फेसबुक, यूट्यूब पर करें योगी सरकार की योजनाओं का प्रचार, हर महीने मिलेंगे लाखों, डिजिटल मीडिया नीति जारी
यूपी की योगी सरकार की योजनाओं और उपलब्धियों की जानकारी अपने फेसबुक, यूट्यूब, इंस्टाग्राम जैसे सोशल मीडिया प्लेटफार्म से शेयर करने पर हर महीने लाखों रुपए मिल सकते हैं। डिजिटल मीडिया नीति बुधवार को जारी कर दी गई है।
यूपी की योगी सरकार की योजनाओं और उपलब्धियों की जानकारी अपने फेसबुक, यूट्यूब, इंस्टाग्राम जैसे सोशल मीडिया प्लेटफार्म से शेयर करने पर हर महीने लाखों रुपए मिल सकते हैं। योगी सरकार ने मंगलवार को जिस डिजिटल मीडिया नीति को कैबिनेट की मंजूरी दी थी, उसे बुधवार को प्रमुख सचिव सूचना संजय प्रसाद ने जारी कर दिया। इसके तहत राज्य सरकार प्रदेश के यूट्यूबर्स और रील बनाकर सरकार की नीतियों को प्रोत्साहित व प्रचार करने वालों को विज्ञापन देगी। राज्य सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं से संबंधित कंटेंट प्रदेश की ख्याति प्राप्त गैर सूचीबद्ध प्रतिष्ठित डिजिटल मीडिया इंफ्लूएंसर्स को उनके सब्स्क्राइबर व फॉलोअर्स के आधार पर अधिकतम धनराशि का विज्ञापन दिया जाएगा।
राज्य सरकार की विभिन्न विकासपरक, जनकल्याणकारी, लाभकारी योजनाओं और उपलब्धियों की जानकारी देने के लिए यह व्यवस्था की गई है। उपलब्धियों की जानकारी और उससे होने वाले लाभ को प्रदेश की जनता तक डिजिटल मीडिया और इसी प्रकार के अन्य सोशल मीडिया प्लेटफार्म्स के माध्यम से पहुंचाया जाएगा। उत्तर प्रदेश की जनसंख्या का एक बड़ा हिस्सा विदेश, देश, राज्यों और जिलों में रहता है। यूपी के लोग रोजगार, व्यवसाय और अन्य विभिन्न कारणों से प्रदेश के बाहर रह रहे हैं।
इंटरनेट व सोशल मीडिया की पहुंच सभी तक है। योजनाओं की सूचना और कल्याणकारी योजनाओं का लाभ तेजी से डिजिटल के माध्यम से प्रदेश के अंदर व बाहर रहने वालों तक इसके माध्यम से पहुंचाया जा सकता है। डिजिटल मीडिया नीति के तहत सभी प्रकार के विज्ञापन सूचना और जनंसपर्क विभाग के माध्यम से दिए जाएंगे।
नीति में यह भी प्रावधान किया गया है कि अगर कोई सोशल मीडिया पर राष्ट्रविरोधी, असामाजिक या अपमानजनक पोस्ट करता है तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। कोई भी कंटेंट, वीडियो, ट्वीट, पोस्ट व रील राष्ट्र विरोधी होने, समाज विरोधी होने या अभद्र होने के साथ ही समाज के विभिन्न तबकों की भावना को ठेस पहुंचाने वाले के खिलाफ कार्रवाई के लिए सूचना निदेशक अधिकृत होंगे। गलत तथ्यों पर आधारित होने, सरकार की योजनाओं की गलत ढंग से या गलत मंशा होने पर भी कार्रवाई की जाएगी।
उत्तर प्रदेश की कला संस्कृति एवं विकास, समाचार संबंधी कंटेंट को प्राथमिकता से पोस्ट करने वाले डिजिटल मीडिया हैंडल, पेज, चैनल, आकंउट होल्डर, संचालक, डिजिटल मीडिया इंफ्लूएंसर्स, कंटेंट राइटर या इनसे संबंधित एजेंसी, फर्म को विज्ञापन देने में प्राथमिकता दी जाएगी। सूचना विभाग सूचीबद्ध होने वालों को मासिक भुगतान के लिए बाध्य नहीं होगा।
सामान्य दशा में अधिकतम अनुमन्य सीमा तक ही विज्ञापन जारी किया जाएगा। विशेष परिस्थितियों में विज्ञापन की उपयोगिता व कंटेंट की गुणवत्ता के आधार पर निदेशक सूचना की संस्तुति के आधार पर तय सीमा में शिथिलता प्रदान किए जाने का अधिकार शासन में निहित होगा। कंटेंट दोहराया नहीं जाना चाहिए। भुगतान के लिए जो मापदंड डिजिटल मीडिया के आकलन के लिए प्रयोग में आने वाले साफ्टवेयर के अधिकृत वर्जन के आधार पर शासन को सूचित कर सहमति प्राप्त होने के बाद भुगतान की कार्यवाही की जाएगी। इस नीति में किसी भी तरह के संशोधन के लिए मुख्यमंत्री को अधिकृत किया गया है।