उपचुनाव के लिए यूपी में बिछी सियासी बिसात, BJP-SP ने झोंकी ताकत; BSP ने भी बटोरी ताकत
- उपचुनाव की तारीखों का ऐलान तो चुनाव आयोग ने मंगलवार को किया लेकिन भाजपा और सपा इसकी तैयारियों में काफी समय पहले से ही जुटी हैं। भाजपा ने अपने प्रत्याशियों के नाम फाइनल कर दिए तो सपा ने कांग्रेस के साथ मिल कर चुनाव लड़ने का ऐलान किया और छह सीटों पर प्रत्याशी भी घोषित कर दिए हैं।
UP By-Election: लोकसभा चुनाव के बाद उत्तर प्रदेश में एक बार फिर विधानसभा उपचुनाव के लिए सियासी बिसात बिछ गई है। मुख्य रूप से भाजपा और सपा ने अपनी-अपनी ताकत झोंक दी है। वहीं बसपा ने भी चुनाव के लिए पूरी ताकत बटोर कर काम करना शुरू कर दिया है। उपचुनाव की तारीखों का ऐलान तो चुनाव आयोग ने मंगलवार को किया, लेकिन भाजपा और सपा इसकी तैयारियों में काफी समय पहले से ही जुटी हैं। भाजपा ने अपने प्रत्याशियों के नाम फाइनल कर दिए तो सपा ने कांग्रेस के साथ मिल कर चुनाव लड़ने का ऐलान किया और 6 सीटों पर प्रत्याशी भी घोषित कर दिए हैं। खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसे मिनी जंग के रूप में उपचुनावों को प्रतिष्ठा का सवाल बनाते हुए अब तक वहां धुआंधार दौरे कर विकास योजनाओं की सौगातें भी दीं। खासतौर पर उन्होंने मिल्कीपुर व कटेहरी पर तो विशेष ध्यान दिया है। यह अलग बात है कि तकनीकी कारणों से मिल्कीपुर में उपचुनाव अभी नहीं कराया जा रहा है। देखना दिलचस्प होगा कि लोकसभा चुनाव में ‘पीडीए’ बनाम सबका साथ सबका विकास के समीकरण लड़ाई किस करवट बैठती है और दलित-मुस्लिम गठजोड़ का प्रयास करने वाली बसपा का हाथी कितनी ताकत से फिर उठ खड़ा होता है।
पीडीए के भरोसे सपा मैदान में
नौ विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव को दोनों बड़े लड़ाके भाजपा व सपा ने अपनी-अपनी प्रतिष्ठा से जोड़ लिया है और एक दूसरे को मात देने की कोशिश में लग गए हैं। समाजवादी पार्टी खेमा खासा उत्साहित है और उसे अपने ‘पीडीए’ के भरोसे अधिकांश सीटें जीतने की उम्मीद बांधे हैं तो भाजपा इस जंग इसके जरिए लोकसभा चुनाव में लगे झटके से उबरने के मौके के तौर पर देख रही है और खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इसकी कमान संभाल रखी है।
यह सीटें हैं रिक्त
प्रदेश में 10 सीटों गाजियाबाद, खैर, मीरापुर, कुंदरकी, करहल, मिल्कीपुर, कटेहरी, फूलपुर, मझवां के विधायकों के विधायकों के सांसद बन जाने के कारण ये सीटें रिक्त हो गई हैं। कानपुर की सीसामऊ सीट सपा विधायक इरफान सोलंकी के सजायाफ्ता होने के चलते अयोग्य घोषित किए जाने से खाली हो गई है। मिल्कीपुर छोड़कर बाकी जगह उपचुनाव होना है।
लोकसभा चुनाव के हिसाब से सपा छह सीटों पर आगे
इसी साल हुए लोकसभा चुनाव में सपा करहल, मिल्कीपुर, खैर, फूलपुर, कुंदरकी व कटेहरी विधानसभा में बढ़त बनाने में कामयाब रही जबकि कांग्रेस सीसामऊ में आगे रही। भाजपा गाजियाबाद में, रालोद मीरापुर में व अपना दल एस मंझवा सीट पर आगे रहा। पिछले विधानसभा चुनाव के हिसाब से देखें तो सपा ने 10 में पांच जीती थीं। रालोद ने एक व भाजपा ने चार जीती थीं।
अखिलेश का पीडीए का दांव
सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने हाल में कहा है कि सपा-कांग्रेस गठबंधन इस चुनाव में पूरी तैयारी के साथ उतरेगा। उन्होंने अब तक छह सीटों पर प्रत्याशी घोषित कर दिए हैं। यह सारे प्रत्याशी पिछड़ा दलित व अल्पसंख्यक वर्ग से आते हैं। इनमें दो मुस्लिम हैं। तीन महिलाएं हैं। खास बात यह कि पांच इनमें किसी न किसी बड़े राजनीतिक परिवार से जुड़े हैं। इस कारण सपा ने शिद्दत के साथ जातीय आधार, राजनीतिक परिवार का प्रभाव व आधी आबादी को ध्यान में रख कर प्रत्याशी दिए हैं। सपा लोकसभा चुनाव में प्रभावी रहे मंत्र ‘पीडीए’ का शिद्दत से जाप कर रही है। पिछड़ा दलित व अल्पसंख्यकों को लुभाने के लिए पार्टी हर जतन कर रही है। अखिलेश यादव हर मामले में पीडीए की उपेक्षा, उत्पीड़न का आरोप लगा कर भाजपा सरकार को घेरे में लिए हुए हैं। चाहे वह नौकरियों में भर्ती का मामला हो या उन्हें आगे बढ़ाने का मसला। भाजपा के खिलाफ सपा संविधान व आरक्षण बचाओ की लड़ाई के जरिए माहौल बनाने में लगी है।
कांग्रेस को सपा के रुख का इंतजार
कांग्रेस वैसे तो सभी सीटों पर प्रचार में जुटी थी लेकिन सपा ने एकतरफा छह सीट पर प्रत्याशी घोषित कर दिए तो इससे कांग्रेस हैरत में आ गई क्योंकि फूलपुर व मझवां पर वह खुद दावा कर रही थी। पर सीटों को लेकर कांग्रेस के साथ चल रही तकरार के बीच कांग्रेस व सपा के बीच गठबंधन तय है। लोकसभा कांग्रेस नेता राहुल गांधी व अखिलेश यादव के बीच बेहतर ट्यूनिंग दिखती है। सपा को अहसास है कि मुस्लिमों का एकमुश्त समर्थन उसे तभी मिलेगा जब गठबंधन के तौर वह उतरेंगे। इसीलिए कांग्रेस को साथ लेकर ही चुनाव लड़ने की तैयारी में है।
सपा के घोषित प्रत्याशी
विधानसभा सीटें सपा प्रत्याशी
करहल तेज प्रताप यादव
मिल्कीपुर अजीत प्रसाद
कटेहरी शोभावती वर्मा
सीसामऊ नसीम सोलंकी
फूलपुर मुस्तफा सिद्धिकी
मंझवा ज्योतिबिंद
गाजियाबाद -
खैर -
मीरापुर -
कुंदरकी -