आजम की सल्तनत और सपा के गढ़ रामपुर पर अब पूरी तरह BJP का कब्जा, लोकसभा से विधानसभा तक फहराया भगवा
रामपुर पर अब पूरी तरह भाजपा का कब्जा हो गया है। 45 साल से आजम खान की सल्तनत और सपा के गढ़ में लोकसभा से लेकर विधानसभा भगवा फहर गया है। इसी के साथ आजम का 45 साल का सियासी सफर भी ठहर सा गया है।
Rampur By Election Result: रामपुर पर अब पूरी तरह भाजपा का कब्जा हो गया है। 45 साल से आजम खान की सल्तनत और समाजवादी पार्टी के गढ़ में लोकसभा से लेकर विधानसभा भगवा फहर गया है। इसी के साथ आजम खान का 45 साल का सियासी सफर भी ठहर सा गया है। हेट स्पीच मामले में सजा पाने के बाद इस साल 28 अक्टूबर को अपनी विधानसभा सदस्यता गंवाने के बाद आजम खान ने इस चुनाव में अपने करीबी आसिम रजा पर दांव लगाया था। लेकिन जिस सीट से वह दस बार चुनाव जीत चुके थे, आसिम रजा वहां से हार गए। इसके पहले जब इस साल जून में आजम खान के इस्तीफे की वजह से खाली हुई रामपुर लोकसभा सीट पर उपचुनाव हुआ था तब भी आसिम रजा ने ही सपा का मोर्चा संभाला था लेकिन गढ़ बचा पाने में नाकामयाब रहे थे।
रामपुर और आजम खान पिछले चार दशकों से एक-दूसरे से ऐसे जुड़े थे कि दोनों को अलग-अलग करके देखा ही नहीं जाता था। आजम ने पहली बार 1977 में यहां से चुनाव लड़ा था। पहला चुनाव वह हार गए थे लेकिन तीन साल बाद ही 1980 में हुए चुनाव में वह जीत गए। तबसे ऐसा कभी नहीं हुआ कि आजम खान किसी सदन के सदस्य न रहे हों। हालांकि 1996 में कांग्रेस के अफरोज अली खां से वह चुनाव हार गए थे लेकिन तब सपा ने उन्हें राज्यसभा में भेज दिया था। यह पहला मौका है जब आजम खां किसी सदन के सदस्य नहीं हैं।
कभी सरकार की आंख और कान हुआ करते थे आजम
यूपी की सियासत में समाजवादी पार्टी ने जब भी राज किया, आजम खान उसकी आंख और कान बने रहे। वह लगातार कैबिनेट मंत्री बनते रहे। पार्टी की हुकूमत में उनका रूतबा बहुत बड़ा था। यूपी में अक्सर उस दौर में आजम खान की भैंसे चोरी हो जाने पर पुलिस के हाथ पांव फूल जाने के वाकये का जिक्र होता रहता है। बीजेपी भी इसे मुद्दा बनाती रही है लेकिन एक वो वक्त था और एक ये वक्त है जब आजम खान रामपुर की नुक्कड़ सभाओं में कई बार रोए। पूरे चुनाव उन्होंने रामपुर की जनता को भावुक संदेश दिए। कभी आंखों से आंसू गिरे तो कभी मुंह से लानतें निकलीं लेकिन चुनावी नतीजों पर किसी भी चीज का कोई असर नज़र नहीं आया।
आसिम रजा बोले-खाकी वर्दी को मुबारक हो ये जीत
रामपुर लोकसभा उपचुनाव के बाद रामपुर विधानसभा उपचुनाव में हार के बाद सपा उम्मीदवार आसिम रजा ने प्रशासन पर जमकर अपना गुस्सा उतारा। आसिम ने आरोप लगाया कि करीब पौने दो लाख वोटरों को वोट नहीं देने दिया गया। उन्होंने कहा कि रामपुर के समीकरण ऐसे हैं कि यहां बीजेपी कभी नहीं जीत सकती। यह जीत खाकी वर्दी वालों को मुबारक।
जीत के बाद बोले आकाश-मुस्लिम मतदाताओं ने दिया साथ
वहीं जीत के बाद बीजेपी के आकाश सक्सेना ने कहा कि रामपुर अकेली ऐसी सीट है जहां 70 प्रतिशत मुसलमान मतदाता हैं। इस चुनाव में मुस्लिम मतदाताओं ने भी बीजेपी के लिए वोट दिया है। वे आजम खान और समाजवादी पार्टी की हकीकत समझ चुके हैं। जाहिर है रामपुर में पूरी तरह भगवा फहराने के बाद बीजेपी अब आगे के लिए यहां मतदाताओं का बड़ा आधार तैयार करने में जुटेगी। देखना यह है कि आजम खान और समाजवादी पार्टी अपने इस पुराने गढ़ को फिर से हासिल करने के लिए क्या रणनीति अपनाएंगी।