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सहारनपुर कलक्ट्रेट स्थित मस्जिद में बाहरी लोगों के नमाज पढ़ने पर लगी रोक, पुलिस फोर्स तैनात

  • सहारनपुर कलक्ट्रेट स्थित मस्जिद में बाहरी व्यक्तियों के नमाज पढ़ने पर रोक लगा दी है। दरअसल, नमाज के चलते खासकर जुमे के दिन ज्यादा भीड़ होने से अक्सर कलक्ट्रेट का रास्ता तक बाधित हो जाता है।

Dinesh Rathour हिन्दुस्तान, सहारनपुर, वरिष्ठ संवाददाताFri, 21 Feb 2025 08:34 PM
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सहारनपुर कलक्ट्रेट स्थित मस्जिद में बाहरी लोगों के नमाज पढ़ने पर लगी रोक, पुलिस फोर्स तैनात

यूपी के सहारनपुर कलक्ट्रेट स्थित मस्जिद में बाहरी व्यक्तियों के नमाज पढ़ने पर रोक लगा दी है। दरअसल, नमाज के चलते खासकर जुमे के दिन ज्यादा भीड़ होने से अक्सर कलक्ट्रेट का रास्ता तक बाधित हो जाता है। शुक्रवार को प्रशासन ने पुलिस तैनात कर बाहरी लोगों को वापस लौटाते हुए आगे से बाहरी लोगों के आने पर रोक लगा दी है। मस्जिद कमेटी ने भी सहयोग किया और बाहरी लोगों से दूसरी मस्जिदों में नमाज अदा करने की अपील की। कहा आगे से बाहरी व्यक्तियों पर रोक की बाबत लिखकर भी लगाएंगे।

खास है कि पिछले दिनों बजरंग दल द्वारा मस्जिद की शिकायत को लेकर जांच चल रही है। इससे भी प्रशासन अतिरिक्त ऐहतियात बरत रहा है। इसी के मद्देनजर शुक्रवार को मस्जिद के बाहर पुलिस बल तैनात किया गया, जिसने बाहरी व्यक्तियों को नमाज अदा करने से रोका और उन्हें वापस लौटा दिया। मस्जिद कमेटी के मुतवल्ली ने बताया कि ब्रिटिशकालीन मस्जिद है। जुमे के दिन थोड़ी भीड़ हो जाती है। उन्होंने कहा कि मस्जिद परिसर में नोटिस लगाकर भी इस संबंध में जानकारी दी जाएगी।

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सीएम को शिकायत में मस्जिद को बताया था अवैध, चल रही जांच

कलक्ट्रेट परिसर में बनी इस मस्जिद को अवैध बताये जाने पर डीएम मनीष बंसल ने एडीएम प्रशासन को जांच दी है। बजरंग दल के पूर्व प्रांत संयोजक ने जिलाधिकारी कार्यालय परिसर में बनी मस्जिद को अवैध बताते हुए कहा था कि यह मस्जिद पूरी तरह से अवैध है जो पिछले कुछ ही वर्षों में बनाई गई है। मस्जिद परिसर में एक भारतीय डाक का कार्यालय व साथ में तीन-चार कमरे भी हैं। जिनमें मस्जिद के मौलवी के अलावा बाहरी लोग किराए पर लेकर रहते हैं जिनमें बाहरी लोगों का आवागमन भी रहता है व कमरों तथा डाकघर का मासिक किराया भी मस्जिद ही वसूलती हैं। कहा डीएम कार्यालय में महत्वपूर्ण व अति गोपनीय कार्य संपादित होते हैं ऐसे में वहां पर बाहरी लोगों का निवास एवं आवागमन कैसे संभव है?। मामले में एडीएम प्रशासन डॉ अर्चना द्विवेदी जांच कर रही हैं।

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ब्रिटिशकालीन मस्जिद: मस्जिद मुतवल्ली

मस्जिद मुतवल्ली मो तनवीर एडवोकेट ने कहा कि ब्रिटिशकालीन मस्जिद है। मस्जिद का खर्च चलाने को तीन पुलिसकर्मी व एक अधिवक्ता किराए पर रहते हैं। बाहरी लोगों के नमाज पर रोक की बाबत मुतवल्ली बताते हैं कि वह प्रशासन के साथ है। यहां वकील, कर्मचारी, फरियादी ही नमाज पढ़ते हैं। रजिस्ट्री कार्यालय कलक्ट्रेट में शिफ्ट होने से बैनामा कराने आए लोग नमाज पढ़ने आते हैं, जिससे थोड़ा भीड़ खासकर जुमे को दिक्कत होती है। कहा इसके अलावा बाहरी लोगों के लिए तो वह खुद भी लिखकर लगाएंगे। एडीएम प्रशासन से मिलकर बता भी दिया है।

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