यूपी के स्कूल-कालेजों व खेती की बिजली में 30 फीसदी बचत, घरेलू बिजली बचाने के ये हैं उपाय
यूपी के स्कूल-कालेजों व खेती की बिजली में 30 फीसदी बचत हुई है। यूपी की पहली ऊर्जा संरक्षित बिल्डिंग लखनऊ का सूचना निदेशालय है। साथ ही 250 वाणिज्यिक भवनों का निर्माण ऊर्जा संरक्षण मानकों पर हो रहा है।
यूपी में ऊर्जा संरक्षण (बचत) पर राज्य सरकार ने ध्यान केंद्रित किया है। नीतियों को अमल में लाने और जागरूकता के कारण कृषि क्षेत्र के साथ ही स्कूल-कालेजों में 30 फीसदी बिजली की बचत होने लगी है। सरकारी व वाणिज्यिक भवनों का निर्माण एनर्जी कन्जर्वेशन बिल्डिंग कोड (ईसीबीसी) के तहत चल रहा है। ये भवन बन जाने पर इनमें आम भवनों की तुलना में 30 से 55 फीसदी तक बिजली की खपत कम होगी।
यूपी में इस कोड पर आधारित पहला भवन राजधानी लखनऊ का सूचना निदेशालय है। जहां पर 50 फीसदी कम बिजली की खपत हो रही है। अपर मुख्य सचिव ऊर्जा महेश कुमार गुप्ता के मुताबिक ऊर्जा की बचत के लिए यूपीनेडा द्वारा इस समय इस दिशा में कई कार्यक्रम संचालित किए जा रहे हैं। प्रदेश सरकार की मंशा के मुताबिक सरकारी भवनों का निर्माण अब ऐसी डिजाइन से किया जा रहा है जिससे कम से कम बिजली की जरूरत पड़े।
यूपीनेडा के वरिष्ठ परियोजना अधिकारी रामकुमार के मुताबिक ऊर्जा संरक्षण अधिनियम-2001 को क्रियान्वित करने के लिए प्रदेश सरकार ने नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा विकास अभिकरण (यूपीनेडा) को ऊर्जा दक्षता ब्यूरो भारत सरकर की अभिहित संस्था बनाया गया है।
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पांच साल में 2908.30 करोड़ यूनिट बिजली बचाई
यूपीनेडा के माध्यम से इस समय राज्य में ब्यूरो आफ इनर्जी एफिशिएंशी (बीईई) के कार्यक्रमों को संचालित किया जा रहा है। यूपीनेडा द्वारा ऊर्जा संरक्षण की दिशा में पिछले पांच साल में किए गए प्रयासों से 2908.30 करोड़ यूनिट बिजली की बचत की जा चुकी है।
ऊर्जा दक्षता भवनों के निर्माण की अधिसूचना जारी की जा चुकी है
रामकुमार के मुताबिक प्रदेश में सरकारी एवं वाणिज्यिक भवनों में ऊर्जा दक्षता के उपायों को लागू करने के लिए एनर्जी कन्जर्वेशन बिल्डिंग कोड (ईसीबीसी) के संदर्भ में अधिसूचना जारी की जा चुकी है। करीब 250 वाणिज्यिक भवनों का निर्माण ईसीबीसी कोड के मुताबिक चल रहा है। ईसीबीसी कोड के संबंध में विकास प्राधिकरणों के कार्मिकों को प्रशिक्षित भी किया गया है, ताकि वे इनर्जी ईसीबीसी कोड का पालन भवन का नक्शा स्वीकृत करने में करा सकें। विद्यार्थियों को भी इसके लिए प्रशिक्षित किया जा रहा है। कस्तुरबा गांधी विद्यालयों में प्रशिक्षण कार्यक्रम कराते हुए स्टूडेंट एनर्जी क्लब की स्थापना कराई गई है।
फाइव स्टार श्रेणी उपकरणों का इस्तेमाल कर बचाई जा सकती है घरेलू बिजली
भवनों के साथ ही उद्योगों में बिजली की खपत कम हो इसके लिए उद्योगों में स्थापित मशीनों को सुपर एफिशिएंट श्रेणी के मोटर व कंप्रेसर प्रयोग में लाने को बढ़ावा दिया जा रहा है। इससे 50 फीसदी तक बिजली की बचत होगी। घरेलू उपकरणों जैसे पंखा, कूलर, एसी, फ्रीज आदि फाइव स्टार श्रेणी का उपयोग में लाए जाने पर घरों की बिजली की खपत 30 से 50 फीसदी तक कम की जा सकती है। अयोध्या नगर निगम के सभी ट्यूबवेल को सुपर एफिशिएंट श्रेणी का बनाने का काम किया जा रहा है।
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