Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़UP nikay chunav: Why the distance started between Akhilesh-Jayant Dimple Yadav also remained silent

यूपी निकाय चुनावः अखिलेश-जयंत के बीच क्यों दिखाई देने लगीं दूरियां, सवाल पूछने पर डिंपल यादव ने भी साधी चुप्पी

पिछले कई चुनावों से कंधा से कंधा मिलाकर प्रचार में जुटे सपा प्रमुख अखिलेश यादव और रालोद अध्यक्ष जयंत चौधरी निकाय चुनाव में कभी एक साथ नहीं दिखाई दिए हैं। इसे लेकर तरह तरह की बातें हो रही हैं।

Yogesh Yadav लाइव हिन्दुस्तान, लखनऊThu, 4 May 2023 07:23 PM
share Share

पिछले कई चुनावों से कंधा से कंधा मिलाकर प्रचार में जुटे सपा प्रमुख अखिलेश यादव और रालोद अध्यक्ष जयंत चौधरी निकाय चुनाव में कभी एक साथ नहीं दिखाई दिए हैं। इसे लेकर तरह तरह की बातें हो रही हैं। कुछ लोग इसे रणनीति का हिस्सा बता रहे हैं तो कुछ लोग दोनों के बीच आ गई दूरियों को लेकर चर्चा कर रहे हैं। इस बारे में डिंपल यादव से भी जब पूछा गया तो उन्होंने चुप्पी साध ली और कोई जवाब नहीं दिया। 

अखिलेश यादव वैसे तो इस बार निकाय चुनावों में प्रचार में बहुत कम ही नजर आए हैं। इसके बाद भी वह पश्चिमी यूपी के सहारनपुर रोड शो करने पहुंचे थे। इस दौरान भीम आर्मी के चंद्रशेखऱ आजाद तो नजर आए लेकिन जयंत चौधरी नहीं दिखाई दिए। इसी के बाद से अखिलेश और जयंत के बीच खटास की बातें ज्यादा होने लगी हैं।

सहारनपुर पश्चिमी यूपी में आता है। पश्चिमी यूपी आरएलडी का प्रभाव क्षेत्र वाला इलाका माना जाता है। जयंत चौधरी अपने इलाके में हो रहे अखिलेश के कार्यक्रम में नहीं दिखाई दिए तो कई तरह की बातें हुईं। सोशल मीडिया पर भी लोगों ने इसे लेकर सवाल पूछे। हालांकि, आरएलडी की तरफ से एक पत्र जारी कर कर स्‍पष्‍ट किया गया है कि पार्टी के स्‍थानीय नेता और कार्यकर्ता भाषण स्‍थल पर पहुंचकर अखिलेश यादव का स्‍वागत और अभिनंदन करेंगे। 

कुछ लोग दोनों के साथ-साथ नहीं दिखाई देने के पीछे रणनीति भी बता रहे हैं। राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि कई सीटों पर सपा और रालोद दोनों के प्रत्याशी आमने-सामने हैं। इसी कारण अखिलेश और जयंत ने एक साथ नहीं दिखाई देने की फैसला लिया है।

हालांकि मथुरा में दोनों दलों ने एक निर्दल प्रत्याशी को समर्थन दिया है। बरेली की सीट सपा ने रालोद के लिए छोड़ दी है। कई सीटों पर सपा और आरएलडी ने अपने सीटों का बंटवारा भी किया है। कई सीटों पर सपा या आरएलडी में से कोई एक प्रत्‍याशी ही चुनाव मैदान में है।

अगला लेखऐप पर पढ़ें