़, कौशाम्बी, बस्ती, रायबरेली, श्रावस्ती, बलिया, लखनऊ और सुल्तानपुर में कहीं हल्की तो कहीं तेज बारिश दर्ज की गई। मौसम विभाग का अनुमान है कि 12 अगस्त को पूर्वी उत्तर प्रदेश में कुछ स्थानों पर भारी बारिश हो सकती है।

1.4 सेंमी प्रति घंटा की औसत दर से  वाराणसी में बढ़ रहा गंगा का पानी : 

काशी में गंगा धीरे-धीरे रौद्र रूप धारण करती जा रही हैं। धीमी गति से मानव बस्तियों की ओर बाढ़ के फैलाव का क्रम जारी है। वर्ष 2013 जैसे हालात बनने लगे हैं। वर्ष 2013 में भी सावन के तीसरे सोमवार तक गंगा तटवर्ती बस्तियों में दूर तक पहुंच गई थीं। वहीं, गंगा के चलते वरुणा का वेग भी बेलगाम होता दिख रहा है। दोनों नदियों के तटवर्ती दर्जनों मोहल्लों और गांवों में हाहाकारी स्थिति बनती जा रही है। 

उत्तराखंड के साथ मध्यप्रदेश और राजस्थान की भी बारिश का पानी आने से यमुना और गंगा में दबाव बना हुआ है। मंगलवार सुबह गंगा का जलस्तर 71.74 मीटर था जो अगले दस घंटों में 14 सेमी बढ़ाव के साथ 71.88 मीटर पहुंच गया था। गंगा में बढ़ाव की औसत दर 1.4 सेमी प्रति घंटा है। सुबह आठ बजे से शाम पांच बजे तक बढ़ाव की गति एक सेमी प्रति घंटा थी लेकिन शाम पांच बजे के बाद पुन: दो सेमी प्रति घंटा की दर से बढ़ाव दर्ज होने लगा। 
गंगा और वरुणा के उफान से सैकड़ो बीघे में धान आदि खरीफ फसलों के साथ सब्जियों की खेती पूरी तरह डूब चुकी है। पशुओं के लिए चारा-पानी का संकट पैदा हो गया है। वहीं सुरक्षा की दृष्टि से बिजली कटवाने के बाद प्रशासन अभी प्रभावित क्षेत्रों में रोशनी के समुचित प्रबंध नहीं कर सका है। बाढ़ से फंसे लोगों, खासकर बच्चों और बुजुर्गों को मौसमी बीमारियों से बचाने की भी प्रशासन के सामने गंभीर चुनौती है। राहत शिविरों में भोजन और अनाज की शिकायतें बनी हुई हैं।

 

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