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चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय पर मधुमक्खियों का हमला बोला, बुजुर्ग की मौत, कैंपस संवेदनशील

  • मेरठ में चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय कैंपस में शुक्रवार को मुख्य द्वार से डिस्पेंसरी, ऑडिटोरियम और बाहर मुख्य सड़क पर मधुमक्खियों ने आने-जाने वाले लोगों पर हमला कर दिया। इसमें एक बुजुर्ग की मौत हो गई।

Srishti Kunj हिन्दुस्तान, प्रमुख संवाददाता, मेरठSat, 22 Feb 2025 11:41 AM
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चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय पर मधुमक्खियों का हमला बोला, बुजुर्ग की मौत, कैंपस संवेदनशील

मेरठ में चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय कैंपस में शुक्रवार को मुख्य द्वार से डिस्पेंसरी, ऑडिटोरियम और बाहर मुख्य सड़क पर मधुमक्खियों ने आने-जाने वाले लोगों पर हमला कर दिया। इसमें एक बुजुर्ग की मौत हो गई और 20 से अधिक लोग घायल हो गए। करीब दो घंटे तक पूरा कैंपस और आसपास का इलाका मधुमक्खियों के कब्जे में रहा। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार अपराह्न करीब तीन बजे कैंपस में अचानक मधुमक्खियों ने हमला बोला। इससे बचने के लिए मुख्य द्वार से लेकर डिस्पेंसरी, ऑडिटोरियम और बाहर मुख्य सड़क तक लोग भागते रहे।

इसी बीच मधुमक्खियों के झुंड ने विश्वविद्यालय के मेन गेट पर एक बुजुर्ग को घेर लिया। जान बचाने को वह चिल्लाते रहे, लेकिन कोई बचाने की हिम्मत नहीं कर पाया। आखिर में वह बेहोश होकर गिर पड़े। उनको गंभीर हालत में मेडिकल कॉलेज लाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। बुजुर्ग की पहचान 74 वर्षीय धर्मवीर शर्मा, निवासी अजंता कॉलोनी के रूप में हुई है। हमले के दौरान मची अफरातफरी में कई छात्रों के मोबाइल गुम हो गए।

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कैंपस से सड़क तक चीख-पुकार, भागते रहे लोग

ढलते दिन के बीच पूरी से शांत चौ. चरण तरह सिंह विश्वविद्यालय कैंपस में एकाएक शोर मचने लगा। डिस्पेंसरी से छात्र दौड़ते हुए प्रशासनिक भवन तक आ रहे थे। विश्वविद्यालय के मेन गेट पर स्थिति और खराब थी। सिक्योरिटी गार्ड से लेकर यहां से निकलते छात्र एवं परिजन इधर-उधर भाग रहे थे। हाथों में सामान का होश नहीं रहा। मोबाइल इधर-उधर जा गिरे। सीजीएसटी दफ्तर पर मौजूद लोग आग जलाकर खड़े हो गए। कुछ पर पानी डाला गया। ऑडिटोरियम के सामने बुजुर्ग जमीन पर पड़े जान बचाने की गुहार लगा रहे थे, लेकिन हर कोई खुद को बचाने के लिए दौड़ रहा था।

जान बचाते स्कूटी सवारों ने जैसे-तैसे जान जोखिम में डाल सड़क पार की। सीसीएसयू कैंपस से बाहर सड़क तक तीन बजे से पांच बजे के हालात कुछ ऐसे ही थे। मेन गेट से सटे विश्वविद्यालय कैंपस के अधिकांश हिस्सों तक मधुमक्खियों का कब्जा था। सिक्योरिटी गार्ड ने वॉकी-टॉकी पर हमले का मैसेज फ्लैश किया तो गेस्ट हाउस-डिस्पेंसरी की तरफ छात्रों को जाने से रोका गया। हालांकि छात्र सहायता केंद्र से लौटते समय छात्र मधुमक्खियों के हमले में फंस गए। कई छात्र बचने के लिए अपनी शर्ट निकालकर रजिस्ट्रार ऑफिस तक पहुंचे। छात्रों के मोबाइल, बैग और किताबें मधुमक्खियों से बचने में इधर उधर गिर गए।

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जमीन पर गिरे बुजुर्ग मधुमक्खियों ने घेरा

ऑडिटोरियम के ठीक सामने एक बुजुर्ग मधुमक्खियों की चपेट में आ गए। मधुमक्खियों के झुंड ने घेर लिया। वह नीचे गिर पड़े। वह बचाने की गुहार लगा रहे थे। मेन गेट के आसपास छात्र और लोगों को भी मधुमक्खियों ने घेर लिया। चौ. चरण सिंह पार्क में महिला कर्मचारी काम कर रही थीं। यहां भी मधुमक्खियों के झुंड ने हमला कर दिया। खुद को बचाने के लिए महिलाओं ने घास के ढेर में आग लगा दी।

सैकड़ों को डंक मारा, 20 से ज्यादा गंभीर घायल

दो घंटे में मधुमक्खियों के हमले के सैकड़ों छात्र और अन्य शिकार हुए। इनमें 20 से अधिक छात्र और बाहर आए लोग ऐसे गंभीर घायल हुए हैं। इनके शरीर के विभिन्न हिस्सों पर मधुमक्खियों ने हमला किया। हालांकि प्रत्यक्षदर्शियों ने मेन गेट से एम्बुलेंस से दो बुजुर्गो को अस्पताल भेजे जाने का दावा किया है। इसमें से एक बुजुर्ग धर्मवीर शर्मा की मौत हो गई। कुछ लोगों ने अपने स्तर से चिकित्सकों से दवाइयां ली हैं।

छात्र पर डाला पानी

गेट के बाहर एक छात्र हमले में बुरी तरह घायल हो गया। आसपास मौजूद कुछ लोगों ने हिम्मत करके उस पर पानी डालकर मधुमक्खियों से बचाया। सीजीएसटी ऑफिस के गेट पर कर्मचारियों ने आग जलाकर धुंआ कर दिया। इसके बाद यहां लोग पहुंचे और हमले से खुद को बचाया।

कैंपस संवेदनशील

मधुमक्खियों के लिए कैंपस बेहद संवेदनशील क्षेत्र है। हरियाली और बड़े एवं घने छायादार पेड़ होने से यहां अनेक स्थानों पर मधुमक्खियों के छत्ते हैं। जैसे-जैसे तापमान बढ़ेगा, मधुमक्खियों के हमले का खतरा बढ़ेगा। बीते वर्षों में भी फरवरी से मई तक कैंपस में कई बार मधुमक्खियां हमला कर चुकी हैं।

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