खाने की शिकायत पर प्रिसिंपल ने छात्रा को थमा दी टीसी, कहा-दोबारा एडमिशन तभी होगा जब...
यूपी के अलीगढ़ में माता-पिता ने मिडडे मील की शिकायत की तो इंजार्च प्रधानाध्यापक ने नाम काटकर टीसी देकर भेज दिया। मामले में बीएसए डॉ. राकेश सिंह ने मामले की जांच कराने की बात कही है। फिलहाल ये मामला क्षेत्र में सुर्खियों में बना में बना हुआ है।

स्कूल चलो अभियान को पलीता लगाने में परिषदीय विद्यालयों के शिक्षक कोई कमी नहीं छोड़ रहे। माता-पिता ने मिडडे मील की शिकायत की तो इंजार्च प्रधानाध्यापक ने नाम काटकर टीसी देकर भेज दिया। मामले में बीएसए डॉ. राकेश सिंह ने मामले की जांच कराने की बात कही है। फिलहाल ये मामला क्षेत्र में सुर्खियों में बना में बना हुआ है।
ये मामला यूपी के अलीगढ़ के अतरौली के कन्या क्रमोत्तर जूनियर हाईस्कूल का है। जहां एक बच्ची का नाम सिर्फ इस बात पर काट दी गई कि माता पिता आए दिन मिडडे मील, शिक्षा को लेकर सवाल करते रहते हैं। छात्रा कक्षा तीन पास करने के बाद कक्षा चौथी में आई थी। नगर के मोहल्ला ऊंचान के रहने वाली बबली ने बताया कि उनकी बेटी पूजा ने इस वर्ष नगर अतरौली के कन्या क्रमोत्तर जूनियर हाईस्कूल में कक्षा तीन पास की है। बेटी चौथी कक्षा में पढ़ना चाहती है। लेकिन प्रधानाध्यापिका ने उसकी टीसी काटकर हाथ में थमा दी। छात्रा को स्कूल से बाहर कर दिया।
आरोप लगाया कि कुछ दिन पहले स्कूल में खाना खराब बनाने, आई कार्ड के नाम पर रुपये लेने और कक्षा में न पढ़ाने की छात्रा ने शिकायत की थी। छात्रा की शिकायत के बाद परिजनों ने स्कूल में जाकर कहासुनी की थी। इसी बात से क्षुब्ध होकर उनकी बेटी को स्कूल से निकालते हुए टीसी काटी गई है। प्रधानाध्यापिका निदा खान ने बताया कि छात्रा और उसके परिजनों के कहने पर ही टीसी काटी गई है। छात्रा के परिजनों ने आए दिन वह स्कूल में आकर हंगामा करते हैं। यदि छात्रा के परिजन इसी स्कूल में पढ़ाना चाहते हैं तो वह शपथ पत्र दे दें। पुन: प्रवेश दे दिया जाएगा।
एसडीएम मोहम्मद अमान ने कहा है कि मामला उनके पास भी आया था। ओईओ प्रमोद कुमार पटेल से फोन पर बात हुई तो बताया कि छात्रा के परिजन स्कूल में आकर हंगमा करते हैं। वालिका अगर स्कूल में पढ़ना चाहती है तो शपथ पत्र देकर पुन: इसी स्कूल में परिजन एडमिशन करा सकते हैं। वहीं, बीएसए डॉ. राकेश सिंह ने बताया कि मामला संज्ञान में नहीं है। मामले की जांच एबीएसए द्वारा कराई जाएगी। जांच के बाद ही किसी निष्कर्ष पर पहुंचा जा सकेगा। पर किसी बच्चे का स्कूल से नाम नहीं काटा जाना चाहिए।