यूपी के शहरों में सड़क, सीवर व पेयजल आपूर्ति के कामों में आएगी तेजी, योगी सरकार ने बदली व्यवस्था
यूपी के शहरों में सड़क, सीवर व पेयजल आपूर्ति के कामों में तेजी आएगी। योगी ने सुविधाओं के कामों में और तेजी लाने के लिए विकास शुल्क से मिले पैसों का बंटवारे की व्यवस्था बदल दी है।
योगी सरकार ने शहरों में सड़क, सीवर व पेयजल आपूर्ति की सुविधाओं के कामों में और तेजी लाने के लिए विकास शुल्क से मिले पैसों का बंटवारे की व्यवस्था बदल दी है। स्टांप एवं निबंधन विभाग के माध्यम से विकास प्राधिकरणों और निकायों को यह पैसा सीधे दिया जाएगा। अभी तक वित्त विभाग के माध्यम से यह पैसा दिया जा रहा था। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई कैबिनेट की बैठक में यह फैसला हुआ। स्टांप विभाग को हर साल विकास शुल्क के रूप में 1000 करोड़ रुपये से अधिक मिलते हैं।
स्टांप एवं पंजीकरण मंत्री रवींद्र जायसवाल ने बताया कि उत्तर प्रदेश में संपत्तियों की रजिस्ट्री पर महिलाओं से चार व पुरुषों से पांच फीसदी स्टांप शुल्क लिया जाता है। शहरी क्षेत्रों में दो फीसदी विकास शुल्क का अतिरिक्त लिया जाता है। इस शुल्क से संबंधित इलाके में सड़क, सीवर, पानी आदि की सुविधाएं दी जाती हैं। स्टांप विभाग पहले विकास शुल्क वसूल कर ये पैसा सीधे प्राधिकरणों और निकायों को जारी करता था, लेकिन वर्ष 2013 में सपा सरकार में इस व्यवस्था को बदलते हुए यह अधिकार वित्त विभाग को दे दिया।
उन्होंने बताया कि इसके पीछे मंशा ये थी कि विकास शुल्क की मद में जारी धनराशि का इस्तेमाल अन्य योजनाओं में कर लिया जाए। इस वजह से प्राधिकरणों और स्थानीय निकायों में आने वाले इलाकों में विकास बाधित होने लगा। मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई कैबिनेट की बैठक में पुन: स्टांप विभाग को सीधे पैसा जारी करने के अधिकार दे दिए। इस फैसले से विकास प्राधिकरणों और निकायों को सीधे पैसे मिलेगा व देरी भी नहीं होगी