यूपी निकाय चुनाव: आरक्षण का असर, बीजेपी और बीएसपी के कई पार्षद चुनावी मैदान से हो सकते हैं बाहर
UP Nikay chunav 2022: आगरा नगर निगम के वर्तमान बोर्ड में भाजपा और बसपा के पार्षदों की संख्या सर्वाधिक है। इस बार जो आरक्षण आया है, उसका सर्वाधिक असर इन्हीं दोनों दलों के पार्षदों पर होगा।
आगरा नगर निगम के वर्तमान बोर्ड में भाजपा और बसपा के पार्षदों की संख्या सर्वाधिक है। भाजपा के करीब 62 पार्षद हैं तो बसपा के करीब 23 पार्षद सदन में हैं। सात निर्दलीय और अन्य पार्षद कांग्रेस और सपा के हैं।
इस बार जो आरक्षण आया है, उसका सर्वाधिक असर भाजपा और बसपा के पार्षदों पर हो होगा। भाजपा के कई दिग्गज पार्षद मैदान के बाहर रहेंगे। इनमें विभव नगर से भाजपा के पार्षद जगदीश पचौरी की सीट सामान्य से पिछड़ा वर्ग में चली गई है। बल्केश्वर क्षेत्र के पार्षद अमित ग्वाला की सीट महिला आरक्षित हो गई। अशोक नगर वार्ड से राजेश प्रजापति चुनाव जीते थे। लेकिन अब उनकी सीट अनुसूचित जाति महिला के खाते में चली गई है। छीपीटोला क्षेत्र की पार्षद सपना जैन की सीट भी एससी हो गई है।
इसी तरह पार्षद हरी कुमारी की सीट भी एससी के लिए आरक्षित है। दयालबाग क्षेत्र के अमित दिवाकर को भी इस बार दूसरा ठिकाना तलाशना होगा। उनकी सीट ओबीसी हो गयी है। जयपुर हाउस से पार्षद मुकुल गर्ग की सीट भी महिला के खाते में गई है। बसपा पार्षद दल के नेता मनोज सोनी की सीट अनुसूचित जाति महिला के लिए आरक्षित हो गई। तो वहीं भाजपा के पार्षद शरद चौहान की सीट भी अनुसूचित जाति महिला के लिए आरक्षित है।
इसी तरह भोगीपुरा क्षेत्र के पार्षद आशीष पाराशर की सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है। नामनेर से भाजपा पार्षद लक्ष्मी शर्मा, राजा मंडी के मोहन शर्मा और भूड़ का बाग के पार्षद रवि शर्मा भी अपने वार्ड से चुनाव नहीं लड़ पाएंगे। निर्दलीय पार्षद विवेक तोमर की सीट पिछड़ा वर्ग के खाते में गई है।