बागियों ने बिगाड़ा भाजपा-सपा दोनों का खेल, कुछ जीते, कई न जीत सके और न जीतने दिया
यूपी निकाय चुनाव में तमाम प्रयासों के बाद भी भाजपा और सपा बागियों को मैदान से बाहर नहीं कर पाई। नतीजा यह हुआ बहुत सी सीटों पर इन बागियों ने अपनी ही पार्टी को जीत की दौड़ से बाहर कर दिया।
यूपी निकाय चुनाव में तमाम प्रयासों के बाद भी भाजपा और सपा बागियों को मैदान से बाहर नहीं कर पाई। नतीजा यह हुआ बहुत सी सीटों पर इन बागियों ने अपनी ही पार्टी को जीत की दौड़ से बाहर कर दिया। कई जगह इन बागियों को जीत तो नहीं मिली लेकिन उनके कारण उनकी ही पार्टी हार जरूर गई। भाजपा ने विभिन्न जिलों में 500 से अधिक बागियों को बाहर का रास्ता भी दिखाया था। अधिकांश बागी नगर निगमों में पार्षद और नगर पंचायत अध्यक्ष पद पर जीते हैं। कुछ नगर पालिका अध्यक्ष पद और सभासद सीटों पर जीतने में सफल रहे।
कानपुर की बात करें तो भाजपा के सात बागी पार्षद बन गए। नतीजा यह हुआ कि 110 वार्डों में भाजपा को 63 सीटों पर जीत से ही संतोष करना पड़ा। शिवराजपुर नगर पंचायत में बागी के चलते भाजपा दूसरे नंबर पर खिसक गई। फर्रुखाबाद में नवाबगंज, शमशाबाद और मोहम्मदाबाद नगर पंचायतों में बागियों ने ही भाजपा का खेल बिगाड़ा। नवाबगंज में भाजपा के बागी जीते तो बाकी जगह निर्दलीय जीतने में सफल रहे।
हरदोई की संडीला नगर पालिका परिषद में भाजपा प्रत्याशी महेंद्र कुमार मैदान में थे। यहां से भाजपा के ही अभय कुमार गुप्ता टिकट मांग रहे थे। अभय कुमार गुप्ता बागी होकर निर्दलीय मैदान में उतर गए। महेंद्र को 7227 और अभय गुप्ता को 6925 मत मिले।
इसी तरह पार्टी अगर टिकट चयन ठीक करती तो सपा के मो. रईस अंसारी तीसरी बार चुनाव न जीतते और संडीला नगर पालिका पर भाजपा का परचम लहराता। महेंद्र व अभय को मिलाकर कुल 14152 मत मिले। वहीं रईस को मिले 13076 मत मिले जो भाजपा के बागी के कम हैं।
उन्नाव के शुक्लागंज नगर पंचायत, बांगरमऊ नगर पालिका और नवाबगंज, सोनपुर नगर पंचायत में टिकट न मिलने से नाराज भाजपा के बागियों ने नुकसान पहुंचाया। वे निर्दलीय लड़े और जीत गए। हरदोई में माधौगंज नगर पंचायत में भाजपा के बागी को जीत मिली। बलरामपुर की गैंसड़ी नगर पंचायत में बागी प्रिंस वर्मा और परदेशपुर से विनोद कौशल ने जीत हासिल की। सुल्तानपुर की लंभुआ पंचायत में बागी अवनीश सिंह अंगद जीतने में सफल रहे।
आगरा नगर निगम के वार्ड 62 से भरत शर्मा और वार्ड 86 से रिषभ गुप्ता पार्षद बनने में सफल रहे। आगरा की शमशाबाद नगर पालिका के चेयरमैन पद पर भाजपा के बागी ओमकरन जीते। फिरोजाबाद की टूंडला नगर पंचायत में बागी भंवर सिंह अध्यक्ष बनने में सफल रहे। बुलंदशहर की अनूप शहर नगर पालिका में बागी ब्रजेश गोयल ने जीत दर्ज कर भाजपा का खेल बिगाड़ दिया। बागपत के अमीनगर सराय, झांसी के एरच में भी बागी जीते।
बागियों ने हराए भाजपा प्रत्याशी
प्रयागराज में मंत्री नंदगोपाल नंदी के वार्ड में भाजपा की निवर्तमान पार्षद कुसुमलता गुप्ता टिकट न मिलने से नाराज होकर बागी हुई और भाजपा प्रत्याशी को हरा दिया। प्रयागराज की कोरांव नगर पंचायत से बागी ओम प्रकाश केसरी, गड़वारा पंचायत में बागी सीमा सिंह, अंतू नगर में बागी संजय सोनी ने भाजपा प्रत्याशी को हराया। फतेहपुर की नगर पंचायत असोथर और खखरेरू में भाजपा अपने ही बागी प्रत्याशियों से हार गई। खखरेरू में बागी ज्ञान चंद्र केसरवानी और असोथर में बागी नीरज सिंह जीते।
बागियों ने बिगाड़ा खेल
वाराणसी, आजमगढ़ और विंध्य मंडल में 29 बागियों ने पार्टी का खेल बिगाड़ा है। इनमें भाजपा के 21 और सपा के आठ बागी शामिल हैं। बनारस में भाजपा के तीन बागियों में से दो जीत गए और एक ने समीकरण बिगाड़ दिया। सोनभद्र के रेणुकुट, घोरावल और अनपरा नगर पंचायत में भाजपा अपने बागी के कारण ही हार गई।
बलिया पालिका और सिकंदरपुर पंचायत में सपा के तो रेवती पालिका व बासंडीह पंचायत में भाजपा के बागियों ने पार्टी को नुकसान पहुंचाया। गाजीपुर के सदात में भाजपा तो दिलदार नगरपालिका में सपा बागियों के कारण हार गई। आजमगढ़ में भी 11 बागियों ने भाजपा का खेल बिगाड़ा दिया। इसके अलावा भदोही, मऊ, मिर्जापुर और जौनपुर में बागियों के कारण भाजपा और सपा को नुकसान हुआ।