अखिलेश से राहुल को राहत, बोले-आप का समर्थन कांग्रेस का विरोध नहीं, जो भाजपा को हराए उसके साथ
- दिल्ली विधानसभा चुनाव को लेकर सपा प्रमुख अखिलेश यादव के आम आदमी पार्टी का समर्थन करने वाले बयान ने सियासी पारा चढ़ा दिया है। एक दिन पहले हरिद्वार पहुंचे अखिलेश यादव ने बातचीत के दौरान अखिलेश यादव ने आम आदमी पार्टी का समर्थन कर दिया।
दिल्ली विधानसभा चुनाव को लेकर सपा प्रमुख अखिलेश यादव के आम आदमी पार्टी का समर्थन करने वाले बयान ने सियासी पारा चढ़ा दिया है। एक दिन पहले हरिद्वार पहुंचे अखिलेश यादव ने बातचीत के दौरान अखिलेश यादव ने आम आदमी पार्टी का समर्थन कर दिया। हालांकि इस दौरान अखिलेश ने कांग्रेस का विरोध नहीं किया है। अखिलेश यादव का ये बयान राहुल गांधी के लिए राहत भी साबित हो रहा है। एएनआई से बात करते हुए अखिलेश यादव ने कहा, बीजेपी के खिलाफ लड़ने वाली क्षेत्रीय पार्टी को इंडिया गठबंधन के नेताओं का समर्थन मिलना चाहिए। दिल्ली में आप और कांग्रेस एक दूसरे के खिलाफ लड़ रहे हैं। वहां आम आदमी पार्टी मजबूत है और हमने उनके साथ खड़े होने का फैसला किया है। सवाल दिल्ली का है और हमारा लक्ष्य है कि बीजेपी हार जाए।
कांग्रेस और आप का भी यही लक्ष्य है। लेकिन इसका यह मतलब नहीं है कि वे कांग्रेस के विरोध में है। पीडीए की मजबूती के लिये चुनाव जिताऊ क्षेत्रीय दलों का साथ देना पार्टी की रणनीति का हिस्सा है। अखिलेश यादव ने कहा, मुझे याद है कि जब इंडिया गठबंधन बना था, तब यह निर्णय लिया गया था कि जहां भी कोई क्षेत्रीय पार्टी मजबूत होगी, गठबंधन उसे समर्थन देगा। इससे पहले, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव डी राजा ने स्वीकार किया था कि 2024 के लोकसभा चुनाव के बाद इंडिया ब्लॉक “विभाजित हो जाएगा।
हो सकता है कि अखिलेश को उनकी आबकारी नीति पसंद हो
कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित ने दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी (आप) को समर्थन देने के समाजवादी पार्टी के फैसले पर सवाल उठाया और कहा कि अखिलेश यादव का समर्थन आप की आबकारी नीति से प्रेरित हो सकता है। एएनआई से बात करते हुए दीक्षित ने कहा, हो सकता है कि अखिलेश यादव को उनकी (आप की) आबकारी नीति पसंद हो या फिर वह अपने लिए एक भव्य घर बनवाना चाहते हों। अगर कोई व्यक्ति राजनीति में किसी का समर्थन करता है, तो इसका मतलब है कि वह उनकी नीतियों का समर्थन कर रहा है। समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने बुधवार को कहा कि दिल्ली में आप कांग्रेस से ज्यादा मजबूत है, इसलिए उनकी पार्टी ने आप के साथ खड़े होने का फैसला किया है।
दिल्ली में पांच फरवरी होगी वोटिंग
दिल्ली विधानसभा चुनाव 5 फरवरी को एक ही चरण में होंगे और वोटों की गिनती 8 फरवरी को होगी। सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (आप) ने पहले ही सभी 70 विधानसभा सीटों के लिए अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने 59 सीटों के लिए अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है। नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि 17 जनवरी है। नामांकन पत्रों की जांच की तिथि 18 जनवरी है। नामांकन वापस लेने की अंतिम तिथि 20 जनवरी है। दिल्ली में लगातार 15 साल तक सत्ता में रही कांग्रेस को पिछले दो विधानसभा चुनावों में झटका लगा है और वह एक भी सीट जीतने में विफल रही है। इसके विपरीत, 2020 के विधानसभा चुनावों में आप ने 70 में से 62 सीटें जीतकर अपना दबदबा बनाया, जबकि भाजपा को केवल आठ सीटें मिलीं।