दो दिनों के अवकाश के बाद खुले अस्पताल में मरीजों की भीड
रविवार और रक्षाबंधन के अवकाश के बाद अस्पतालों में मरीजों की भीड़ उमड़ी। जिला अस्पताल में करीब 1400 मरीजों का इलाज किया गया। मरीजों को लंबी लाइनों में खड़ा होना पड़ा और कई चिकित्सक अनुपस्थित मिले,...
रविवार और रक्षाबंधन पर्व के दो दिनों के अवकाश के बाद खुले अस्पतालों में मरीजों की भीड उमड गई। जिला अस्पताल से लेकर सीएचसी में इलाज के लिए मरीजों की लंबी लंबी लाईने लगी रही। कई चिकित्सक कक्षों से नदारद मिले, जिससे मरीजों को दुश्वारियों का सामना भी करना पडा। जिला संयुक्त चिकित्सालय में करीब 1200 मरीजों नए ओपीडी पर्चे बनाए गए और करीब 200 मरीजों को पूराने पर्चेां पर दवा दी गई। रविवार और रक्षाबंधन पर्व के अवकाश के बाद मंगलवार को जिला संयुक्त चिकित्सालय में मरीजों की भारी भीड रही। जिसके चलते जिला अस्पताल में करीब 1400 मरीजों की ओपीडी हुई। जिनका इलाज ओपीडी कक्षों में तैनात चिकित्सको द्वारा किया गया। जिला अस्पताल में ओपीडी कक्ष से लेकर औषधि केन्द्र तक मरीजों की लंबी लंबी लाईने लगी रही। जिस कारण मरीजों को दवा लेने के लिए भी मरीजों को लाईनों में खडे होकर घंटों प्रतीक्षा करनी पडी। मरीजों में अधिकतर मरीज बुखार,खांसी, नजला, जुकाम, और त्वचा रोगी अस्पताल पहुंचे। मरीज नीरज, मुकेश, बिजेन्द्र, सलमान, खालिद, सुरेश आदि ने बताया कि वह सवेरे 8 बजे दवा लेने के लिए पहुंचे थे। पहले तो करीब एक घंटा पर्ची बनवाने के लिए लाईन में लगे रहे। उसके बाद चिकित्सक को दिखाने के लिए दो घंटे तक लाईन में खडा रहना पडा। जब नंबर आया तो चिकित्सक कक्ष से उठकर चले गए। लंबे समय तक भी चिकित्सक नही पहुंचे तो दूसरे चिकित्सक से रोग जांच करा कर दवा ली। उन्होने बताया कि अधिकतर चिकित्सक समय से कक्षा में नही बैठते है। इसके लिए जिला प्रशासन को मरीजों की परेशानियों को ध्यान में रखते हुए कार्यवाही करनी चाहिए। यही हाल सीएचसी शामली का भी रहा। सीएचसी शामली में मरीजों की काफी भीड पहुंचे और मरीजों को उमस भरी गर्मी में घंटों लाईनों में खडे होकर दवा लेनी पडी। अस्पताल में नजला जुकाम, खांसी, बुखार, चर्म रोग से संबंधित मरीज पहुंचे थे।
कोट-
दो दिन के बाद मंगलवार को खुले जिला अस्पताल में करीब 1400 मरीजों का इलाज ओपीडी में तैनात चिकित्सको द्वारा किया गया। जिला अस्पताल से दो चिकित्सक राघव अग्रवाल व डा. लवीश लखनऊ प्रशिक्षण के लिए गए हुऐ है। अन्य सभी चिकित्सक अपने- अपने ओपीडी कक्ष में तैनात रहें। और मरीजों के रोग जांच कर इलाज किया।
सीएमएस- डा.किशोर आहुजा
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