आजम पर हमेशा भारी पड़े 'अ' अक्षर के जातक, अब रामपुर में आकाश से हारे; जानें क्या कहते हैं ग्रह-नक्षत्र
ज्योतिष में हर घटनाक्रम को अपने नजरिए से देखा जाता है। आजम खान के साथ कुछ ऐसा संयोग है कि उनके लिए ‘अ’ अक्षर के जातक भारी पड़े। जानकारों के मुताबिक आजम खान का हर विरोध मेष राशि के जातक के साथ रहा।
Azam Khan: ज्योतिष के जानकार हर घटनाक्रम को अपने नजरिए से देखते हैं। उनके मुताबिक अमूमन देखने में आता है कि एक सी राशि के बीच का टकराव बहुत भारी पड़ता है। फिर चाहें वह सामाजिक मामला हो या फिर राजनैतिक। आजम खान के साथ भी कुछ ऐसा ही संयोग सामने आया है। यह अजब संयोग ही है कि उनके लिए ‘अ’ अक्षर के जातक भारी पड़े।
जानकारों के मुताबिक आजम खान का हर विरोध मेष राशि के जातक के साथ रहा। पूर्व में यहां भाजपा सांसद नैपाल सिंह ने आजम खां के करीबी नसीर अहमद को पराजित किया था। वर्ष 1996 में हुए चुनाव में शहर विस सीट पर आजम खां को कांग्रेस प्रत्याशी अफरोज अली खां ने हराया था। आजम खां की मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी से भी अदावत जगजाहिर है। मुख्यमंत्री का बचपन का नाम अजय सिंह बिष्ट है, जो मेष राशि है। आजम और सीएम से अदावत के चलते ही सूबे में सत्ता परिवर्तन के बाद आजम की मुश्किलें बढ़ना शुरू हुईं।
घेराबंदी शुरू हुई तो आजम खां की अदावत तत्कालीन डीएम आन्जनेय कुमार सिंह से शुरू हो गई। जिसके बाद आकाश सक्सेना ने आजम पर एक के बाद एक केस दर्ज कराए। तत्कालीन एसपी अजय पाल शर्मा ने आजम खां की मुनादी कराई और आजम को परिवार के साथ जेल जाना पड़ा। अब जब चुनाव हुआ तो आजम ने आसिम राजा को प्रत्याशी बनाया।
आसिम और आकाश की जंग में आजम को आंसू तक बहाने पड़े, अखिलेश यादव की जनसभा में मंच से आजम खां ने एसपी अशोक कुमार शुक्ला पर तंज कसा। अंतत आकाश की जीत के साथ ही आजम की परम्परागत सीट भी हाथ से निकल गई। आज परिणाम के बाद आजम के अ अक्षर के जातकों को लेकर खूब चर्चाएं हुईं।
-आकाश, आन्जनेय और आदित्यनाथ के घेरे में फंसे आजम
-आकाश की जीत के साथ ही आजम की परम्परागत सीट भी हाथ से निकली
-एसपी अशोक कुमार शुक्ला पर लगते रहे आरोप