जल निगम के 1238 कर्मचारी निकायों में होंगे समायोजित, योगी कैबिनेट ने लिया फैसला
जल निगम के सरप्लस 1238 कर्मियों को निकायों में समायोजित किया जाएगा। इसके साथ ही मृतक आश्रित कोटे के 263 कर्मियों को निकायों में नौकरी दी जाएगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में सोमवार को...
जल निगम के सरप्लस 1238 कर्मियों को निकायों में समायोजित किया जाएगा। इसके साथ ही मृतक आश्रित कोटे के 263 कर्मियों को निकायों में नौकरी दी जाएगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में सोमवार को हुई कैबिनेट की बैठक में यह फैसला हुआ। इसके लिए उत्तर प्रदेश जल संभरण तथा सीवर व्यवस्था अधिनियम 1975 संशोधन संबंधी प्रारूप को मंजूरी दी गई। विधानमंडल से पास होने के बाद जल निगम सिर्फ शहरी क्षेत्र में काम करेगा और ग्रामीण क्षेत्र का काम जल शक्ति विभाग करेगा।
जल निगम की आर्थिक स्थिति और स्थानीय निकायों में कार्मिकों की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए जल निगम के सरप्लस कार्मिकों को निकायों में प्रतिनियुक्ति के आधार पर रखा जाएगा। इनको निकायों में उनके समकक्ष पदों पर रखा जाएगा। इनको प्रतिनियुक्ति विषयक सुसंगत शासनादेशों में निर्धारित आयु सीमा और प्रतिनियुक्ति की अवधि की सीमा से मुक्त रखा जाएगा। यह कार्मिक नागर निकायों में आवश्यकतानुसार सेवानिवृत्त होने तक काम कर सकेंगे।
जल निगम के इन कार्मिकों को उनके काम, अनुभव व दक्षता के दृष्टिगत पदों की अर्हता के संबंध में शिथिलता प्रदान करते हुए निकायों में सेवायोजित किया जाएगा। इनको जल निगम में अनुमन्य वेतन आदि के समतुल्य धनराशि का भुगतान निकायों को किया जाएगा। इनकी प्रतिनियुक्ति अवधि को सेवा संबंधी सेवानिवृत्तिक लाभों के लिए गणना की जाएगी। मृतक आश्रितों को उत्तर प्रदेश सेवाकाल में मृत सरकारी सेवकों के आश्रितों की भर्ती नियमावली, 1974 (यथासंशोधित) के अधीन नियुक्ति प्रदान की जाएगी। यह व्यवस्था अपवाद स्वरूप केवल एक बार ही की जाएगी और इसे भविष्य में उदाहरण नहीं माना जाएगा। इस व्यवस्था में कार्यहित में आवश्यक संशोधन व परिवर्तन के लिए मुख्यमंत्री को अधिकृत किया गया है।