Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़UP Weather: Sawan-Bhado like weather in Purvanchal for the first time this monsoon continuous drizzle for 36 hours

UP Weather: पूर्वाचल में सावन-भादो जैसा मौसम, इस मानसून पहली बार 36 घंटे से लगातार टिप-टिप वाली बारिश

इस बार डबल सावन और भादो में भी जैसी बारिश नहीं हुई वैसी पिछले दो दिनों से हो रही है। पूर्वांचल के जिलों में टिप-टिप वाली बारिश का लोग इंतजार करते रहे लेकिन बादलों ने उनकी इच्छा पूरी नहीं की।

Yogesh Yadav लाइव हिन्दुस्तान, वाराणसीTue, 3 Oct 2023 08:26 PM
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इस बार डबल सावन और भादो में भी जैसी बारिश नहीं हुई वैसी पिछले दो दिनों से हो रही है। पूर्वांचल के जिलों में टिप-टिप वाली बारिश का लोग इंतजार करते रहे लेकिन बादलों ने उनकी इच्छा पूरी नहीं की। अब मानसून ने विदाई बेला में पहली बार सावनी माहौल बना दिया है। सोमवार सुबह से शुरू हुई बारिश मंगलवार की देर शाम तक जारी रही। बारिश के कारण अधिकतम तापमान में छह डिग्री की कमी आ गई है। इसके चलते दिन में एसी-कूलर चलाने की जरूरत नहीं पड़ी। मंगलवार को कई स्कूलों में रेनी डे हो गया। जौनपुर में तो डीएम ने ही स्कूलों को बंद करने का आदेश दे दिया।

न्यूनतम तापमान में कोई बदलाव नहीं हुआ है। इससे बादलों के अभी जमे रहने व बारिश होने का संकेत है। मौसम विभाग ने भी अभी दो दिनों तक रिमझिम जारी रहने की संभावना जताई है। इस वर्ष दो महीने के सावन के बाद भादो में भी कुछ ही दिन अच्छी बारिश हुई। दिनभर बादल घिरे रहने और लगातार वर्षा का आनंद सोमवार को मिला। सोमवार को अलसुबह शुरू हुई बारिश दोपहर 12 बजे के आसपास कुछ मिनट के लिए रूकी, उसके बाद चलती रही। सोमवार को अधिकतम तापमान 28 डिग्री और न्यूनतम तापमान 24.8 डिग्री सेल्सियस रहा। 

धान की फसल के लिए बरसा अमृत
टिप टिप वाली बारिश से किसानों के चेहरे खिल उठे। धान के लिए यह बारिश अमृत मानी जा रही है। इसके साथ ही अरहर, उरद और मूंग के साथ टमाटर और मिर्च की खेती के लिए भी फायदेमंद बताई जा रही है। जिले में इस बार 48 हजार हेक्टेयर में धान की खेती हुई है। कल्लीपुर कृषि विज्ञान केंद्र के अध्यक्ष डॉ. नरेंद्र रघुवंशी ने कहा कि धान के लिए वर्षा संजीवनी साबित होगी। उन्होंने दलहनी फसलों में पानी न लगने देने का भी सुझाव दिया।

हल्की-फुल्की बारिश के बीच निजी संसाधनों से युक्त किसानों ने तो धान की नर्सरी तैयार कर खेत में रोपाई की, लेकिन संसाधन विहीन किसानों के खेत जो कभी फसलों से लहलहाते थे आज उनमें न तो धान रोपा जा सका और न ही खरीफ की अन्य फसलों की बुवाई की जा सकी। अब हुई बारिश से सूख रही धान की फसल को बारिश से संजीवनी मिली है।

कृषि विज्ञान केंद्र बेजवां के मौसम वैज्ञानिक डॉक्टर सर्वेश बरनवाल ने बताया कि भदोही जिले में प्रतिवर्ष औसतन 936 मिलीमीटर बारिश होनी चाहिए, जबकि इस मौसम सत्र में अभी तक मात्र 560 मिलीमीटर बारिश हुई है। उन्होंने बताया कि इस मानसून सत्र की सबसे अच्छी बारिश आज हुई और लगभग 56 मिलीमीटर बारिश रिकॉर्ड की गयी। इस बारिश से धान के किसानों को काफी राहत मिलेगी।

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