मैनपुरी-खतौली में छिटक गए बीजेपी के वोट, अपने गांव में भी हारे नेता; बसपा-कांग्रेस के वोट भी SP-RLD ने खींचे
यूपी में मैनपुरी लोकसभा और खतौली व रामपुर विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव में रामपुर की सीट पर भगवा फहराकर बीजेपी ने राहत महसूस की है लेकिन बाकी दो सीटों पर स्थिति उसके लिए अच्छा संकेत नहीं है।
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यूपी में मैनपुरी लोकसभा और खतौली व रामपुर विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव में रामपुर की सीट पर भगवा फहराकर बीजेपी ने थोड़ी राहत पा ली है लेकिन बाकी की दो सीटों पर मतगणना के बाद सामने आई स्थिति भाजपा के लिए अच्छा संकेत नहीं है। खतौली में जाट-गुर्जर-एससी और मुस्लिम मतदाता का जोर तो गठबंधन पर रहा ही, दूसरे भाजपा अपने परंपरागत वोट बैंक ब्राह्मण, राजपूत, त्यागी आदि को भी संजोकर नहीं रख सकी। वहीं मैनपुरी में भी भाजपाई अपने परम्परागत वोट तक नहीं बचा सके। उदाहरण के तौर पर सपा के लोगों को भी ये उम्मीद नहीं थी कि किशनी की जनता सपा के पक्ष में इस कदर मतदान करेगी।
आठ महीने पहले सपा प्रत्याशी बृजेश कठेरिया ने 19 हजार वोटों से चुनाव जीता था लेकिन उपचुनाव में भाजपा के प्रचार की जो आंधी थी, उससे आम आदमी भी मान रहा था कि यहां लड़ाई कांटे की होगी। लेकिन किशनी के वोट खुले तो 44827 मतों से डिंपल जीत गईं। स्थानीय भाजपा समर्थित बूथों पर भाजपा को करारी हार मिली।
खतौली में भी भाजपा नेताओं के गांवों में भी नल खूब चला, जबकि भाजपा को कई बूथों पर महज इकाई के अंक से ही काम चलाना पड़ा। दूसरी ओर गठबंधन प्रत्याशी को किसी भी बूथ पर दहाई से कम मत नहीं मिले। खतौली और जानसठ नगर की बात की जाए तो जानसठ में गठबंधन प्रत्याशी मदन भैया बढ़त पर रहे। खतौली विधानसभा उपचुनाव में मतगणना के रुझान बता रहे हैं कि भाजपा को गठबंधन ने चौतरफा घेरकर ही मैदान मारा है। जाट-मुस्लिम व एससी ओर गुर्जर बाहुल्य गांवों में गठबंधन प्रत्याशी को खूब वोट मिले।
जाट- मुस्लिम बाहुल्य और मिश्रित आबादी वाले गांवों में बेहडा अस्सा, सिखेडा, मंसूरपुर बेहडा अस्सा, भैंसी, दाहखेडी, काटका, नंगला मंदौड, चित्तौडा, राठोर, निठारी चौगांवा, निठारी, भलेडी, पिमोडा, वाजिरपुर आदि गांवों में गठबंधन प्रत्याशी मदन भैया ने पांच हजार से अधिक की बढ़त बनाई। ब्राहमण बाहुल्य गांव सीमली एवं रामपुर आदि में भी गठबंधन को पूरी तवज्जो मिली है। सिमली गांव में तो गठबंधन प्रत्याशी मदन भैया ने भाजपा पर बढ़त बनाई। यहां मदन भैया को 564 और राजकुमारी सैनी को 415 वोट मिले है। इसके अलावा सैनी बाहुल्य गांव बडसू, सिंकदरपुर, मुनव्वरपुर, नया गांव फैजाबाद, तिसंग, खलवाडा, सैदीपुर, भलैंडी, आदमपुर आदि सैनी गांवों को मिलाकर देखा जाए तो भाजपा की राजकुमारी सैनी ने रालोद गठबंधन से आगे जरूर रही है लेकिन इतने वोट नहीं मिले जो उन्हें बढ़त दिला सके।
44 बूथों पर गठबंधन और 25 बूथों पर जीती भाजपा
खतौली नगर क्षेत्र व खतौली ग्रामीण की बात की जाए तो यहां तीस बूथों पर गठबंधन प्रत्याशी भाजपा से अधिक वोट लेकर प्रथम स्थान पर रहे, जबकि भाजपा प्रत्याशी ने 20 बूथों पर रालोद गठबंधन से अधिक वोट प्राप्त किए। भाजपा दो बूथों पर दहाई का अंक भी नहीं छू सकी जबकि गठबंधन को किसी भी बूथ पर दहाई से कम वोट नहीं मिले।
जानसठ में दस बूथों पर गठबंधन और पांच पर भाजपा आगे रही
जानसठ नगरीय क्षेत्र की बात की जाएं यहां बनाए गए 15 बूथों में से गठबंधन प्रत्याशी दस बूथों पर भाजपा से अच्छी खासी बढ़त बनाने में कामयाब रहे। जबकि भाजपा मात्र पांच बूथों पर ही रालोद गठबंधन को पछाड़ सकी। इस तरह से भाजपा को जानसठ में भी हार का मुंह देखना पड़ा है।
राजकुमारी सैनी के मायके खलवाड़ा में गठबंधन को मिले 176 वोट
भाजपा प्रत्याशी राजकुमारी सैनी को उनके मायके खलवाड़ा में सबसे अधिक 631 वोट मिले, लेकिन गठबंधन प्रत्याशी का प्रदर्शन यहां भी गत चुनाव की अपेक्षा अच्छा रहा। दस माह पहले फरवरी माह में हुए विधानसभा चुनाव की बात की जाए तो यहां गठबंधन प्रत्याशी को 176 मिले थे, जबकि इस बार गठबंधन को 278 वोट हासिल मिले हैं।
44 हजार वोटों के अंतर से डिंपल ने जीती किशनी
मैनपुरी लोकसभा क्षेत्र में आने वाले किशनी विधानसभा क्षेत्र की मतगणना ने भी इतिहास बन गया। सपा के लोगों को भी ये उम्मीद नहीं थी कि किशनी की जनता सपा के पक्ष में इस कदर मतदान करेगी। आठ माह पहले सपा प्रत्याशी बृजेश कठेरिया ने 19 हजार वोटों से चुनाव जीता था लेकिन उपचुनाव में भाजपा के प्रचार की जो आंधी थी, उससे आम आदमी भी मान रहा था कि यहां लड़ाई कांटे की होगी। लेकिन किशनी के वोट खुले तो 44827 मतों से डिंपल जीत गईं। स्थानीय भाजपा समर्थित बूथों पर भाजपा को करारी हार मिली।
कस्बा किशनी के नौ बूथ में से छह बूथों पर सपा ने जीत दर्ज की। क्षत्रिय बाहुल्य हरिसिंहपुर में भाजपा की करारी हार हुई। यहां दो बूथों पर सपा को 198, 325 और भाजपा को 142, 191 वोट ही मिले। ये बूथ भाजपा नेता सूर्यप्रताप चौहान, भाजपा से जुड़े सभासद कृष्णा के हैं। यहां सपा के डैनी यादव की मेहनत भाजपा नेताओं पर भारी पड़ गई। पूर्व चेयरमैन जैसीराम यादव के गांव जिजई में भाजपा को 77 वोट ही मिले जबकि सपा को यहां 607 वोट मिल गए। जबकि जैसीराम चुनाव में सपा छोड़कर भाजपा में शामिल हुए थे। समान क्षेत्र में भाजपा को सदमा लगा है। पूर्व ब्लॉक प्रमुख राहुल राठौर, भाजपा नेता अनुराग पांडेय, ब्लॉक प्रमुख सोनम वाल्मीकि, मंडल अध्यक्ष दीपसिंह पाल से जुड़े इस इलाके में सपा को 3916 और भाजपा को 2031 वोट ही मिले। 1888 वोटों से यहां भाजपा हार गई।
अरसारा में भी हार गई भाजपा
भाजपा नेताओं से जुड़े गांव जटपुरा, फरैंजी, खिदरपुर में भी हार मिली। किशनी में कन्नौज के सांसद सुब्रत पाठक, भाजपा जिलाध्यक्ष प्रदीप सिंह चौहान, छिबरामऊ की विधायक अर्चना पांडेय, पूर्व मंत्री रामवीर उपाध्याय की पत्नी सीमा उपाध्याय, विधायक महेश त्रिवेदी, जिपं अध्यक्ष आगरा डा. मंजू भदौरिया, इटावा विधायक सरिता भदौरिया का ग्लैमर भी यहां भाजपा के पक्ष में हवा नहीं बना सका। और तो और भाजपा के पूर्व जिला महामंत्री रमाशंकर तिवारी के गांव अरसारा में सपा को 410 और 273 वोट मिले वहीं भाजपा को 286, 153 वोट ही मिल पाए।
भाजपा जिलाध्यक्ष के गांव का बूथ भी जीती सपा
भाजपा जिलाध्यक्ष प्रदीप सिंह चौहान के ग्राम बसैत में सपा ने सात में से दो बूथों पर जीत दर्ज की। बीनू चौहान के गांव में भाजपा ने सपा को 216 वोटों से हराया। पूर्व ब्लॉक प्रमुख मीरा देवी यादव के गांव में भी भाजपा हारी। भाजपा के जिला मंत्री ओमजी दुबे के शमशेरगंज मंडल में भी सपा ने कई बूथों पर जीत दर्ज की। कुसमरा के सात बूथों में से 4 पर सपा जीती। कुसमरा में जिला महामंत्री प्रदीप तिवारी, आलोक अग्निहोत्री, विनय सिसौदिया, प्रदीप चौहान के दावे भी भाजपा को अच्छी जीत नहीं दिला पाए।
301 वोटों से कुसमरा नगर पंचायत हारी भाजपा
नगर पंचायत कुसमरा भी लोकसभा उपचुनाव में भाजपा हार गई। भाजपा के जिला महामंत्री भी इसी नगर पंचायत के निवासी हैं। इसके अलावा स्थानीय भाजपा नेताओं ने इस चुनाव में मेहनत करने का दावा भी किया। लेकिन फिर भी भाजपा की नैया नगर पंचायत क्षेत्र में पार नहीं हो पायी। कुसमरा में भाजपा समर्थित वोटरों की संख्या अधिक मानी जाती है लेकिन चुनाव परिणामों ने राजनैतिक और आम लोगों को चौंका दिया।
कुसमरा का पोलिंग रिजल्ट
बूथ संख्या 148
सपा 255 भाजपा 296
बूथ संख्या 149
सपा 230 भाजपा 280
बूथ संख्या 150
सपा 155 भाजपा 240
बूथ संख्या 151
सपा 311 भाजपा 192
बूथ संख्या 152
सपा 340 भाजपा 304
बूथ संख्या 153
सपा 393 भाजपा 199
बूथ संख्या 154
सपा 308 भाजपा 180
सभी बूथों पर
सपा 1992
भाजपा 1691