आंबेडकर पर अमित शाह के बयान के खिलाफ सपा ने खोला मोर्चा, सड़क से संसद तक प्रदर्शन
बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर पर गृहमंत्री अमित शाह के बयान के खिलाफ समाजवादी पार्टी (सपा) ने मोर्चा खोल दिया है। गुरुवार को सपा ने सड़क से संसद तक भाजपा और अमित शाह के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया।
बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर पर गृहमंत्री अमित शाह के बयान के खिलाफ समाजवादी पार्टी (सपा) ने मोर्चा खोल दिया है। गुरुवार को सपा ने सड़क से संसद तक भाजपा और अमित शाह के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। सपा ने अमित शाह से अपनी टिप्पणी के लिए माफी की मांग की। दिल्ली के संसद भवन परिसर में सपा सांसद डिंपल यादव के नेतृत्व में प्रदर्शन किया गया तो वहीं लखनऊ में विधानसभा के अंदर और बाहर दोनों जगह सपा ने प्रदर्शन किया। सपा की ओर से लखनऊ में एक बैठक बुलाकर अमित शाह के बयान की निंदा भी की गई।
संसद भवन परिसर में प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहीं सांसद डिंपल यादव ने कहा कि संसद के अंदर जो टिप्पणी की गई है उसके लिए पूरी भाजपा को माफी मांगनी चाहिए। डिंपल ने कहा कि जब संविधान दिवस मनाया जा रहा है, दो दिनों तक जिस तरह की बातचीत हाउस के अंदर हुई है, उसके बाद भी आंबेडकर को लेकर जिस तरह से बातें कही गई हैं, यह लोकतंत्र के खिलाफ है। यह संविधान के खिलाफ है।
वहीं अखिलेश यादव ने कहा कि बाबा साहेब ही पिछड़ों, दलितों, जमीन पर रहने वाले गरीबों, वंचितों, शोषित के भगवान हैं। भगवान की तरह लोग उन्हें पूजते हैं। आज भी आप गांव-गांव जाएंगे तो बाबा साहेब की घरों में तस्वीर होगी। उन्हें लोग पूजते हैं। अखिलेश ने कहा कि भाजपा के लोग पिछड़ों से, दलितों से, आधी आबादी से, आदिवासियों से खासकर पीडीए के लोगों से नफरत करते हैं। भाजपा के लोगों ने पीडीए के लोगों का हक छीना है। पीडीए के लोगों से दूरी बनाई है।
विधानसभा में हंगामे और वाकआउट को लेकर अखिलेश ने कहा कि मैं विधायकों को धन्यवाद देता हूं कि उन्होंने बाबा साहेब के लिए इस तरह से निकले हैं। कहा कि हमारे विधायक चाहते थे कि हर सवाल पर स्पष्ट जवाब आए लेकिन सरकार भागना चाहती थी।
अखिलेश ने कहा कि वह लोग बाबा साहेब को मानते ही नहीं हैं। सम्मान नहीं देना चाहते हैं। उनको सांसदों की मांग को मानना चाहिए। बाबा साहेब का जो अपमान किया है उस पर माफी मांगनी चाहिए। यह एआई नहीं है, यह कोई तकनीकी फाल्ट नहीं है, आपके अंदर के फाल्ट के कारण बाहर निकलकर आया है। यह उनके अंदर का नेचुरल भाव है। उनकी बातें बताती हैं कि भाजपा के लोग बाबा साहेब और संविधान को नहीं मानते हैं।
जिनका मन ‘विद्वेष’ से भरा है, वो ‘देश’ क्या चलाएंगे
इससे पहले संसद के गेट पर भाजपा और कांग्रेस सांसदों के बीच हुई धक्कामुक्की और नोकझोंक को लेकर अखिलेश ने एक्स पर लिखा कि जिनका मन ‘विद्वेष’ से भरा है, वो ‘देश’ क्या चलाएंगे। आज जो हुआ वो सिर्फ़ बाबासाहेब का ही नहीं, उनके दिये संविधान का भी अपमान है। ये भाजपा की नकारात्मक मानसिकता का एक और चरम बिंदु है।
देश ने आज जान लिया है कि भाजपाइयों के मन में बाबासाहेब को लेकर कितनी कटुता भरी है। भाजपाई बाबासाहेब के बनाये संविधान को अपना सबसे बड़ा विरोधी मानते हैं क्योंकि उनको लगता है कि वो जिस प्रकार गरीब, वंचित, दमित का शोषण करके, उनके ऊपर अपना प्रभुत्व कायम करना चाहते हैं, उनकी इस बद मंशा के आगे संविधान ढाल बनकर खड़ा है।