Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़Free ration: Big fraud in the name of one country one ration card swindlers earned crores STF caught three

निःशुल्क राशनः एक देश एक राशन कार्ड के नाम पर बड़ा फर्जीवाड़ा, ठगों ने कमाए करोड़ों, STF ने तीन को पकड़ा

एक देश एक राशन कार्ड बनाने के लिए फर्जी निविदा निकाल दी। इसी निविदा के जरिए कई करोड़ वसूल लिए। मामला संज्ञान में आया प्रधानमंत्री कार्यालय तक पहुंच गया। वहां से निर्देश पर एसटीएफ ने तीन को पकड़ा है।

Yogesh Yadav भाषा, लखनऊFri, 13 Oct 2023 07:45 PM
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देश में इस समय करीब 80 करोड़ लोगों को सरकार मुफ्त राशन बांट रही है। इससे राशन और राशन कार्ड को लेकर लोगों में उत्सुकता बनी रहती है। इसी उत्सुकता का फायदा उठाकर कुछ ठगों ने करोड़ों का व्यारा न्यारा कर दिया है। एक देश एक राशन कार्ड बनाने के लिए फर्जी निविदा निकाल दी। इसी निविदा के जरिए कई करोड़ वसूल लिए। मामला संज्ञान में आया प्रधानमंत्री कार्यालय तक पहुंच गया। वहां से निर्देश मिलने पर यूपी एसटीएफ ने इसकी जांच शुरू की। लगातार छापेमारी के बाद गुरुवार की रात एसटीएफ को सफलता मिली। उसने तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। इसमें गोरखधंधे का मास्टर माइंड भी हत्थे चढ़ गया है।

एसटीएफ के आधिकारिक सूत्रों ने शुक्रवार को बताया कि उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय के उप सचिव के नाम से जाली निविदा आदेश जारी करके करोड़ों रुपयों की ठगी करने के आरोप में एसटीएफ ने 12/13 अक्टूबर की रात गिरोह के सरगना संतोष सेमवाल को दिल्ली, माया तिवारी को प्रयागराज और अभिषेक तिवारी को जौनपुर से गिरफ्तार कर लिया। सूत्रों ने बताया कि इन आरोपियों के कब्जे से उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय के जाली दस्तावेजों की प्रतियां बरामद की गयी हैं।

उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री कार्यालय ने इसी साल जुलाई में एसटीएफ को एक पत्र भेजकर उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय के उप सचिव के नाम से एक राष्ट्र, एक राशन कार्ड योजना के जाली निविदा आदेश जारी करके करोड़ों रुपये की ठगी करने वाले गिरोह के खिलाफ कार्यवाही करने के निर्देश दिये थे।

सूत्रों ने बताया कि जांच में पता लगा कि गिरोह के सरगना संतोष सेमवाल ने उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय के उप सचिव के नाम से फर्जी निविदा आदेश जारी करके उससे सम्बन्धित पत्र प्रधानमंत्री कार्यालय से मिलते-जुलते नाम वाली ईमेल आईडी से भेजे थे और इसके जरिये उसने 55 लाख रुपये की ठगी की थी।

सूत्रों के अनुसार सेमवाल ने पूछताछ में एसटीएफ को बताया है कि वर्ष 2018 में वह नौकरी के सिलसिले में दिल्ली आया था और वहां उसकी मुलाकात अनुज कुमार, माया तिवारी और राकेश अग्रवाल नामक व्यक्तियों से हुई। सूत्रों के अनुसार उसने बताया कि इन लोगों ने उसकी मुलाकात अरुण रावत से करायी और उसका परिचय प्रधानमंत्री कार्यालय में तैनात संयुक्त सचिव के रूप में कराया। 

सूत्रों के अनुसार सेमवाल ने पूछताछ में एसटीएफ को बताया कि एक दिन अरूण रावत ने उसे ई—राशन कार्ड से सम्बन्धित निविदा के बारे में बताया और कहा कि वह उसे यह टेंडर दिलवा सकता है जिसके लिए प्रति जोन दो लाख रुपये कमीशन और तीन लाख 15 हजार रुपये का डिमांड ड्राफ्ट लगेगा। सेमवाल ने बताया कि रावत ने उससे कहा कि वह जितने लोगों को लाएगा उतने के हिसाब से उसे कमीशन मिलेगा।

सेमवाल ने बताया कि इसके बाद उसने, अभिषेक तिवारी और खुद को प्रधानमंत्री कार्यालय में मुख्य सचिव बताने वाली माया तिवारी के साथ—साथ अरूण रावत और बृजेश ने एक राष्ट्र, एक राशन कार्ड योजना के फर्जी निविदा आदेश जारी करके करोड़ों रुपये की ठगी की और केन्द्र सरकार के विभिन्न मंत्रालयों के प्रमुख सचिव, सचिव आदि के नाम के फर्जी अनुबन्ध पत्र तैयार करके ठगी के शिकार लोगों के व्हाट्सऐप और ईमेल पर भेजे। सूत्रों ने बताया कि इस मामले में जौनपुर के सरांयख्वाजा थाने में मामला दर्ज करके कार्यवाही की जा रही है।

एक राष्ट्र, एक राशन कार्ड योजना को केंद्र सरकार द्वारा राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) के तहत राशन कार्ड की देशव्यापी 'पोर्टेबिलिटी' के लिए लागू किया गया है। यह योजना एनएफएसए से लाभान्वित होने वाले सभी लोगों, विशेष रूप से प्रवासी लाभार्थियों को बायोमेट्रिक/आधार प्रमाणीकरण के साथ उनके मौजूदा राशन कार्ड के माध्यम से देश में किसी भी उचित मूल्य की दुकान से अपने अधिकार के खाद्यान्न के पूर्ण या आंशिक हिस्से को प्राप्त करने की अनुमति देती है। इस योजना की शुरुआत नौ अगस्त 2019 को की गयी थी। उसके बाद से बहुत ही कम समय में इसे देश भर के सभी 36 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में लागू किया जा चुका है।

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