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मेरठ यूनिवर्सिटी फिर मची चीख पुकार, मधुमक्खियों के हमले से बचने को भागे लोग; कई अस्‍पताल पहुंचे

  • मेरठ यूनिवर्सिटी कैंपस में लगातार दूसरे दिन शनिवार को भी मधुमक्खियों ने तांडव मचाया। सुबह से दोपहर तीन बजे तक कैंपस में डेढ़ सौ से ज्यादा छात्र-छात्राओं और अपने काम के लिए पहुंचे लोगों को मधुमक्खियों ने हमला कर घायल कर दिया।

Ajay Singh हिन्दुस्तान, प्रमुख संवाददाता, मेरठSun, 23 Feb 2025 01:53 PM
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मेरठ यूनिवर्सिटी फिर मची चीख पुकार, मधुमक्खियों के हमले से बचने को भागे लोग; कई अस्‍पताल पहुंचे

मेरठ के चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय कैंपस में लगातार दूसरे दिन शनिवार को भी मधुमक्खियों ने तांडव मचाया। सुबह से दोपहर तीन बजे तक कैंपस में डेढ़ सौ से ज्यादा छात्र-छात्राओं और विभिन्न जिलों से काम के लिए पहुंचे लोगों को मधुमक्खियों ने हमला कर घायल कर दिया। असिस्टेंट रजिस्ट्रार मनोज कुमार सहित कैंपस पहुंचे अमित चौधरी, योगिता और किशन कुमार हमले में गंभीर रूप से घायल हो गए। सभी मेडिकल सहित विभिन्न हॉस्पिटल में भर्ती हैं। हमले से बचाने के लिए बाइक से पेट्रोल निकालकर डस्टबिन तक जलाए गए, पर स्थिति नियंत्रण में नहीं आई। वन विभाग की टीम ने स्प्रे किया। कैंपस में घंटों चीखपुकार मची रही।

शुक्रवार दोपहर तीन बजे शुरू हुए मधुमक्खियों के हमले में 74 वर्षीय रिटायर्ड जेई धर्मवीर शर्मा की मौत हो गई थी, जबकि सौ से अधिक विद्यार्थी घायल हुए थे। शनिवार सुबह नौ बजे से फिर से मधुमक्खियां हमलावर हो गईं। मुख्य गेट पर छात्र और मूल्यांकन केंद्र के कर्मचारियों को मधुमक्खियों ने घायल कर दिया।

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लगातार दूसरे दिन मधुमक्खियों के आतंक के आगे छात्र और लोग बेहाल हो गए। खुद को हमले से बचाने के लिए छात्र, छात्रा, कर्मचारी और सिक्योरिटी गार्ड कैंपस में इधर-उधर भागते रहे। मधुमक्खियों को भगाने के लिए लोगों ने जितने हाथ चलाए, संख्या बढ़ती गई। आखिर में हताश और असहाय लोग जमीन पर गिर पड़े। चेहरों को मधुमक्खियों ने घेर लिया। इन स्थितियों के बावजूद कैंपस में ऐसे छात्र भी रहे जिन्होंने अपनी परवाह किए बिना घायलों को मधुमक्खियों के झुंड से निकाला। इनमें से कई खुद भी घायल हो गए।

शनिवार को नौ बजे सबसे पहले मधुमक्खियों ने हमला किया। इस दौरान बाहर से पहुंची एक छात्रा को मधुमक्खियों ने घेर लिया। गेट पर मौजूद गार्ड ने छात्रा पर कंबल डालते हुए उसे बचाया। इसके बाद गेस्ट हाउस के पास चार कर्मचारियों पर मधुमक्खियों ने हमला कर दिया। कैंपस में वन विभाग से वन दरोगा संजय चौहान टीम सहित पहुंचे। विनीत चपराना ने भी वन विभाग के अधिकारियों से टीम भेजने का अनुरोध किया। वन विभाग के निर्देश पर विनीत ने कैंपस गेट सहित कई स्थानों पर धुंआ कराया। इसके बाद मधुमक्खियों का झुंड दूसरी ओर चला गया। मौके पर पहुंचे वन विभाग की टीम ने पाया कि शुक्रवार को मृत मधुमक्खियों की गंध से जीवित मधुमक्खियों का झुंड लगातार कैंपस में बना हुआ था। निर्देशों के बाद विनीत ने सभी मृत मधुमक्खियों को हटवाया। वहीं, शान मोहम्मद ने कुलपति से कैंपस को दो दिन के लिए बंद करने की अपील की। शान मोहम्मद के अनुसार इस अवधि में प्रशासन सभी जगह से छत्ते हटवा दे।

चमकती वस्तु, ज्यादा धूप में उग्र होती हैं मधुमक्खी

डॉ.आयुर्वेदा के नाम से मधुमक्खी पालन करने वाले केशव सिंघल के अनुसार चमकीली वस्तु और ज्यादा धूप में मधुमक्खियों उग्र हो जाती हैं। यदि उन्हें खतरा लगता है तो वे हमला करती हैं। कैंपस में हरियाली अधिक है जो मधुमक्खियों के लिए अनुकूल है। चूंकि तापमान बढ़ रहा है और संभव है कि किसी पक्षी ने छत्ते को छेड़ दिया हो तो उससे मधुमक्खियों उग्र हो रही हों। मधुमक्खियों को व्यवधान पसंद नहीं है।

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क्यों होता है मधुमक्खी के डंक से दर्द

मधुमक्खी के डंक में कई तरह के प्रोटीन एवं रसायन होती हैं। इसमें सबसे प्रमुख है मेलिटिन। मेलिटिन मधुमक्खी के डंक में पाया जाने वाला मुख्य प्रोटीन है जो मानव शरीर में प्रवेश करने पर दर्द, सूजन और लालिमा का कारण होता है। फॉस्फोलिपेज डंक में मिलने वाला एक एंजाइम है जो मानव शरीर में प्रवेश करने पर कोशिकाओं की दीवार को नुकसान पहुंचाता है। हिस्टामाइन रसायन एलर्जी पैदा करता है।

इसलिए हमला कर सकती हैं मधुमक्खियां

आत्मरक्षा, भोजन की रक्षा, डर एवं तनाव, क्षेत्र की रक्षा, रानी मक्खी की रक्षा, छत्ते की रक्षा, मौसमी परिस्थितियां, कीटनाशक एवं रसायन का असर और अन्य मक्खी या पक्षियों से संघर्ष की स्थितियों में मधुमक्खियां हमला कर सकती हैं।

नहीं की खुद की परवाह..कार रोकी और कूद पड़े....

यूनिवर्सिटी गेट पर कुलदीप शर्मा, अर्जुन बटार, टोनी गुर्जर ने सराहनीय काम किया। लाइब्रेरी में कार्यरत किशन को मधुमक्खियों ने घेर रखा था। वे कार में कैंपस से निकल रहे थे। उन्होंने कार रोककर किशन पर कंबल लपेट दिया। कुलदीप और अर्जुन बटार योगिता को आनंद हॉस्पिटल में एडमिट कराया। दो अन्य लोगों को भी बचाया। मधुमक्खी के झुंड ने जब एक अन्य छात्र का पीछा नहीं छोड़ा तो कुलदीप ने पैट्रोल लेकर डस्टबिन में रखे कूड़े में आग लगाई। अर्जुन यहां एक छात्र को कंबल में लपेटकर पहुंचा और धुआं कराया।

रात में पहुंची टीम, आज हटाए जाएंगे सभी छत्ते

रजिस्ट्रार धीरेंद्र वर्मा के अनुसार जिला प्रशासन, डीएफओ, डीएचओ सहित सभी संबंधित विभागों के अधिकारियों से बात करके मधुमक्खियों के छत्ते हटाने में मदद मांगी गई है। शनिवार रात कैंपस में टीम भी पहुंची। टीम आज छत्तों का हटाएगी।

मेडिकल परिसर में भी छत्तों की तलाश तेज

मेरठ मेडिकल कॉलेज परिसर में भी कई वर्षों पहले मधुमक्खी के छत्ते टूटने से हड़कंप मच गया था। अस्पताल परिसर में मरीज और तीमारदारों को मधुमक्खियों ने अपना शिकार बनाया था। अब परिसर में भी मधुमक्खी के छत्तों की तलाश शुरू हो गई है।

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