Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़prayagraj Mahakumbh world will know rich cultural heritage of UP through State Pavilion being built in five acres

महाकुंभ के जरिये दुनिया जानेगी यूपी की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत, पांच एकड़ में बन रहा स्टेट पवेलियन

आस्था के विराट पर्व 'महाकुंभ 2025' के जरिये दुनिया भर के श्रद्धालुओं को उत्तर प्रदेश की समृद्धशाली धार्मिक और सांस्कृतिक विरासत को भी जानने का अवसर मिलेगा।

Yogesh Yadav लाइव हिन्दुस्तानThu, 26 Dec 2024 04:35 PM
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महाकुंभ के जरिये दुनिया जानेगी यूपी की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत, पांच एकड़ में बन रहा स्टेट पवेलियन

आस्था के विराट पर्व 'महाकुंभ 2025' के जरिये दुनिया भर के श्रद्धालुओं को उत्तर प्रदेश की समृद्धशाली धार्मिक और सांस्कृतिक विरासत को भी जानने का अवसर मिलेगा। प्रदेश का पर्यटन विभाग प्रयागराज के महाकुंभ में लगभग पांच एकड़ में उत्तर प्रदेश स्टेट पवेलियन की स्थापना कर रहा है जहां प्रदेश के महत्वपूर्ण पर्यटन स्थलों समेत अन्य आकर्षणों की झलक मिल सकेगी। पवेलियन में हस्तशिल्प बाजार और सांस्कृतिक कार्यक्रम सहित कई अन्य आयोजन भी होंगे। पवेलियन में लोकप्रिय एवं प्रसद्धि हस्तशिल्प बाजार सजाई जाएंगी। इसके अलावा धार्मिक स्थलों की झांकी भी प्रस्तुत की जाएगी।

पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने गुरुवार को कहा कि प्रत्येक क्षेत्र में उत्तर प्रदेश की अपनी विशिष्टता है। धार्मिक-आध्यात्मिक, प्राकृतिक पर्यटन स्थलों के साथ-साथ यहां के व्यंजन, हस्तशिल्प, गीत और नृत्य पर्यटकों को आकर्षित करते हैं। महाकुंभ-2025 में लगभग 40 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं के आने की संभावना हैं। इन्हें प्रदेश की प्रसिद्ध विरासत से परिचित कराने का प्रयास किया जा रहा है।

उन्होंने बताया कि महाकुंभ क्षेत्र सेक्टर सात नागवासुकी मंदिर के समीप लगभग पांच एकड़ क्षेत्र में उत्तर प्रदेश स्टेट पवेलियन का निर्माण हो रहा है। उत्तर प्रदेश के 12 प्रमुख सर्किटों-रामायण सर्किट, कृष्ण ब्रज सर्किट, बुद्धिस्ट सर्किट, महाभारत सर्किट, शक्तिपीठ सर्किट, आध्यात्मिक सर्किट, सूफी-कबीर सर्किट, जैन सर्किट, बुंदेलखंड सर्किट, वाइल्ड लाइफ एवं ईको सर्किट, क्राफ्ट सर्किट, स्वतंत्रता संग्राम सर्किट के महत्वपूर्ण स्थलों को दर्शाया जाएगा।

इसके साथ ही 15,000 स्क्वायर फीट के वृहद मानचत्रि पर थ्री-डी तकनीक के माध्यम से अयोध्या, काशी, मथुरा, प्रयागराज, कुशीनगर, सारनाथ, नैमिषारण्य सहित अन्य महत्वपूर्ण स्थलों को दर्शाया जाएगा। इन स्थलों के महात्म्य के बारे में बताया जाएगा।

उन्होंने बताया कि प्रत्येक जिले की वन डिस्ट्रिक वन प्रोडक्ट (ओडीओपी) के लिए 75 स्टॉल लगाए जाएंगे। सांस्कृतिक कार्यक्रमों के लिए तीन मंच बनाए जाएंगे। खान-पान के 20 से अधिक स्टॉल लगेंगे, जहां स्थानीय के साथ-साथ विभिन्न प्रांतों के व्यंजन उपलब्ध कराए जाएंगे। पवेलियन में अलग-अलग सेल्फी प्वाइंट बनाए जाएंगे, जहां पर्यटक सेल्फी ले सकते हैं। उन्होंने बताया कि अबकी बार का महाकुम्भ पारम्परिक महाकुम्भ से कुछ अलग होगा, इसमें सुरक्षा के साथ साफ-सफाई एवं नए उपकरणों से पूरे मेला क्षेत्र की निगरानी की व्यवस्था की गई है।

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