संभल हिंसा के बाद जामा मस्जिद के पास बनी सत्यव्रत पुलिस चौकी का उद्घाटन, दीवारों पर गीता का श्लोक भी लिखा
संभल हिंसा के बाद बनाई गई सत्यव्रत पुलिस चौकी का रविवार को उद्घाटन हुआ। जिलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी में आठ वर्षीय गुनगुन कश्यप ने फीता काटकर चौकी का उद्घाटन किया।

शाही जामा मस्जिद के सामने स्थापित सत्यव्रत पुलिस चौकी का उद्घाटन रविवार को रामनवमी के पावन अवसर पर अत्यंत श्रद्धा और भव्यता के साथ किया गया। देशभर में चर्चा का केंद्र बनी इस दो मंजिला चौकी का निर्माण महज 101 दिन में किया गया है।
27 दिसंबर को भूमि की नपाई, 28 दिसंबर को भूमि पूजन और शिलान्यास के बाद रात्रि-दिवस चले कार्य के कारण 101 दिनों में यह अद्भुत भवन बनकर तैयार हो गया। रविवार को रामनवमी पर डीएम डॉ. राजेंद्र पैंसिया और एसपी कृष्ण कुमार बिश्नोई ने पुलिस चौकी का शुभारंभ सात वर्षीय कन्या गुनगुन से फीता कटवाकर किया। इसके पश्चात शंख ध्वनि और वैदिक मंत्रोच्चार के बीच आचार्य पंडित शोभित शास्त्री द्वारा विधिवत हवन-पूजन किया गया। इस अवसर पर शिलापट का भी लोकार्पण किया गया।
एएसपी डॉ. श्रीश्चंद्र द्वारा लिया गया यह संकल्प 24 नवंबर 2024 को जामा मस्जिद में हुई हिंसा के बाद लिया गया था। सुरक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ करने और सांप्रदायिक सौहार्द को बढ़ावा देने के उद्देश्य से इस चौकी का नाम ‘सत्यव्रत’ रखा गया, जो प्राचीन काल में संभल का नाम हुआ करता था। डीएम ने कहा कि सतयुग में संभल का नाम सत्यव्रत था। त्रेता युग में महेंद्रगिरि, द्वापर में पिंगल नाम थ। इसी क्रम में संयोग भी ऐसा है कि नवरात्रि के अंतिम दिन और भगवान श्रीराम का जन्मदिन भी है। यह इलाका संवेदनशीनल है। संभल तहसील का सबसे ऊंचा स्थान और मिश्रित आबादी के सेंटर पर इस चौकी की स्थापना की गई है। इस दौरान एएसपी डॉ. श्रीश्चंद्र, सीओ अनुज चौधरी, प्रभारी निरीक्षक अनुज कुमार तोमर, कुलदीप कुमार सहित कई अधिकारी मौजूद रहे।
तिरंगा और संस्कृति का संगम
करीब 90 फीट ऊंचे तिरंगे से सुसज्जित यह चौकी न सिर्फ सुरक्षा की गारंटी है, बल्कि यह राष्ट्रप्रेम को भी दर्शाता है। सीढ़ी की दीवार पर कोट के नाम से प्रसिद्ध पृथ्वी राज चौहान के किले में मिले प्राचीन पत्थरों को भी प्रदर्शित किया गया है।
सौंदर्य और आकर्षण का केंद्र
चौकी को फूलों और गुब्बारों से दुल्हन की तरह सजाया गया, जिससे यह उद्घाटन के दिन लोगों के आकर्षण का मुख्य केंद्र बन गई। दिनभर लोग वहां फोटो खिंचवाने और इसकी अनोखी संरचना को निहारने के लिए उमड़ते रहे।
संवेदनशीलता को देखते हुए बनाई गई चौकी
संभल में जामा मस्जिद के सर्वे को लेकर हुई हिंसा के बाद पुलिस प्रशासन ने मस्जिद क्षेत्र को संवेदनशील मानते हुए वहां सुरक्षा बढ़ाने के लिए एक पुलिस चौकी स्थापित करने का निर्णय लिया। इसके तहत 27 दिसंबर को मस्जिद के सामने खाली पड़ी भूमि की पैमाइश कराई गई और 300 वर्ग मीटर एरिया में चौकी निर्माण के लिए भूमि चिन्हांकन कर कार्य शुरू कराया गया।
संविधान के मूल प्रति से लिया गया है चित्र
सत्यव्रत पुलिस चौकी की सामने की दीवार पर बनाई गई कलाकृति महाभारत में श्री कृष्ण द्वारा अर्जुन को उपदेश देने के समय की है। एसपी श्रीश्चंद्र ने बताया कि यह कलाकृति संविधान की मूल प्रति से ली गई है। जिसमें यह चित्र प्रदर्शित है।
सदियों तक सुरक्षित रहेंगी आकृतियां
सत्यव्रत चौकी के प्रवेश द्वार के सामने बनी दीवार पर राजस्थान के कुशल कारीगरों ने खास पत्थरों पर गीता के श्लोक और मंदिर समेत गीता ज्ञान की आकृतियां उकेरी हैं। एएसपी डॉ. श्रीश्चंद्र ने बताया कि देश में पहली बार किसी पुलिस चौकी पर इस तरह की ऐतिहासिक कारीगरी की गई है। इससे न केवल चौकी की पहचान अनूठी बनेगी, बल्कि यह आध्यात्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण होगी।
सत्यव्रत चौकी बनी सेल्फी प्वाइंट
रामनवमी के पावन अवसर पर उद्घाटित सत्यव्रत पुलिस चौकी अब सिर्फ कानून व्यवस्था का केंद्र नहीं रही, बल्कि लोगों के आकर्षण और आस्था का नया प्रतीक बन चुकी है। चौकी को देखने के लिए भारी भीड़ उमड़ी, जहां लोगों ने जमकर सेल्फी लीं, वीडियो बनाए और सोशल मीडिया पर रील्स की बाढ़ ला दी।
सोशल मीडिया पर छाई सत्यव्रत चौकी
लोगों ने चौकी की कलाकृतियों, ऊँचे तिरंगे, भगवान श्रीकृष्ण और राम-सीता की मूर्तियों के साथ रील्स बनाकर इंस्टाग्राम, फेसबुक, यूट्यूब पर जमकर शेयर कीं। चौकी का हर कोना एक विज़ुअल टूरिस्ट स्पॉट जैसा प्रतीत हो रहा था। #SatyavratChauki और #SelfieWithChauki जैसे हैशटैग्स अब सोशल मीडिया पर ट्रेंड करने लगे हैं।
संभल की सुरक्षा में मील का पत्थर साबित होगी: एसपी
रामनवमी के पावन अवसर पर उद्घाटित सत्यव्रत पुलिस चौकी सिर्फ एक भवन नहीं, बल्कि संभल की सुरक्षा, सौहार्द और सतर्कता का नया प्रतीक बन गई है। एसपी कृष्ण कुमार विश्नोई ने उद्घाटन के अवसर पर चौकी की रणनीतिक अहमियत और इसकी बहु-उपयोगी भूमिका को विस्तार से बताया। एसपी ने कहा कि यह चौकी उस क्षेत्र में स्थापित की गई है, जहां पूर्व में कई बार साम्प्रदायिक तनाव की घटनाएं सामने आ चुकी हैं। इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति को रोकने और जनता में विश्वास कायम करने के लिए यह एक बेहद प्रभावशाली कदम है। यह चौकी सुरक्षा की दृष्टि से मील का पत्थर साबित होगी।
कब क्या हुआ
- 27 दिसंबर को जामा मस्जिद के सामने खाली पड़ी भूमि की पैमाईश और चिन्हींकरण कराकर नींव खुदाई का कार्य प्रारंभ हुआ।
- 28 दिसंबर को चौकी निर्माण के लिए वैदिक मंत्रोंच्चारण से भूमि पूजन हुआ।
- 1 जनवरी की देर रात को पुलिस चौकी के भवन का लिंटर डालने का कार्य संपन्न हुआ।
- 7 जनवरी को खालिद के बेटे महमूद हसन और भतीजे सलीम ने एसपी कार्यालय पहुंचकर चौकी निर्मित भूमि वक्फ की नहीं होने का शपथ पत्र सौंपा।
- 19 जनवरी को किया गया चौकी का लिंटर खोलने का कार्य।
- 27 जनवरी से शुरू हुआ चौकी की दूसरी मंजिल पर निर्माण कार्य।
- 17 फरवरी को दूसरी मंजिल पर लिंटर डालने का कार्य शुरू हुआ।
- 21 फरवरी को दूसरी मंजिल का लिंटर डाल दिया गया।
- 01 मार्च को चौकी पर पुलिस ने लगाया सेटेलाइट टावर।
- 11 मार्च को चौकी में ग्रेनाइट पत्थर से फर्श का काम शुरू हुआ ।
- 29 मार्च को चौकी पर दरवाजों के लगाने के साथ फिनिशिंग का कार्य शुरू हुआ।
- 01 अप्रैल को चौकी पर प्लास्टर का कार्य पूरा होने के बाद पुताई का कार्य शुरू हुआ।
- 06 अप्रैल को चौकी का विधिवत उद्घाटन किया गया।