पुलिस ने रामजीलाल सुमन का घर घेरा, दिन भर रहे हाउस अरेस्ट, अलीगढ़ जाने का था प्लान
राणा सांगा पर बयान के बाद से विवादों में आए समाजवादी पार्टी के सांसद रामजी लाल सुमन के आगरा स्थित घर को पुलिस ने शुक्रवार की सुबह ही घेर लिया और उन्हें हाउस अरेस्ट कर दिया। सांसद अलीगढ़ में दलित युवकों से मिलने जाने वाले थे।

समाजवादी पार्टी के राज्यसभा सांसद रामजीलाल सुमन शुक्रवार को नजरबंद कर लिए गए। वे मारपीट के शिकार दलित युवकों से मिलने अलीगढ़ जा रहे थे। सुबह ही पुलिस ने उनके आवास को छावनी में बदल दिया। उन्हें निकलने नहीं दिया। गुस्साए सांसद धरने पर बैठ गए। शाम चार बजे तक पुलिस का पहरा रहा। सपा सांसद के अलीगढ़ जाने की जानकारी लगते ही पुलिस ने सुबह 10 बजे ही उनके आवास को घेर लिया। कॉलोनी के मुख्य दरवाजे की ओर से आने वाले रास्ते पर बेरीकेडिंग लगा दी गई। जबकि हरीपर्वत चौराहे वाले रास्ते को बंद करके पुलिस का घेरा बिठा दिया। सांसद घर से बाहर आए तो पुलिस ने रोक लिया।
एसीपी विनायक भोंसले ने कहा कि उनकी सुरक्षा के मद्देनजर यह इंतजाम किया गया है। इस पर सांसद भड़क गए। बोले कि- 'हमलावरों को जूते मारकर बंद क्यों नहीं करते हैं। आप मेरा इंतजाम करते हैं, उनका इंतजाम क्यों नहीं करते।' एसीपी बोले कि- 'उन पर भी कार्यवाही की जाएगी।' इस पर सांसद का कहना था कि- 'अब तक के परिणामों से ऐसा लगता नहीं है।' इसके बाद काफी देर तक सांसद और पुलिस के आला अफसरों के बीच नोकझोंक होती रही। नाराज सुमन जमीन पर बैठ गए, धरना दिया।
शाम चार बजे तक पुलिस ने किसी को हिलने नहीं दिया। इसके बाद सांसद अपने आवास में चले गए। इस दौरान महानगर अध्यक्ष वाजिद निसार, सांसद प्रतिनिधि धर्मेंद्र यादव, दिवाकर गुर्जर, सलीम शाह, गौरव यादव, पवन प्रजापति, शैलेश यादव, राजकुमार सिंघल, शाहिद कुरैशी, अवनींद्र यादव, गंभीर सिंह, मोनू जाटव, प्रवीण बघेल, अवनीश सागर, राहुल चौधरी, डॉ. एमए गौरी, राजपाल बाबा, अभय सिंह, सोमेश गुप्ता, कुंवर वलीशेर, जमील सिद्दीकी, रवि सागर, डॉ. राजवीर कुशवाह, राधेश्याम प्रधान, लल्ला गुर्जर, ब्रजेश अंबेश मौजूद रहे।
आपका भविष्य उज्जवल, जल्दी कप्तान बनेंगे
सांसद सुमन ने एसीपी विनायक भोंसले से कहा कि अगर उन्हें नहीं जाने दिया जा रहा तो पीड़ित लड़कों को लेकर आ जाइए। एसीपी ने कहा कि पीड़ितों को खुद यहां लाएंगे तो सांसदजी को भी अच्छा नहीं लगेगा। इस पर सांसद बोले कि आपका भविष्य बहुत उज्जवल है। आप आधे पुलिस वाले और आधे नेता है। जल्दी कप्तान बनेंगे। एसीपी ने कहा कि आपके आशीर्वाद के लिए शुक्रिया, हमें तो देश सेवा करनी है।
हमारे लोग तलवार लेकर चलेंगे तो क्या करोगे
पुलिस के आला अफसरों से नोकझोंक के बीच सांसद ने कहा कि अपराधियों के खिलाफ अब तक जो कार्यवाही की गई है, उससे क्या संदेश गया है? करणी सेना में ऐसा कौन है जिसके खिलाफ आपराधिक मुकदमे नहीं हैं। कल उनके (समाजवादी) लोग अगर हरीपर्वत थाने के सामने तलवारें लेकर चलेंगे तो उन्हें पता है कि पुलिस क्या करेगी। कानून-व्यवस्था में यह दोहरापन अब नहीं चल पाएगा।
सुरक्षा कहां कर रहे हो, दिक्कत तो यही है
जब पुलिस ने सांसद से कहा कि आपकी सुरक्षा के मद्देनजर यह किया जा रहा है। इस पर सांसद ने कहा कि दिक्कत तो यही है कि आप हमारी सुरक्षा नहीं कर रहे हैं। 21 मार्च को राज्यसभा में भाषण के बाद 22 मार्च से उन्हें धमकियां मिलने लगीं, 26 मार्च को घर पर हमला हो गया, 12 अप्रैल को हमलावर हथियारों समेत प्रदर्शन कर गए। 27 अप्रैल को उन पर अलीगढ़ में हमला हुआ। इनमें से एक भी उदाहरण बता दीजिए कि सुरक्षा कर रहे हैं।
दलित युवकों से मिलने जा रहे थे सांसद सुमन
26 अप्रैल को अलीगढ़ में तीन दलित युवकों को कथित तौर पर पीटा गया था। बताया जाता है कि वह डॉ. आंबेडकर पर वीडियो बना रहे थे। जय भीम के नारे लगा रहे थे। तभी दबंगों ने उन्हें निर्वस्त्र करके पीटा। शरीर पर जख्म बना दिए। सोशल मीडिया पर यह मामला जबर्दस्त तरीके से वायरल हुआ था। इस मामले में पुलिस ने उल्टे दलित युवकों के खिलाफ ही मुकदमा लिख दिया। आरोप यह कि युवती को छेड़ने पर कुछ युवकों ने पीटा था।
जगह-जगह तोड़ी जा रहीं आंबेडकर प्रतिमाएं
सांसद सुमन ने कहा कि प्रदेश में जगह-जगह डॉ. आंबेडकर की प्रतिमाएं तोड़ी जा रही हैं। मैनपुरी के किशनी में प्रतिमा के ऊपर बुलडोजर चला दिया गया। सरकार के इशारे पर यह काम हो रहा है। इसका सरकार ने एक शार्टकट निकाल लिया है। प्रतिमा टूटने पर सड़क पर दूसरी मूर्ति रख देते हैं। कोई मुकदमा या कठोर कार्यवाही नहीं की जाती है। यह पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यकों को खुली चुनौती है। उन्हें कमजोरों की हिमायत करने से रोका जा रहा है।
योगी सरकार पर हमले
खुद को नजरबंद किए जाने के दौरान सांसद रामजीलाल सुमन ने प्रदेश सरकार पर तगड़े आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि प्रदेश में दलितों पर अत्याचार की बाढ़ आ गई है। 26 अप्रैल को अलीगढ़ में डॉ. आंबेडकर पर वीडियो बनाते तीन युवकों को निर्वस्त्र करके पिटाई की गई। पुलिस ने उल्टे उन्हीं का 151 में चालान कर दिया। उनके शरीर पर जख्म के निशान हैं। इसी तरह बुलंदशहर के सुनहरा गांव में दलित उत्पीड़न की घटना के पीड़ितों से मिलने जाते वक्त उन पर जानलेवा हमला किया गया। इस पर भी पुलिस ने आरोपियों का 151 में चालान करके छोड़ दिया। अपराधियों के साथ मेहमानों सा व्यवहार हो रहा है। मुख्यमंत्री रामराज्य कह रहे हैं और सुप्रीम कोर्ट ने प्रदेश की स्थिति को बद से बदतर करार दिया है। अपराधियों में संदेश है कि यूपी में उनके मिजाज की सरकार है। सरकार का संरक्षण प्राप्त है। इसीलिए ताबड़तोड़ घटनाएं हो रही हैं। सांसद ने आरोप लगाया कि उन्हें लगता है कि यह सारी गतिविधियां मुख्यमंत्री कार्यालय से संचालित की जा रही हैं।