योगी को अखिलेश का झटका, बीजेपी से खतौली छीन रही सपा, मैनपुरी में साइकिल टॉप गियर में, रामपुर खतरे में
यूपी उपचुनाव के मतगणना के रुझान अगर नतीजे में बदल गए तो यूपी की बीजेपी सरकार को तगड़ा झटका लगेगा। मैनपुरी में अखिलेश की सपा अपनी बादशाहत कायम रखते हुए बीजेपी से खतौली छीन रही है। रामपुर में खतरा है।
यूपी में रामपुर-खतौली और मैनपुरी में हुए उपचुनाव की मतगणना हो रही है। मतगणना के रुझान अगर नतीजे में बदल गए तो यूपी की बीजेपी सरकार को तगड़ा झटका लगेगा। मैनपुरी में अखिलेश की सपा अपनी बादशाहत कायम रखते हुए बीजेपी की खतौली सीट भी छीन रही है।
मुलायम के बिना पहली चुनाव लड़ रहे अखिलेश यादव की राजनीतिक कुशलता और शिवपाल यादव का साथ मैनपुरी में इतिहास रचने जा रहा है। मैनपुरी में डिंपल यादव को अब तक 21,6381 वोट मिले हैं जबकि बीजेपी के रघुराज सिंह शाक्य को 12,0507 वोट मिले हैं। डिंपल करीब 1.70 लाख वोटों से आगे हैं। रामपुर में सपा प्रत्याशी असिम रजा 12 राउंड के बाद 5437 वोट से आगे हैं लेकिन यहां बीजेपी के आकाश सक्सेना सपा के लिए खतरा हैं और वो आखिर में बाजी पलट भी सकते हैं। क्योंकि रामपुर में वोटिंग कम हुई है और सपा ने इसे प्रशासन के ऊपर डाला है कि उसने सपा के वोटरों को निकलने नहीं दिया। खतौली से रालोद के प्रत्याशी मदन भैया 6 हजार वोटों से आगे चल रहे हैं।
पार्टी संस्थापक मुलायम सिंह यादव के निधन से खाली मैनपुरी सीट पर सपा को पहली बार बीजेपी से बड़ी चुनौती मिली थी। बीजेपी ने मुलायम परिवार और खासकर शिवपाल सिंह यादव के पुराने करीबी रघुराज सिंह शाक्य को मैदान में उतारकर बड़ा दांव चला था। जातीय समीकरणों के हिसाब से भी यह भगवा खेमे का बड़ा दांव था।
खतौली बीजेपी प्रत्याशी पर भारी पड़ा रालोद
मुजफ्फरनगर दंगा मामले में बीजेपी विधायक विक्रम सैनी को दोषी ठहराए जाने के बाद खतौली सीट खाली घोषित की गई थी। भाजपा ने विक्रम की पत्नी राजकुमारी सैनी को मैदान में उतारा है। भाजपा राजकुमारी सैनी को मैदान में उतार कर इस सीट को बरकरार रखने की कोशिश कर रही थी। वहीं चार बार के विधायक रालोद के उम्मीदवार मदन भैया ने अपना पिछला चुनाव लगभग 15 साल पहले जीता था, इसके बाद गाजियाबाद के लोनी से 2012, 2017 और 2022 के विधानसभा चुनावों में लगातार तीन बार हार का सामना करना पड़ा था। इस बार रालोद दांव सटीक बैठा।खतौली बीजेपी प्रत्याशी पर रालोद भारी पड़ा।
भाजपा के आकाश सक्सेना फिर पीछे
सपा के वरिष्ठ नेता आजम खान के अयोग्य ठहराए जाने के कारण खाली हुई उत्तर प्रदेश की रामपुर सदर सीट पर कड़ा मुकाबला देखने को मिल रहा है। उत्तर प्रदेश में उपचुनावों से कांग्रेस और बसपा के दूर रहने के साथ, यहां भाजपा के आकाश सक्सेना और समाजवादी पार्टी के आसिम रजा के बीच सीधी लड़ाई है। इस लड़ाई में फिलहाल भाजपा प्रत्याशी आकाश पिछड़ गए हैं लेकिन आगे-पीछे के खेल में आखिर में जीत का सेहरा आकाश के सिर भी बंध सकता है। सपा को अगर कहीं खतरा है तो रामपुर में है जहां वो कुछ महीने पहले ही लोकसभा का उप-चुनाव भी हार चुकी है।