निकाय चुनाव में हार के बाद मायावती का बड़ा एक्शन, मंडल प्रभारी प्रशांत गौतम को पार्टी से निकाला
यूपी निकाय चुनाव में मिली हार के बाद मायावती एक्शन में आ गई हैं। बसपा की करारी हार के बाद अब पार्टी में आरोप-प्रत्यारोप शुरू हो गया है। इसी कड़ी में मंडल प्रभारी प्रशांत गौतम को पार्टी से निकाल दिया।
यूपी निकाय चुनाव में मिली हार के बाद मायावती एक्शन में आ गई हैं। बसपा की करारी हार के बाद अब पार्टी में आरोप-प्रत्यारोप शुरू हो गया है। इसी कड़ी में अनुशानहीनता और पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोप में मंडल प्रभारी प्रशांत गौतम को बसपा से निष्कासित कर दिया गया है। उधर, प्रशांत गौतम ने कहा कि बसपा की कमान ऐसे लोगों के हाथ में है, जिनका अपना कोई जनाधार नहीं है। जनाधार विहीन नेताओं के हाथ में पार्टी की कमान होने के कारण हार हुई है और उन्होंने 15 मई को ही इस्तीफा दे दिया था।
मेयर चुनाव में बसपा प्रत्याशी हसमत मलिक की करारी हार हुई। उनकी जमानत तक जब्त हो गई। इसके बाद पार्टी में आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है। बसपा जिलाध्यक्ष मोहित आनंद ने पार्टी नेतृत्व के निर्देश पर मंडल प्रभारी प्रशांत गौतम को पार्टी से निष्कासित कर दिया। प्रशांत गौतम पर पार्टी में अनुशासनहीनता फैलाने, पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त रहने के गंभीर आरोप हैं। जिलाध्यक्ष ने कहा कि पार्टी विरोधी गतिविधियों को लेकर कई बार चेतावनी भी दी गई। इसके बावजूद कार्यशैली में सुधार नहीं होने पर पार्टी से निष्कासित कर दिया।
उधर, बसपा के निष्कासित मंडल प्रभारी प्रशांत गौतम ने कहा है कि उन्होंने राष्ट्रीय अध्यक्ष को पत्र भेजकर बताया कि बसपा की निकाय चुनाव में हार मुस्लिम समाज का पार्टी नीतियों से अलग होने के कारण हुई। उन्होंने यह भी आरोप लगाये कि बसपा के बड़े पदाधिकारी केवल आर्थिक हितों को साधने का कार्य करते रहे, जबकि भाजपा में मुख्यमंत्री, सपा में पूर्व मुख्यमंत्री तक प्रचार में जुटे रहे। बसपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री की ओर से न तो कोई बयान और न ही रैली आदि किया गया। इससे कार्यकर्ताओं का मनोबल गिरा। 15 मई को उन्होंने बसपा से इस्तीफा दे दिया।
बसपा नेता 18 को लखनऊ तलब
उधर, मेरठ में बसपा प्रत्याशी की करारी हार को लेकर पार्टी के जिलाध्यक्ष समेत कई नेताओं को 18 मई को लखनऊ तलब किया गया है। लखनऊ में उच्चस्तरीय बैठक के बाद कुछ और कार्रवाई हो सकती है। वैसे चर्चा है कि बसपा नेताओं की कोई ऑडियो वायरल होने के बाद इस तरह की कार्रवाई हुई है।