ब्रेन वॉश कर युवाओं को आईएसआई एजेंट बना रहे इकबाल व मिर्जा
Shamli News - आईएसआई एजेंट नोमान इलाही की गिरफ्तारी ने कैराना को फिर से चर्चा में ला दिया है। इकबाल काना और दिलशाद मिर्जा जैसे लोग युवाओं को जासूसी के लिए तैयार करते थे। इसके अलावा, हमीदा और कलीम जैसे अन्य...

आईएसआई एजेंट नोमान इलाही की गिरफ्तारी के बाद कैराना एक बार फिर सुर्खियों में हैं। यहां के मूलनिवासी और वर्तमान में पाकिस्तान में बैठे इकबाल काना व दिलशाद मिर्जा ने पहले सवारी गठरी व्यवसाय, नकली करेंसी व अवैध हथियारों की तस्करी का धंधा चलाया, लेकिन फिर युवाओं का ब्रेन वॉश कर उन्हें आईएसआई एजेंट बनाने का कार्य करने लगे और उन्हें जासूसी का पाठ पढ़ाने लगे। कई बार इसका खुलासा भी हो चुका है। 90 के दशक में कैराना के लोगों का पाकिस्तान में रिश्तेदारी होने के चलते आवागमन होता था। उस समय कैराना के इकबाल काना व दिलशाद मिर्जा पासपोर्ट बनवाने का कार्य करते थे।
धीरे-धीरे यहां से पान, सुपारी व कत्था ले जाने लगे और वहां से मिर्जा चप्पल, डिस्को कपड़ा आता था। कपड़े में चमक अधिक होती थी और वहां सस्ता था, तो यहां उसके ठीक दाम मिल जाते थे। इसी के साथ पाकिस्तान में सोने का दाम कम होने के चलते उसकी तस्करी शुरू हो गई थी, जिसमें सोने के बिस्कुट बाते थे और मुनाफा कमाने के लिए इकबाल काना और दिलशाद मिर्जा ने सवारी गठरी व्यवसाय का धंधा जोड़ दिया। वे महिलाओं को तीन-तीन हजार रुपये देते थे। उनका सारा खर्च खुद उठाते थे। इसका खुलासा हुआ, तो दिलशाद मिर्जा पाकिस्तान भाग गया था और वहां आईएसआई के लिए कार्य करने लगा। दिल्ली में पाकिस्तान से लाए गए 75 पिस्टलों की खेप पकड़े जाने के बाद इकबाल काना का नाम चर्चाओं में आया, तो 1995 में इकबाल काना भी सीमा लांघकर पाकिस्तान चला गया। वहां से दोनों ने भारत की अर्थव्यवस्था चौपट करने के लिए नकली करेंसी भी भेजनी शुरू की थी। कई बार इसके खुलासे भी होते रहे। बाद में हमीदा उर्फ फेमीदा भी पाकिस्तान में ही जाकर भारत विरोधी गतिविधियों में लिप्त हो गई। इसके अलावा शाहिद का नाम भी भारत विरोधी गतिविधियों में सामने आ चुका है। --- वेस्ट यूपी से वाकिफ, इसलिए संपर्क में आते हैं युवा इकबाल काना और दिलशाद मिर्जा चूंकि पूर्व में कैराना में ही रहा करते थे, इसलिए वेस्ट यूपी से पूरी तरह से वाकिफ है। शायद इसीलिए कई बार हुई गिरफ्तारी में वेस्ट यूपी के जिलों के ही रहने वाले निकले। हाल-फिलहाल में देखें, तो नोमान इलाही समेत कई एजेंटों की गिरफ्तारी हो चुकी है। वह पहले युवाओं को संपर्क में लेते हैं और फिर उनका ब्रेन वॉश करके जासूसी के लिए तैयार करते हैं। इसके बदले उन्हें रुपये का लालच दिया जाता है। --- जेल में भी बंद रहीं हमीदा उर्फ फेमीदा बताया जाता है कि कैराना के मोहल्ला बेद्दोवाला कुआं की रहने वाली हमीदा उर्फ फेमीदा ने पाकिस्तान जाने के बाद वहां की नागरिकता हासिल कर ली थी। हालांकि, इसका भेद उस समय खुला था, जब पाकिस्तान से वापस भारत लौटी हमीदा को पकड़ा गया, तो उसके कब्जे से भारत के साथ-साथ पाकिस्तान का पासपोर्ट भी मिला था तथा अन्य दस्तावेज जब्त किए गए थे। इसके बाद उसे जेल भी भेजा गया था। हालांकि, बाद में पाकिस्तान भेज दिया था। --- कलीम को भी बनाया था आईएसआई एजेंट शामली में मोहल्ला नौकुआं रोड निवासी कलीम को 17 अगस्त 2023 को एसटीएफ ने विशेष इनपुट के आधार पर गिरफ्तार किया था। खुलासा हुआ था कि कलीम आईएसआई एजेंट के रूप में काम करता है और वह पाकिस्तान में आईएसआई के लिए काम करने वाले दिलशाद मिर्जा के संपर्क में था, जो भारत के खिलाफ खतरनाक साजिशें रच रहा था। इसके बाद कलीम के भाई तहसीम को भी गिरफ्तार किया गया था।
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