यूपी में ड्राइविंग लाइसेंसों पर पड़ा रूस-यूक्रेन युद्ध का असर, इस वजह से नहीं बन पा रहे सवा दो लाख लोगों के डीएल
रूस-यूक्रेन युद्ध के चलते स्मार्ट कार्ड ड्राइविंग लाइसेंस में लगने वाली चिप का संकट पैदा होने से उत्तर प्रदेश में 2.15 लाख ड्राइविंग लाइसेंस फंस गए हैं। चिप की सप्लाई चेन नवंबर 2022 से प्रभावित है।
रूस-यूक्रेन युद्ध के चलते स्मार्ट कार्ड ड्राइविंग लाइसेंस में लगने वाली चिप का संकट पैदा होने से उत्तर प्रदेश में 2.15 लाख ड्राइविंग लाइसेंस फंस गए हैं। चिप की सप्लाई चेन नवंबर 2022 से प्रभावित है। जिसके कारण लखनऊ में प्रिंट होने वाले प्रदेश भर के डीएल नहीं बन पा रहे हैं। इधर, पंजीकरण प्रमाण पत्र भी प्रिंट न होने से रोजाना बड़ी संख्या में वाहन बिना आरसी के सड़कों पर उतर रहे हैं।
उप परिवहन आयुक्त (आईटी) सगीर अहमद अंसारी के मुताबिक, परिवहन विभाग बीते तीन महीने से आरसी व लाइसेंस की प्रिंटिंग नहीं कर पा रहा है। जिसके चलते बड़ी संख्या में लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। प्रिंटिंग ना होने से सूबे की आरसी व लाइसेंस की पेंडेंसी तीन लाख तक पहुंच गई है। नवंबर से प्रिंटिंग बंद होने से आवेदन करने वालों की परेशानी बढ़ती जा रही है। लोग आरटीओ कार्यालय के चक्कर काट रहे हैं।
15 के बाद मिल रहे लाइसेंस
आरआई देवदत्त शर्मा ने बताया कि 15 नवंबर से 15 जनवरी तक आवेदन करने वालों के कार्ड नहीं आ रहे हैं। जबकि 15 जनवरी के बाद आवेदन करने वालों के स्मार्ट कार्ड (लाइसेंस) लखनऊ से बनकर आ रहे हैं।
बिना आरसी नई कार बेकार
आवास विकास कालोनी के नीरज ने बताया कि नए वर्ष पर नई गाड़ी खरीदी थी। पारिवारिक समारोह में उत्तराखंड जाना है। लेकिन, आरसी अभी तक जारी नहीं की है। परिवहन विभाग में कोई सुनवाई नहीं हो रही है।
उप परिवहन आयुक्त (आईटी) सगीर अहमद अंसारी ने इस बारे में बताया कि जैसे-जैसे चिप उपलब्ध हो रही हैं, डीएल जारी हो रहे हैं। डीएल बनाने वाली कंपनी को पेंडेंसी खत्म करने के आदेश दिए गए हैं। कंपनी का कहना है कि 3 करोड़ चिप का आर्डर दिया गया है, जो जल्द मिल जाएंगी।