अब हफ्ते में सिर्फ तीन दिन खुलेंगे यूपी के ये बैंक, पहली बार लागू होने जा रहा नया सिस्टम
24 घंटे बैंकिंग के दौर में सहकारी बैंक उल्टी दिशा में चल रहे हैं। जिला सहकारी बैंकों के इतिहास में ऐसा पहली बार होने जा रहा है। कई बैंक शाखाएं हफ्ते में दो या तीन दिन चलाने का आदेश जारी किया गया है।
District Cooperative banks will open only three days a week: 24 घंटे बैंकिंग के दौर में सहकारिता विभाग के जिला सहकारी बैंक उल्टी दिशा में चल रहे हैं। जिला सहकारी बैंकों के इतिहास में ऐसा पहली बार होने जा रहा है, जब कई जिलों में कर्मचारियों के अभाव में बैंक शाखाएं सप्ताह में दो अथवा तीन दिन चलाने का आदेश जारी किया गया है। कर्मचारियों की रिक्तियों को भर पाने की प्रबंधन की नाकामियों का खामियाजा इन बैंकों के लाखों खाताधारक भुगत रहे हैं।
बीते 24 नवंबर को जिला सहकारी बैंक बलिया के सचिव, मुख्य कार्यपालक अधिकारी ने बैंक कार्मिकों की अत्यधिक कमी के कारण बैंक की 20 में से 18 शाखाओं को सप्ताह में तीन दिन खोले जाने का आदेश जारी किया है। इन शाखाओं को खोलने के लिए कर्मचारियों की ड्यूटी सप्ताह में दो से तीन शाखाओं में लगाई गई हैं। सचिव ने लिखा है कि पुराने कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति तथा नए कर्मियों की भर्ती न होने के कारण मौजूदा समय में कर्मचारियों की अत्यधिक कमी है। जिसे देखते हुए शाखाओं को रोटेशन की व्यवस्था की गई है।
पूर्वांचल और अवध के कई जिलों में कर्मचारियों की भारी कमी
बस्ती में जिला सहकारी बैंक की शाखाओं की स्थिति और खराब है। बताया जाता है कि बस्ती में 19 शाखाओं के सापेक्ष 19 ही कर्मचारी हैं। सप्ताह में महज दो दिन शाखाएं खुल पा रही हैं। पूर्वांचल व अवध में कई जिलों में जिला सहकारी बैंकों का कमोवेश यही हाल है। सुलतानपुर, गाजीपुर आदि कई जिलों में भी शाखाएं जैसे-तैसे खोली जा रही हैं। कई शाखाएं एक कर्मचारी के सहारे चलाई जा रही हैं। जब वह कर्मचारी छुट्टी पर होता है तो शाखा बंद कर दी जाती है।
रिक्तियों का ब्योरा एकत्र करने के बाद भी नहीं भेजा अधियाचन
इन बैंकों में कर्मचारियों की कमी को देखते हुए तमाम बैठकों में सहकारिता राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) जेपीएस राठौर ने खाली पदों के सापेक्ष भर्तियां करने का आदेश दिया। उनके आदेशों के बाद सहकारिता सेवामंडल ने प्रदेश के सभी 50 जिला सहकारी बैंकों से रिक्तियों का ब्योरा एकत्र किया। रिक्तियों का यह ब्योरा आयुक्त एवं निबंधन कार्यालय व शासन तक पहुंचा लेकिन भर्ती के लिए कोई कार्यवाही नहीं होने की सूचना है। 32 जिला सहकारी बैंकों का जो ब्योरा मिला उसके मुताबिक इन बैंकों में 3265 स्वीकृत पदों के सापेक्ष कुल 861 कार्मिक ही कार्यरत हैं। यानी 2404 पद रिक्त पड़े हैं।
सहकारिता मंत्री बोले
सहकारिता राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) जेपीएस राठौर ने कहा कि प्रमुख सचिव सहकारिता को डीसीबी की रिक्तियों को भरे जाने का आदेश दिया गया है। यथाशीघ्र भर्ती के लिए अधियाचन भेजने को उनसे कहा गया है। आईबीपीएस के माध्यम से बैंक कर्मियों की भर्ती के लिए एमओयू किया जा चुका है।
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