सीएम योगी ऐक्शन मोड में, 2 हफ्ते में मांगी लापरवाह अफसरों की रिपोर्ट; मचा हड़कंप
सीएम ने राजस्व संबंधी मामलों में लापरवाही पर खासी नाराजगी जाहिर की। उन्होंने तत्काल लापरवाह अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने का आदेश दिया। साथ ही दो हफ्ते में रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया है।
CM Yogi Adityanath in Action Mode: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आदर्श आचार संहिता खत्म होते ही एक बार फिर सख्त तेवर में नजर आ रहे हैं। उन्होंने हाल में ही एक उच्च स्तरीय बैठक कर विभिन्न विभागों के अधिकारियों को तलब कर समीक्षा बैठक की। इस दौरान उन्होंने अधिकारियों को विभिन्न योजनाओं में प्रगति लाने के निर्देश दिए। साथ ही कार्यों में लापरवाही बरतने वालों की सूची प्रस्तुत करने को कहा। बैठक में मुख्यमंत्री ने राजस्व संबंधी मामलों में लापरवाही पर खासी नाराजगी जाहिर की। उन्होंने तत्काल लापरवाह अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने का आदेश दिया। साथ ही दो हफ्ते में रिपोर्ट मुख्यमंत्री कार्यालय को सौंपने के निर्देश दिए हैं।
जल्द ही सौंपी जाएगी लापरवाह अधिकारियों की रिपोर्ट
मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद राजस्व से जुड़े अधिकारी हरकत में आ गये हैं। राजस्व परिषद चेयरमैन रजनीश दुबे ने हाल ही में राजस्व से जुड़े मामलों की समीक्षा की। इसमें उन्होंने राजस्व संबंधी कार्यों में लापरवाही पर राजस्व अफसरों, एडीएम, एसडीएम, नायाब तहसीलदार और तहसीलदार स्तर के अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया।
उधर, मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने भी राजस्व संबंधी मामलों को लेकर बैठक की। इस दौरान उन्होंने प्रदेश के विभिन्न जिलों में राजस्व संबंधी मामलों के निपटारे में लापरवाह अधिकारियों को फटकार लगाई। साथ ही कार्यों में सुधार लाने के निर्देश दिए।
राजस्व वादों के निपटारे में महोबा, चित्रकूट फिसड्डी
मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र द्वारा राजस्व विभाग की बैठक में सामने आया कि राजस्व संबंधी मामलों के निपटारों में कई जिले फिसड्डी रहे हैं। बैठक में मुख्य सचिव ने पाया कि रियल टाइम खतौनी में कानपुर नगर, प्रयागराज, वाराणसी, चित्रकूट और बलरामपुर का प्रदर्शन ठीक नहीं है।
इसी तरह वाराणसी, सोनभद्र, बलिया, मैनपुरी और गोरखपुर में खतौनी पुनरीक्षण एवं अंश निर्धारण का प्रतिशत काफी कम रहा है। इन जिलों में करीब 50 प्रतिशत ही अंश निधारण का कार्य हुआ है। वहीं स्वामित्व योजना के तहत घरौनी तैयार करने में गोरखपुर, प्रयागराज, बाराबंकी, जौनपुर और गाजीपुर में काफी धीमी गति से कार्य हो रहा है। इसके अलावा राजस्व वादों के निस्तारण में महोबा, चित्रकूट, मुजफ्फरनगर, शामली और बागपत फिसड्डी रहे हैं। यहां 8 हजार से अधिक मामले लंबित हैं।
पैमाइश में लखनऊ, प्रयागराज का प्रदर्शन ठीक नहीं
बैठक में सामने आया कि राजस्व वाद के तहत धारा-24 (पैमाइश) में लखनऊ, प्रयागराज, अमरोहा, फतेहपुर और सहारनपुर का प्रदर्शन ठीक नहीं है। इसके साथ ही धारा-34 (नामांतरण) में कुशीनगर, सोनभद्र, रायबरेली, बलिया और अमेठी में पहले से सुधार हुआ है, लेकिन निपटारे का प्रतिशत 95 प्रतिशत से कम है। इसी तरह धारा-80 यानी कृषिक भूमि का गैर-कृषिक भूमि में परिवर्तन के प्रकरण में अयोध्या में 34, प्रतापगढ़ में 21, गोरखपुर में 12, कानपुर नगर में 10 और बाराबंकी में सात मामले लंबित हैं। यह सभी मामले एक वर्ष से अधिक और तीन वर्ष से कम के हैं। इसे लेकर मुख्य सचिव जल्द ही पूरी रिपोर्ट मुख्यमंत्री कार्यालय को सौंप सकते हैं।