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यूपी के प्राइमरी स्‍कूलों के शिक्षक चलाएंगे ये अभियान, 17  जून से घर-घर देंगे दस्‍तक

हर प्राइमरी स्कूल के 1 किलोमीटर की परिधि के हर घर पर दस्तक देकर गुरुजी यह पता लगायेंगे कि कही कोई बच्चा स्कूल जाने से रह तो नहीं गया। या फिर किसी कारण से स्‍कूल जाना बंद तो नहीं कर दिया है।

Ajay Singh प्रमुख संवाददाता, लखनऊSun, 9 June 2024 06:01 AM
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Primary Schools: स्कूल से दूर हुए बच्चों की खोज के लिए 17 जून से डोर-टू डोर सर्वेक्षण किया जायेगा। हर प्राइमरी स्कूल के एक किलोमीटर की परिधि में आने वाले क्षेत्र में प्रत्येक घर पर दस्तक देकर गुरुजी यह पता लगायेंगे कि कही कोई बच्चा स्कूल जाने से रह तो नहीं गया। या फिर पहले स्कूल जा रहा हो और बाद में उसने स्कूल जाना बन्द कर दिया हो। यानि बच्चा आउट ऑफ स्कूल तो नहीं है। सर्वेक्षण में सबसे पहले ऐसे बच्चों को चिन्हित किया जायेगा और उसके तत्काल बाद उसका नामांकन कराया जायेगा। 

प्रधानाध्यापक के नेतृत्व में होने वाले इस सर्वेक्षण के दौरान शिक्षकों को जहां भी ऐसे आउट ऑफ स्कूल बच्चें मिलेंगे उनके माता-पिता या अभिभावकों से बच्चे के स्कूल न आने के 18 कारण पूछे जाएंगे। इसके साथ ही उनके पूरे परिवार का शैक्षिक सर्वेक्षण भी किया जाएगा। जिसमें यह पता लगाया जायेगा कि परिवार में कितने लोग पढ़े-लिखे हैं, किस स्तर तक शिक्षित हैं, बच्चें को स्कूल भेजने में क्या दिक्कतें आ रही है। स्कूल नहीं भेजने के क्या-क्या कारण हैं। इसके अलावा यह भी पता लगाया जायेगा कि क्या बच्चा घर के कामों में तो नहीं लगा हुआ है। कचरा बीनने या घरेलू नौकर के रूप में या ईंट भट्ठों व खदानों पर काम तो नहीं कर रहा है। या फिर गैराज में काम कर रहा है अथवा खेती-किसानी के कामों में तो नहीं लगा है। इसके अतिरिक्त पुश्तैनी दस्तकारी या आसपास के या फिर शहर के होटलों में काम तो नही कर रहा है। अथवा अपने भाई बहनों की देखभाल में तो नहीं लगा है। या फिर उसके स्कूल नहीं आने का और क्या कारण है। जैसे घह से स्कूल दूर तो नहीं है! उसने कक्षा में अधिक बच्चों की वजह से तो स्कूल आना नहीं छोड़ दिया या उसके प्रति किसी शिक्षक का व्यवहार अनुचित तो नहीं था ,जैसे सवाल पूछे जाएंगे।

जिलेवार फाइनल रिपोर्ट भेजने की जिम्मेदारी बीएसए की 
ड्राप आउट (बीच में ही पढ़ाई छोड़ने वाले) वाले बच्चों को किस प्रकार से नियमित रूप से स्कूल लाया जा सकता है। इन सभी कारकों का भी पता लगाया जायेगा। इस दौरान स्कूल नहीं जाने वाले या ड्राप आउट वाले बच्चों का स्कूलों में दाखिला कराकर उन्हें शिक्षा की मुख्य धारा से जोड़ा जाएगा। सर्वेक्षण में 18 बिन्दुओं की जानकारी एकत्र कर पूरी रिपोर्ट तैयार करने की जिम्मेदारी प्रधानाध्यापक की होगी। स्कूल शिक्षा महानिदेशक के निर्देश के बाद इस बारे में तैयारियां शुरू कर दी गई है। शिक्षकों का सर्वे पूरा कराने, प्रधानाध्यापक सर्वे का एकत्रीकरण कराने के साथ उसकी फाइनल रिपोर्ट तैयार कराने की मुख्य जिम्मेदारी हर जिलें में जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों को सौंपी गई है। बेडिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए) 31 अगस्त के तत्काल बाद स्कूल महानिदेशालय को फाइनल रिपोर्ट भेजेंगे। 

दो चरणों में पूरा किया जायेगा सर्वेक्षण  
स्कूल शिक्षा महानिदेशालय के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार प्रदेश में संचालित ‘शारदा कार्यक्रम’ के तहत परिवार सर्वेक्षण कराया जाएगा। यह अर्वेक्षण फिलहाल दो चरणों में कराया जायेगा। पहला चरण 17 जून से प्रारंभ होकर 17 जुलाई तक चलेगा जबकि  दूसरा चरण एक अगस्त से 31 अगस्त तक चलेगा।

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