मैं MLA की हाजिरी लगाने नहीं बैठा हूं, चलते सदन से विधायकों के निकलने पर भड़के सतीश महाना
- यूपी विधानसभा सत्र के चौथे दिन चालू सदन से विधायकों के निकलने पर स्पीकर सतीश महाना भड़क गए। लंच बाद सदन में विधायकों की संख्या में कमी देखकर स्पीकर ने मौजूद विधायकों को चेताया। उन्होंने कहा, मैं यहां विधायकों की हाजिरी लगाने के लिए नहीं बैठा हूं।

यूपी विधानसभा सत्र के चौथे दिन चालू सदन से विधायकों के निकलने पर स्पीकर सतीश महाना भड़क गए। बोले-मैं यहां किसी की हाजिरी लगाने के लिए नहीं बैठा हूं। मैं नियमों के हिसाब से सदन चलाऊंगा। मैं चाहता हूं कि सदन में ज्यादा से ज्यादा सदस्य बोलें। वह सदन में कम सदस्यों के उपस्थिति और कुछ सदस्यों द्वारा यह कह जाने पर कि देख लेना मैं जा रहा हूं कहने से खफा थे।
सदन में उनकी नाराजगी के बाद सत्ता पक्ष और विपक्षी सदस्यों की संख्या अचानक बढ़ गई और सदस्य बैठक कर सदन चलाने के लिए समय बढ़ाने की मांग करने लगे। विधानसभा में करीब तीन बजे का समय होने को आ रहा था। सदन के अंदर सत्ता पक्ष और विपक्ष की ओर की अधिकतर कुर्सियां खाली थीं। राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा चल रही थी। इसी बीच विधानसभा अध्यक्ष पहुंचे और सदस्यों की कम संख्या देखकर बोले-मैं नियमों के हिसाब से ही सदन को चलाऊंगा। मैं चाहता हूं कि सदन में अधिक से अधिक सदस्यों को बोलने का मौका मिले। ऐसा नहीं चलेगा कि उनके पास सदस्य आए और बोले कि मुझे शादी में जाना है, मेरी हाजिरी लगा दीजिएगा। मैं यहां विधायकों की हाजिरी लगाने के लिए नहीं बैठा हूं।
ज्यादातर विधायक अपनी-अपनी समस्या की पर्ची बताकर निकल गए हैं। मेरे पास सभी विधायकों की लिस्ट है। इस पर सपा विधायक ने सदन को छह बजे तक चलाने का आग्रह किया तो स्पीकर महाना बोले, मैं ऐसा कोई रिकॉर्ड नहीं बनाना चाहता कि आप लोग चले जाएं और मैं यहां बैठा रहूं। सदन को समय से खत्म कर दूंगा। अगर इस बीच किसी को बोलने में रुचि होगी तो बोले नहीं बोलने में रुचि है तो मैं जबरदस्ती बुलवाने में तैयार नहीं हूं। मैं पिछले तीन साल से प्रयास कर रहा हूं कि सदन में बैठने लोग बोलें। ये मेरा व्यक्तिगत मामला नहीं है, और न ही मैं अपने लिए कोई काम कर रहा हूं। पहले भी मैं कई बार निवेदन कर चुका हूं मैं भी पूरा दिन बैठता हूं।
मेरे से ज्यादा शादी-ब्याह में और कोई नहीं जाता होगा। सदन में ज्यादातर विधायकों के न बोलने पर महाना ने कहा, सदन में जिसको बोलने का मौका मिलेगा तो वह बोलेगा। समय नहीं बढ़ा सकता। समय मैं बढ़ाता हूं तो वह इसलिए नहीं कि जो लोग बोल चुके हैं और बाकी लोग बैठे रहें। किसी की कोई मीटिंग, किसी को कहीं जाना है तो सब लोग जा सकते हैं। मेरे अकेले की जिम्मेवारी नहीं है। सुरेश खन्ना को लेकर सतीश महाना बोले, मैं संससदीय कार्य मंत्री को कैसे मनाता हूं, ये केवल मैं ही जानता हूं। उनको सारे विभागों का प्रश्न देखते हैं। एक-एक विभाग के 80-80 प्रश्न देखते हैं। बीच सदन से जाने वाले विधायकों को लेकर स्पीकर ने कहा, मेरे पास आज लंबी लिस्ट है।
मैंने सबका नाम नोट किया है, जो लोग मुझे बोलकर गए हैं कि मैं जा रहा हूं देख लेना। मैं उनको बताना चाहता हूं मैं यहां देख लेने के लिए नहीं बैठा हूं। अगर आप लोग जैसे चाहते थे सदन चले वैसे ही फिर चलवा देंगे। महाना की नाराजगी देखकर एक सपा विधायक सीट से उठे और सदन को छह बजे तक चलवाने का आग्रह किया। इस पर स्पीकर महाना ने कहा, मैं ऐसा कोई रिकॉर्ड नहीं बनाना चाहता कि आप लोग चले जाएं और मैं यहां बैठा रहूं। दो बजे तक लोग नहीं रहेंगे तो दो बजे के बाद सदन नहीं चलाऊंगा। पूरी विधानसभा मुझे चलानी होती है न कि चार लोग। मैं किसी पक्ष की बात नहीं कर रहा। सोमवार से सदन नियम के हिसाब से चलाऊंगा।
विधानसभा अध्यक्ष की नाराजगी के बाद सदन फिर भर गया और चलने लगा। विधानसभा अध्यक्ष ने राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा के बाद एक-एक कर संकल्पों को लिया। इस पर मंत्रियों द्वारा जवाब दिया गया। अधिकतर संकल्प वापस ले लिए गए, लेकिन सिराथू कौशांबी की सपा विधायक पल्लवी पटेल द्वारा प्रयागराज मंडल में कैंसर इंस्टीट्यूट खोलने का अनुरोध किया गया। सरकार की ओर से कहा गया कि वाराणसी, लखनऊ और कानपुर में इसके लिए इंस्टीट्यूट हैं। उनके द्वारा इसे वापस न लिए जाने के बाद संख्या बल के आधार पर इसे खारिज कर दिया गया।