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राशन कालाबाजारी का मुकदमा दर्ज, आढ़ती फंसे

Pilibhit News - बिलसंडा में हाईवे किनारे गोदाम में पीडीएस खाद्यान्न की कालाबाजारी का मामला सामने आया है। पूर्ति निरीक्षक की जांच के बाद गोदाम मालिक के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ है। 17 कुंतल चावल बरामद किया गया है, जो...

Newswrap हिन्दुस्तान, पीलीभीतSun, 12 Jan 2025 02:37 AM
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बिलसंडा। नगर में हाईवे से सटे गोदाम में तीसरे दिन पीडीएस खाद्यान्न बरामदगी मामले में राशन कालाबाजारी की धारा में मुकदमा दर्ज किया गया है। पूर्ति निरीक्षक शांतिस्वरूप ने जांच और डीएम की अनुमति के बाद गोदाम स्वामी प्रवीण जायसवाल के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है। गोदाम से बरामद करीब साढ़े 17 कुंतल चावल को सुपुर्दगी में दिया गया है। दर्ज मुकदमे में पूर्ति निरीक्षक ने आरोप लगाया कि सूचना मिली थी कि 80 कट्टे खाद्यान्न शीतल हॉस्पिटल के पीछे गोदाम में है। एसडीएम के निर्देश पर पहले नायब तहसीलदार अवधेश सिंह लेखपाल नीरज राठोर, विवेक दीक्षित, अरविंद कुमार मौके पर पहुंचे। जांच में खाद्यान्न पीडीएस का पाया गया। कार्रवाई के लिये जब वो मौके पर पहुंचे तो आरोपित व्यापारी प्रवीण के भाई ने पूर्ति निरीक्षक को बताया गोदाम के प्रोपराइटर प्रवीण हैं। जो उनके भाई हैं। उनके पास गल्ला व्यापार का लाइसेंस हैं। जिसके बाद पूर्ति निरीक्षक ने गोदाम का निरीक्षण करने के बाद मौके पर बरामद हुए चावल की 27 बन्द बोरी, 15 खुले कट्टे, 3 कुंतल बिखरे चावल कुल साढ़े 17 कुंतल चावल को सुपुर्दगी में दिया है। पूर्ति निरीक्षक ने बताया कि गल्ले के व्यापार से जुड़ा होने के कारण प्रवीण अवैध रूप से राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के अंतर्गत गरीबों को मुहैया होने वाले खाद्यान्न को खरीदकर एकत्रित करने के बाद सरकारी बोरों की सील खोलकर मार्का हटाते हुए लाभ के लिए अन्य बोरियों में एकत्र करते हैं। पूर्ति निरीक्षक ने बताया कि प्रवीण से जब बरामद माल की फर्द पर हस्ताक्षर करने को कहा गया तो वो मौके से बिना साइन किये चले गए। ऐसे में उनकी मंशा गलत थी। पूर्ति निरीक्षक ने बताया बरामद चावल नवीन की सुपुर्दगी में दिया गया है। मुकदमे की कार्रवाई से आला अफसरों को अवगत कराया है।

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ट्रकों से खुलेआम होती कालाबाजारी

बिलसंडा में राशन कालाबाजारी का धंधा पकड़ में आने के बाद पता चला है कि हाईवे किनारे राशन हैंडलिंग के जितने भी ट्रक खड़े होते थे उनमें परकी लगाने के अलावा बोरे फाड़ने समेत कई तरीकों से माल निकाला जाता था। जब खाद्यान्न डिलीवरी का वक्त होता है तो इस धंधे में जुटे लोग सक्रिय हो जाते थे। मैटाडोर, पिकअप समेत तमाम गाड़ियों से खाद्यान्न की खरीद फरोख्त करते थे। दूर गांवों के कोटेदार खुलेआम यहाँ खाद्यान्न बेंचते थे। दो माह में तीन बार राशन पकड़ा गया। सप्लाई दफ्तर के लोग दो बार जांच करने आये लेकिन उनको कुछ नही मिला। ऐसे में बड़ा सवाल ये है कि इस बार भी अगर एसडीएम का एक्शन और एक लेखपाल की सक्रियता न होती तो मिलता कुछ नहीं।

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वर्जन

सूचना मिलते ही हम लोगों में बिना देरी एक्शन लिया। गरीबों के राशन पर डाका डालने वालों पर सख्त कार्रवाई होगी। पब्लिक भी इसमें प्रशासन का साथ दें तो ये सब होगा ही नहीं। जहां भी ऐसे काले धंधे हो रहे हैं निसंकोच मुझे बताएं सख्त कार्रवाई होगी।

नागेन्द्र पांडे, एसडीएम।

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